"तुम कनक किरन -जयशंकर प्रसाद": अवतरणों में अंतर
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लुक छिप कर चलते हो क्यों ? | लुक छिप कर चलते हो क्यों ? | ||
नत मस्तक | नत मस्तक गर्व वहन करते | ||
यौवन के घन रस कन झरते | यौवन के घन रस कन झरते | ||
हे लाज भरे सौंदर्य बता दो | हे लाज भरे सौंदर्य बता दो | ||
मौन बने रहते हो क्यो? | |||
अधरों के मधुर कगारों में | अधरों के मधुर कगारों में |
07:08, 20 अगस्त 2011 का अवतरण
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तुम कनक किरन के अंतराल में |