"सेन्ट जॉन चर्च": अवतरणों में अंतर
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*इस चर्च की गणना उत्तर भारत के सबसे प्राचीन चर्चो में की जाती है। | *इस चर्च की गणना उत्तर भारत के सबसे प्राचीन चर्चो में की जाती है। | ||
*इस विशाल चर्च में दस हजार लोगों के बैठने की क्षमता है। | *इस विशाल चर्च में दस हजार लोगों के बैठने की क्षमता है। | ||
*सेन्ट जॉन चर्च का निर्माण मेरठ छावनी स्थापित होने के पश्चात 1815 ई0 में आरम्भ हुआ तथा इसका कौन्सिग्रेशन 1823 ई0 में हुआ। * | *सेन्ट जॉन चर्च का निर्माण मेरठ छावनी स्थापित होने के पश्चात 1815 ई0 में आरम्भ हुआ तथा इसका कौन्सिग्रेशन 1823 ई0 में हुआ। | ||
*इसमें | *यह मेरठ छावनी के अंग्रेजी सेना क्षेत्र के मध्य स्थित था। | ||
*इसमें तत्कालीन फर्नीचर एवं दीवारों पर लगे शिलालेख आज भी देखे जा सकते हैं । | |||
*इसमें दो महत्वपूर्ण शिलालेख पुरातन [[देवनागरी लिपि|देवनागरी]] तथा [[फ़ारसी भाषा|फारसी]] लिपियों में हैं। | *इसमें दो महत्वपूर्ण शिलालेख पुरातन [[देवनागरी लिपि|देवनागरी]] तथा [[फ़ारसी भाषा|फारसी]] लिपियों में हैं। | ||
13:50, 18 अगस्त 2011 का अवतरण
- 1819 में इस चर्च को ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से 'चेपलिन रेव हेनरी फिशर' ने स्थापित किया था।
- इस चर्च की गणना उत्तर भारत के सबसे प्राचीन चर्चो में की जाती है।
- इस विशाल चर्च में दस हजार लोगों के बैठने की क्षमता है।
- सेन्ट जॉन चर्च का निर्माण मेरठ छावनी स्थापित होने के पश्चात 1815 ई0 में आरम्भ हुआ तथा इसका कौन्सिग्रेशन 1823 ई0 में हुआ।
- यह मेरठ छावनी के अंग्रेजी सेना क्षेत्र के मध्य स्थित था।
- इसमें तत्कालीन फर्नीचर एवं दीवारों पर लगे शिलालेख आज भी देखे जा सकते हैं ।
- इसमें दो महत्वपूर्ण शिलालेख पुरातन देवनागरी तथा फारसी लिपियों में हैं।
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