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#[[कश्यप]] के पुत्र एक गोत्रकार ऋषि जिनका विवाह हिमवान की पुत्री एकपर्णा से हुआ था। ये ब्रह्मवादी तथा मंत्रद्रष्टा थे। यह देवल के पिता थे जो एकपर्णा के मानसपुत्र थे<ref>[[ब्रह्माण्ड पुराण]]. 2.32.112;3.8.29;10-18; [[मत्स्य पुराण]]. 145. 107; [[वायु पुराण]]. 59.103;70.25; 72.17</ref>  
#[[कश्यप]] के पुत्र एक गोत्रकार ऋषि जिनका विवाह हिमवान की पुत्री एकपर्णा से हुआ था। ये ब्रह्मवादी तथा मंत्रद्रष्टा थे। यह देवल के पिता थे जो एकपर्णा के मानसपुत्र थे।<ref>[[ब्रह्माण्ड पुराण]]. 2.32.112;3.8.29;10-18; [[मत्स्य पुराण]]. 145. 107; [[वायु पुराण]]. 59.103;70.25; 72.17</ref>  
#एक पहाड़ जहाँ असित ऋषि का आश्रम था।<ref>वायु पुराण.77.39</ref> यहाँ श्राद्ध करने का अनंत फल कहा गया है<ref>ब्रह्माण्ड पुराण.3.13.39</ref>
#एक पहाड़ जहाँ असित ऋषि का आश्रम था।<ref>वायु पुराण.77.39</ref> यहाँ श्राद्ध करने का अनंत फल कहा गया है।<ref>ब्रह्माण्ड पुराण.3.13.39</ref>
#एक ऋषि का नाम जिससे [[पृथ्वी]] ने संसार के राजाओं के अज्ञानता का रहस्य कहा था और ऋषि ने यह संवाद राजा जनक से कहा था।<ref>[[विष्णु पुराण]]. 4.24.127</ref>
#एक ऋषि का नाम जिससे [[पृथ्वी]] ने संसार के राजाओं के अज्ञानता का रहस्य कहा था और ऋषि ने यह संवाद राजा जनक से कहा था।<ref>[[विष्णु पुराण]]. 4.24.127</ref>
#एक ऋषि, जिन्होंने दाशराज से सत्यवती का हाथ माँगा था, किंतु दाशराज ने इनका प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था।
#एक ऋषि, जिन्होंने दाशराज से सत्यवती का हाथ माँगा था, किंतु दाशराज ने इनका प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था।

10:09, 3 अगस्त 2011 का अवतरण

  1. असित एक सिद्ध महात्मा जो भीष्म की मृत्यु के समय उनसे मिलने गये थे।[1] असित युधिष्ठिर के यज्ञ में भी निमंत्रित थे।[2] स्यमंतपंचक में यह श्रीकृष्ण से मिले थे।[3]द्वारका छोड़ पिंडारक जानेवाले ऋषियों में से यह भी एक थे।[4]श्रीकृष्ण के कुरुक्षेत्र वाले यज्ञ में यह पुरोहित थे। असित को सरस्वती नदी का एक स्थान अति प्रिय था।[5]
  2. कश्यप के पुत्र एक गोत्रकार ऋषि जिनका विवाह हिमवान की पुत्री एकपर्णा से हुआ था। ये ब्रह्मवादी तथा मंत्रद्रष्टा थे। यह देवल के पिता थे जो एकपर्णा के मानसपुत्र थे।[6]
  3. एक पहाड़ जहाँ असित ऋषि का आश्रम था।[7] यहाँ श्राद्ध करने का अनंत फल कहा गया है।[8]
  4. एक ऋषि का नाम जिससे पृथ्वी ने संसार के राजाओं के अज्ञानता का रहस्य कहा था और ऋषि ने यह संवाद राजा जनक से कहा था।[9]
  5. एक ऋषि, जिन्होंने दाशराज से सत्यवती का हाथ माँगा था, किंतु दाशराज ने इनका प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भागवत पुराण.1.9.7
  2. भागवत पुराण.10.74.7
  3. भागवत पुराण.10.84.3
  4. भागवत पुराण.11.1.12.।
  5. भागवत पुराण.3.1.22)।
  6. ब्रह्माण्ड पुराण. 2.32.112;3.8.29;10-18; मत्स्य पुराण. 145. 107; वायु पुराण. 59.103;70.25; 72.17
  7. वायु पुराण.77.39
  8. ब्रह्माण्ड पुराण.3.13.39
  9. विष्णु पुराण. 4.24.127

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