"एकसाल": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "ref>(" to "ref>") |
|||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
:'एकसाले स्थाणुमती विनते [[गोमती नदी]], कलिंगनगरे चापि प्राप्य सालवनं तदा'<ref>अयोध्या. 71, 16।</ref> | :'एकसाले स्थाणुमती विनते [[गोमती नदी]], कलिंगनगरे चापि प्राप्य सालवनं तदा'<ref>अयोध्या. 71, 16।</ref> | ||
[[बौद्ध साहित्य]]<ref> | [[बौद्ध साहित्य]]<ref>संयुत्त. 1, पृ. 111)</ref> में इसे [[कौशल महाजनपद|कोसल-देश]] का एक [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] का ग्राम बताया गया है, यहाँ [[बुद्ध]] ने मार को विजित किया था। | ||
12:10, 27 जुलाई 2011 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
वाल्मीकि-रामायण के अनुसार भरत ने केकय-देश से अयोध्या आते समय अयोध्या के पश्चिम की ओर इस स्थान पर स्थाणुमती नदी को पार किया था,
बौद्ध साहित्य[2] में इसे कोसल-देश का एक ब्राह्मणों का ग्राम बताया गया है, यहाँ बुद्ध ने मार को विजित किया था।