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1-अजगर करे ना चाकरी पंछी करे ना काम,<br />
दास मलूका कह गए सब के दाता राम ..।
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अर्थ -  अजगर को किसी की नौकरी नहीं करनी होती और पक्षी को भी कोई काम नहीं करना होता, ईश्वर ही सबका पालनहार है, इसलिए कोई भी काम मत करो ईश्वर स्वयं देगा। आलसी लोगों के लिए श्री मलूकदास जी का ये कथन बहुत ही उचित है !
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|2-असाढ़ जोतो लड़के ढार, सावन भादों हरवा है<br />
क्वार जोतो घर का बैल, तब ऊंचे उनहारे।
|अर्थ -किसान को आषाढ माह में साधारण जुताई करनी चाहिए, सावन भादों में अधिक, परन्तु क्वार में बहुत अधिक जुताई करें कि दिन-रात का ध्यान ना रहे, तभी अच्छी और ज़्यादा उपज होगी।
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12:48, 9 मई 2010 का अवतरण

मिजोरम
मिजोरम प्रदेश के ज़िले

आइजोल ज़िला . चम्फाई ज़िला . कोलासिब ज़िला . ममित ज़िला . लुंगलेई ज़िला . लॉन्ग्तलाई ज़िला . सइहा ज़िला . सेरछिप ज़िला


|- | style="width:30%"| 1-अजगर करे ना चाकरी पंछी करे ना काम,
दास मलूका कह गए सब के दाता राम ..। | style="width:70%"| अर्थ - अजगर को किसी की नौकरी नहीं करनी होती और पक्षी को भी कोई काम नहीं करना होता, ईश्वर ही सबका पालनहार है, इसलिए कोई भी काम मत करो ईश्वर स्वयं देगा। आलसी लोगों के लिए श्री मलूकदास जी का ये कथन बहुत ही उचित है ! |- |2-असाढ़ जोतो लड़के ढार, सावन भादों हरवा है
क्वार जोतो घर का बैल, तब ऊंचे उनहारे। |अर्थ -किसान को आषाढ माह में साधारण जुताई करनी चाहिए, सावन भादों में अधिक, परन्तु क्वार में बहुत अधिक जुताई करें कि दिन-रात का ध्यान ना रहे, तभी अच्छी और ज़्यादा उपज होगी। |}