"अभिकाल": अवतरणों में अंतर

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*[[रामायण|वाल्मीक रामायण]] 2,68,11 में अभिकाल का उल्लेख [[अयोध्या]] के दूतों की केकय यात्रा के प्रसंग में है  
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:'अभिकालंतत: प्राप्य तेजोभिभवनाच्च्युता:'  
:'अभिकालंतत: प्राप्य तेजोभिभवनाच्च्युता:'  
 
*जान पड़ता है कि यह स्थान [[पंजाब]] में [[व्यास नदी]] के पूर्व की ओर स्थित होगा क्योंकि इस नदी का वर्णन 2,68,19 में है जो दूतों को अभिकाल से पश्चिम की ओर चलने पर मिली थी।  
जान पड़ता है कि यह स्थान [[पंजाब]] में [[व्यास नदी]] के पूर्व की ओर स्थित होगा क्योंकि इस नदी का वर्णन 2,68,19 में है जो दूतों को अभिकाल से पश्चिम की ओर चलने पर मिली थी।  


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[[Category:पंजाब के ऐतिहासिक स्थान]]
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06:26, 20 अगस्त 2011 का अवतरण

'अभिकालंतत: प्राप्य तेजोभिभवनाच्च्युता:'
  • जान पड़ता है कि यह स्थान पंजाब में व्यास नदी के पूर्व की ओर स्थित होगा क्योंकि इस नदी का वर्णन 2,68,19 में है जो दूतों को अभिकाल से पश्चिम की ओर चलने पर मिली थी।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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