"अभिसारी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "जोर" to "ज़ोर") |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[सभा पर्व महाभारत|महाभारत]]<ref>[[सभा पर्व महाभारत]] 27,19</ref> में अभिसारी नामक नगरी पर [[अर्जुन]] द्वारा विजय प्राप्त करने का उल्लेख है- | [[सभा पर्व महाभारत|महाभारत]]<ref>[[सभा पर्व महाभारत]] 27,19</ref> में अभिसारी नामक नगरी पर [[अर्जुन]] द्वारा विजय प्राप्त करने का उल्लेख है- | ||
<poem>'अभिसारी ततो रम्यां विजिग्ये कुरुनन्दन:। | <poem>'अभिसारी ततो रम्यां विजिग्ये कुरुनन्दन:। | ||
पंक्ति 17: | पंक्ति 16: | ||
[[Category:महाभारत]] | [[Category:महाभारत]] | ||
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
07:10, 20 अगस्त 2011 का अवतरण
महाभारत[1] में अभिसारी नामक नगरी पर अर्जुन द्वारा विजय प्राप्त करने का उल्लेख है-
'अभिसारी ततो रम्यां विजिग्ये कुरुनन्दन:।
उरगावासिनं चैव रोचमानं रणेऽजयत्'।
प्रसंग से सूचित होता है कि अभिसारी ग्रीक लेखकों का आबिसारिस नामक नगर या राज्य है जो तक्षशिला के उत्तर के पर्वतों में बसा हुआ था। अलक्षेंद्र के भारत पर आक्रमण के समय (327 ई.पू.), अभिसारी के राजा तथा तक्षशिला नरेश आंभी ने बिना युद्ध किए ही यवनराज से मित्रता की संधि कर ली थी। यह छोटा-सा राज्य चिनाब नदी के पश्चिम में पूंछ, राज़ोरी और भिंभर की पहाड़ियों में स्थित था। इस इलाके को छिमाल भी कहा जाता है। महाभारत के उद्धरण में उरगा या उरशा वर्तमान हज़ारा (पश्चिमी पाकिस्तान) है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सभा पर्व महाभारत 27,19
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख