"अगरोहा हिसार": अवतरणों में अंतर

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*स्थानीय किंवदंती के अनुसार [[महाभारत]] काल में यहां राजा [[उग्रसेन]] की राजधानी थी और स्थान का नाम उग्रसेन का ही अपभ्रंश है।  
*स्थानीय किंवदंती के अनुसार [[महाभारत]] काल में यहां राजा [[उग्रसेन]] की राजधानी थी और स्थान का नाम उग्रसेन का ही अपभ्रंश है।  
*यह चोटी अगरोहा से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।  
*यह चोटी अगरोहा से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।  
*अगरोहा में इस चोटी की सन [[1888]] से [[1889]] ई. में खुदाई की गई थी।  
*अगरोहा में इस चोटी की सन् [[1888]] से [[1889]] ई. में खुदाई की गई थी।  
*खुदाई करने के बाद ही अगरोहा साम्राज्य के अवशेष पाए गए थे। यह हिसार से 20 किलोमीटर और [[दिल्ली]] से 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।  
*खुदाई करने के बाद ही अगरोहा साम्राज्य के अवशेष पाए गए थे। यह हिसार से 20 किलोमीटर और [[दिल्ली]] से 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।  
*यवन-सम्राट अलक्षेंद्र के भारत पर आक्रमण के समय (327 ई0 पू0) यहां आग्रेय गणराज्य था।  
*यवन-सम्राट अलक्षेंद्र के भारत पर आक्रमण के समय (327 ई0 पू0) यहां आग्रेय गणराज्य था।  

14:00, 6 मार्च 2012 का अवतरण

अग्रोहा

  • वर्तमान अग्राहा या अग्रोहा प्राचीन अग्रोदक या अग्रोतक है।
  • अगरोहा हरियाणा के हिसार ज़िले में स्थित नगर जो आग्रेय गणराज्य की राजधानी था।
  • स्थानीय किंवदंती के अनुसार महाभारत काल में यहां राजा उग्रसेन की राजधानी थी और स्थान का नाम उग्रसेन का ही अपभ्रंश है।
  • यह चोटी अगरोहा से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • अगरोहा में इस चोटी की सन् 1888 से 1889 ई. में खुदाई की गई थी।
  • खुदाई करने के बाद ही अगरोहा साम्राज्य के अवशेष पाए गए थे। यह हिसार से 20 किलोमीटर और दिल्ली से 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • यवन-सम्राट अलक्षेंद्र के भारत पर आक्रमण के समय (327 ई0 पू0) यहां आग्रेय गणराज्य था।
  • चीनी यात्री चेमाङ् ने भी अग्रोदक का उल्लेख किया है।
  • अग्राहा हिसार के निकट है।


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