"आलम": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - " सन " to " सन् ") |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
*आलम [[अकबर]] के समय के एक [[मुसलमान]] कवि थे जिन्होंने | *आलम [[अकबर]] के समय के एक [[मुसलमान]] कवि थे जिन्होंने सन् 991 हिजरी अर्थात संवत् 1639-40 में 'माधावानल कामकंदला' नाम की प्रेम कहानी दोहा चौपाई में लिखी। *पाँच पाँच चौपाइयों (अर्धालियों) पर एक एक दोहा या सोरठा है। | ||
*यह [[श्रृंगार रस]] की दृष्टि से ही लिखी जान पड़ती है, आध्यात्मिक दृष्टि से नहीं। | *यह [[श्रृंगार रस]] की दृष्टि से ही लिखी जान पड़ती है, आध्यात्मिक दृष्टि से नहीं। | ||
*इसमें जो कुछ रुचिरता है, वह कहानी की है, वस्तु वर्णन, भाव व्यंजना आदि की नहीं है। | *इसमें जो कुछ रुचिरता है, वह कहानी की है, वस्तु वर्णन, भाव व्यंजना आदि की नहीं है। |
14:01, 6 मार्च 2012 का अवतरण
- आलम अकबर के समय के एक मुसलमान कवि थे जिन्होंने सन् 991 हिजरी अर्थात संवत् 1639-40 में 'माधावानल कामकंदला' नाम की प्रेम कहानी दोहा चौपाई में लिखी। *पाँच पाँच चौपाइयों (अर्धालियों) पर एक एक दोहा या सोरठा है।
- यह श्रृंगार रस की दृष्टि से ही लिखी जान पड़ती है, आध्यात्मिक दृष्टि से नहीं।
- इसमें जो कुछ रुचिरता है, वह कहानी की है, वस्तु वर्णन, भाव व्यंजना आदि की नहीं है।
- कहानी भी प्राकृत या अपभ्रंश से चली आती हुई पुरानी कहानी है।
- कवि ने रचनाकाल का उल्लेख इस प्रकार किया है
दिल्लीपति अकबर सुरताना । सप्तदीप में जाकी आना
धरमराज सब देस चलावा । हिंदू-तुरुक पंथ सब लावा
सन नौ सै इक्कानबे आही। करौं कथा औ बोलौं ताही
|
|
|
|
|