"परेंदा": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "काफी" to "काफ़ी") |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
*1605 ई. में मुग़लों का [[अहमदनगर]] पर अधिकार होने के पश्चात [[निज़ामशाही वंश|निज़ामशाही]] सुल्तानों ने अपनी राजधानी यहाँ बनाई। तत्पश्चात [[बीजापुर]] के सुल्तान आदिलश ने इस पर अधिकार कर लिया। | *1605 ई. में मुग़लों का [[अहमदनगर]] पर अधिकार होने के पश्चात [[निज़ामशाही वंश|निज़ामशाही]] सुल्तानों ने अपनी राजधानी यहाँ बनाई। तत्पश्चात [[बीजापुर]] के सुल्तान आदिलश ने इस पर अधिकार कर लिया। | ||
*1630 ई. में [[शाहजहाँ]] ने परेंदा को अपने घेर में लिया लेकिन [[औरंगजेब]] ने अपनी दक्षिण की सूबेदारी के समय इस पर पूर्ण रूप से अधिकार कर लिया। | *1630 ई. में [[शाहजहाँ]] ने परेंदा को अपने घेर में लिया लेकिन [[औरंगजेब]] ने अपनी दक्षिण की सूबेदारी के समय इस पर पूर्ण रूप से अधिकार कर लिया। | ||
*परेंदा का क़िला तो अच्छी दशा में है, किंतु पुराना नगर अब खंडहर हो गया है। खंडहरों का विस्तार देखते हुए जान पड़ता है कि प्राचीन समय में यह नगर | *परेंदा का क़िला तो अच्छी दशा में है, किंतु पुराना नगर अब खंडहर हो गया है। खंडहरों का विस्तार देखते हुए जान पड़ता है कि प्राचीन समय में यह नगर काफ़ी लम्बा-चौड़ा रहा होगा। | ||
08:21, 11 जुलाई 2011 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
- परेंदा महाराष्ट्र के उस्मानाबाद ज़िले में स्थित एक नगर है।
- परेंदा में बहमनी राज्य के प्रसिद्ध बुद्धिमान मंत्री महमूद गवाँ का बनवाया हुआ क़िला मुख्य ऐतिहासिक स्मारक है। इसमें कई बड़ी-बड़ी तोपें रखी हुई हैं।
- 1605 ई. में मुग़लों का अहमदनगर पर अधिकार होने के पश्चात निज़ामशाही सुल्तानों ने अपनी राजधानी यहाँ बनाई। तत्पश्चात बीजापुर के सुल्तान आदिलश ने इस पर अधिकार कर लिया।
- 1630 ई. में शाहजहाँ ने परेंदा को अपने घेर में लिया लेकिन औरंगजेब ने अपनी दक्षिण की सूबेदारी के समय इस पर पूर्ण रूप से अधिकार कर लिया।
- परेंदा का क़िला तो अच्छी दशा में है, किंतु पुराना नगर अब खंडहर हो गया है। खंडहरों का विस्तार देखते हुए जान पड़ता है कि प्राचीन समय में यह नगर काफ़ी लम्बा-चौड़ा रहा होगा।
|
|
|
|
|