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[[रामायण]] काल में 'किष्किन्धा' वानर राज [[बाली]] का राज्य था। किष्किन्धा संभत: '[[ऋष्यमूक]]' की भाँति ही पर्वत था। बाली ने अपने भाई [[सुग्रीव]] को किष्किन्धा से मार कर भगा दिया था और वह ऋष्यमूक पर्वत पर [[हनुमान]] आदि के साथ रहने लगा था। ऋष्यमूक पर बाली श्राप के कारण नहीं जा सकता था। वाल्मीकि रामायण में यह कथा [[किष्किन्धा काण्ड वा॰ रा॰|किष्किन्धा काण्ड]] में वर्णित है। | [[रामायण]] काल में 'किष्किन्धा' वानर राज [[बाली]] का राज्य था। किष्किन्धा संभत: '[[ऋष्यमूक]]' की भाँति ही पर्वत था। बाली ने अपने भाई [[सुग्रीव]] को किष्किन्धा से मार कर भगा दिया था और वह ऋष्यमूक पर्वत पर [[हनुमान]] आदि के साथ रहने लगा था। ऋष्यमूक पर बाली श्राप के कारण नहीं जा सकता था। वाल्मीकि रामायण में यह कथा [[किष्किन्धा काण्ड वा॰ रा॰|किष्किन्धा काण्ड]] में वर्णित है। | ||
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06:55, 5 मई 2010 का अवतरण
किष्किन्धा / Kishikindha
रामायण काल में 'किष्किन्धा' वानर राज बाली का राज्य था। किष्किन्धा संभत: 'ऋष्यमूक' की भाँति ही पर्वत था। बाली ने अपने भाई सुग्रीव को किष्किन्धा से मार कर भगा दिया था और वह ऋष्यमूक पर्वत पर हनुमान आदि के साथ रहने लगा था। ऋष्यमूक पर बाली श्राप के कारण नहीं जा सकता था। वाल्मीकि रामायण में यह कथा किष्किन्धा काण्ड में वर्णित है।