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'मोदापुरं वामदेवं सुदामानं सुसंकुलम्,
उलूकानुत्तरांश्चैव तांश्च राज्ञ: समानयत्।'[1]
अर्जुन ने दिग्विजययात्रा में उलूक देश पर भी विजय प्राप्त की थी। यह पंचगणराज्यों में से था-
'तत्रस्थ: पुरुषैरेव धर्मराजस्य शासनात्,
किरीटी जितवान् राजन् देशान् पंचगणांस्तत:।'[2]
ये राज्य पंजाब की पहाड़ियाँ में बसे हुए थे और वर्तमान कुलू के आसपास स्थित थे। संभवत: उल्लूक कुलूक या कुलू का ही पाठांतर है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सभा पर्व महाभारत 27, 11
- ↑ सभा पर्व महाभारत 27, 12