"राजस्थानी धातु एवं काष्ठ कला": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
*इनकी बनावट इन पर की गई खुदाई की कला के साथ-साथ इन पर प्राप्त सन् एवं अभिलेख हमें राजनीतिक सूचनाएँ प्रदान करते हैं।  
*इनकी बनावट इन पर की गई खुदाई की कला के साथ-साथ इन पर प्राप्त सन् एवं अभिलेख हमें राजनीतिक सूचनाएँ प्रदान करते हैं।  
*ऐसी ही तोप का उदाहरण हमें जोधपुर दुर्ग में देखने को मिला जबकि [[राजस्थान]] के संग्रहालयों में अभिलेख वाली कई तलवारें प्रदर्शनार्थ भी रखी हुई हैं।  
*ऐसी ही तोप का उदाहरण हमें जोधपुर दुर्ग में देखने को मिला जबकि [[राजस्थान]] के संग्रहालयों में अभिलेख वाली कई तलवारें प्रदर्शनार्थ भी रखी हुई हैं।  
*पालकी, काठियाँ, बैलगाड़ी, रथ, लकड़ी की टेबल, कुर्सियाँ, कलमदान, सन्दूक आदि भी मनुष्य की अभिवृत्तियों का दिग्दर्शन कराने के साथ तत्कालीन कलाकारों के श्रम और दशाओं का ब्यौरा प्रस्तुत करने में हमारे लिए महत्त्वपूर्ण स्रोत सामग्री है।
*पालकी, काठियाँ, [[बैलगाड़ी]], रथ, लकड़ी की टेबल, कुर्सियाँ, कलमदान, सन्दूक आदि भी मनुष्य की अभिवृत्तियों का दिग्दर्शन कराने के साथ तत्कालीन कलाकारों के श्रम और दशाओं का ब्यौरा प्रस्तुत करने में हमारे लिए महत्त्वपूर्ण स्रोत सामग्री है।


{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति  
{{लेख प्रगति  
|आधार=  
|आधार=  

11:55, 17 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

  • इसके अन्तर्गत तोप, बन्दूक, तलवार, म्यान, छुरी, कटारी, आदि अस्र-शस्र भी इतिहास के स्रोत हैं।
  • इनकी बनावट इन पर की गई खुदाई की कला के साथ-साथ इन पर प्राप्त सन् एवं अभिलेख हमें राजनीतिक सूचनाएँ प्रदान करते हैं।
  • ऐसी ही तोप का उदाहरण हमें जोधपुर दुर्ग में देखने को मिला जबकि राजस्थान के संग्रहालयों में अभिलेख वाली कई तलवारें प्रदर्शनार्थ भी रखी हुई हैं।
  • पालकी, काठियाँ, बैलगाड़ी, रथ, लकड़ी की टेबल, कुर्सियाँ, कलमदान, सन्दूक आदि भी मनुष्य की अभिवृत्तियों का दिग्दर्शन कराने के साथ तत्कालीन कलाकारों के श्रम और दशाओं का ब्यौरा प्रस्तुत करने में हमारे लिए महत्त्वपूर्ण स्रोत सामग्री है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संदर्भ

संबंधित लेख