|
|
पंक्ति 1: |
पंक्ति 1: |
| <poem>खोण्ड विद्रोह की शुरुआत 1837 ई. में हुई थी।
| |
| खोण्डों का विस्तार तमिलनाडु से लेकर बंगाल एवं मध्य भारत के पहाड़ी क्षेत्रों तक था।
| |
| इन्होंने 1837 ई. से लेकर 1856 ई. तक ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध विद्रोह किया।
| |
| इस विद्रोह में 'धुमसर', 'चीन की मेंडी', 'कालाहंडी' तथा पटना के आदिवासियों ने सक्रिय भाग लिया।
| |
| इस विद्रोह के निम्नलिखित दो प्रमुख कारण थे-
| |
| इस विद्रोह का नेतृत्व 'चक्र बिसोई' नामक व्यक्ति ने किया था।
| |
| बाद में 'राधाकृष्ण', 'दण्डसेन' के नेतृत्व में 'सवारा' और कुछ अन्य जनजातियाँ भी इस विद्रोह में शामिल हो गयीं।
| |
|
| |
|
| सरकार द्वारा मानव बलि को प्रतिबन्धित करने का प्रयास।
| |
| सरकार द्वारा नये करों को लगाना, उनके क्षेत्रों में ज़मींदारी और साहूकारों का प्रवेश।</poem>
| |