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रूबिडियम [[आवर्त सारणी]] के प्रथम मुख्य समूह का चौथा [[तत्व]] है। रूबिडियम का संकेत '''Rb''', [[परमाणु संख्या]] 37, [[परमाणु भार]] 85.47, [[गलनांक]] 38.9 सें., [[क्वथनांक]] 688 सें. तथा [[घनत्व]] 1.53 ग्राम प्रति घ. सेंमी.। इसमें धातुगुण वर्तमान हैं। इसके तीन स्थिर [[समस्थानिक]] प्राप्त हैं, जिनकी [[द्रव्यमान संख्या|द्रव्यमान संख्याएँ]] क्रमश: 85, 86, 87 हैं। इस तत्व की खोज बुंसन तथा किर्खहॉफ़ ने 1860 ई. में स्पेक्ट्रमदर्शी द्वारा की थी। स्पेक्ट्रमदर्शी द्वारा प्रयोगों में दो नई लाल रेखाएँ मिलीं, जिनके कारण इसका नाम रूबिडियम रखा गया। लेपिडोलाइट अयस्क में रूबिडियम की मात्रा लगभग 1 प्रतिशत रहती है। इसके अतिरिक्त अभ्रक तथा कार्टेलाइड में भी यह न्यून मात्रा में मिलता है। [[पोटैशियम]] तथा रूबिडियम के प्लैटिनिक क्लोराइडों की विलेयता भिन्न भिन्न है, जिसके कारण इन दोनों को पृथक्‌ किया जा सकता है।
रूबिडियम [[आवर्त सारणी]] के प्रथम मुख्य समूह का चौथा [[तत्व]] है। रूबिडियम का संकेत '''Rb''', [[परमाणु संख्या]] 37, [[परमाणु भार]] 85.47, [[गलनांक]] 38.9 सें., [[क्वथनांक]] 688 सें. तथा [[घनत्व]] 1.53 ग्राम प्रति घ. सेंमी.। इसमें धातुगुण वर्तमान हैं। इसके तीन स्थिर [[समस्थानिक]] प्राप्त हैं, जिनकी [[द्रव्यमान संख्या|द्रव्यमान संख्याएँ]] क्रमश: 85, 86, 87 हैं। इस तत्व की खोज बुंसन तथा किर्खहॉफ़ ने 1860 ई. में स्पेक्ट्रमदर्शी द्वारा की थी। स्पेक्ट्रमदर्शी द्वारा प्रयोगों में दो नई लाल रेखाएँ मिलीं, जिनके कारण इसका नाम रूबिडियम रखा गया। लेपिडोलाइट अयस्क में रूबिडियम की मात्रा लगभग 1 प्रतिशत रहती है। इसके अतिरिक्त अभ्रक तथा कार्टेलाइड में भी यह न्यून मात्रा में मिलता है। [[पोटैशियम]] तथा रूबिडियम के प्लैटिनिक क्लोराइडों की विलेयता भिन्न भिन्न है, जिसके कारण इन दोनों को पृथक्‌ किया जा सकता है।



13:00, 16 जुलाई 2011 का अवतरण

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रूबिडियम

रूबिडियम आवर्त सारणी के प्रथम मुख्य समूह का चौथा तत्व है। रूबिडियम का संकेत Rb, परमाणु संख्या 37, परमाणु भार 85.47, गलनांक 38.9 सें., क्वथनांक 688 सें. तथा घनत्व 1.53 ग्राम प्रति घ. सेंमी.। इसमें धातुगुण वर्तमान हैं। इसके तीन स्थिर समस्थानिक प्राप्त हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ क्रमश: 85, 86, 87 हैं। इस तत्व की खोज बुंसन तथा किर्खहॉफ़ ने 1860 ई. में स्पेक्ट्रमदर्शी द्वारा की थी। स्पेक्ट्रमदर्शी द्वारा प्रयोगों में दो नई लाल रेखाएँ मिलीं, जिनके कारण इसका नाम रूबिडियम रखा गया। लेपिडोलाइट अयस्क में रूबिडियम की मात्रा लगभग 1 प्रतिशत रहती है। इसके अतिरिक्त अभ्रक तथा कार्टेलाइड में भी यह न्यून मात्रा में मिलता है। पोटैशियम तथा रूबिडियम के प्लैटिनिक क्लोराइडों की विलेयता भिन्न भिन्न है, जिसके कारण इन दोनों को पृथक्‌ किया जा सकता है।

रूबिडियम के यौगिकों को कैल्सियम अथवा विद्युत्‌ द्वारा अपचयित कराकर धातु प्राप्त की जाती है। यह चमकदार धातु है। रूबिडियम की वायु में शीघ्र ऑक्सीकरण हो जाता है। यह जल का शीघ्रता से विघटन करता है। इसके लवण रंगहीन तथा जलविलेय हैं और इनके गुण प्राय: पोटैशियम लवणों से मिलते जुलते हैं।


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