"परिवर्तन -सुमित्रानंदन पंत": अवतरणों में अंतर
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आज कहां वह पूर्ण-पुरातन, वह सुवर्ण का काल? | आज कहां वह पूर्ण-पुरातन, वह सुवर्ण का काल? | ||
भूतियों का दिगंत-छवि-जाल, | |||
ज्योति-चुम्बित जगती का भाल? | |||
राशि राशि विकसित वसुधा का वह यौवन-विस्तार? | राशि राशि विकसित वसुधा का वह यौवन-विस्तार? | ||
स्वर्ग की सुषमा जब साभार | |||
धरा पर करती थी अभिसार! | |||
प्रसूनों के शाश्वत-श्रृंगार, | |||
(स्वर्ण-भृंगों के गंध-विहार) | |||
गूंज उठते थे बारंबार, | |||
सृष्टि के प्रथमोद्गार! | |||
नग्न-सुंदरता थी सुकुमार, | |||
ॠध्दि औ’ सिध्दि अपार! | |||
अये, विश्व का स्वर्ण-स्वप्न, संसृति का प्रथम-प्रभात, | अये, विश्व का स्वर्ण-स्वप्न, संसृति का प्रथम-प्रभात, | ||
कहाँ वह सत्य, वेद-विख्यात? | |||
दुरित, दु:ख, दैन्य न थे जब ज्ञात, | |||
अपरिचित जरा-मरण-भ्रू-पात! | |||
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अहे निष्ठुर परिवर्तन! | अहे निष्ठुर परिवर्तन! |
12:21, 29 अगस्त 2011 का अवतरण
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