"बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-4": अवतरणों में अंतर
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*साथ ही याज्ञवल्क्य और मैत्रेयी के संवाद भी इसमें हैं। | *साथ ही याज्ञवल्क्य और मैत्रेयी के संवाद भी इसमें हैं। | ||
*अन्त में इस काण्ड की परम्परा को दोहराया गया है। | *अन्त में इस काण्ड की परम्परा को दोहराया गया है। |
09:58, 5 सितम्बर 2011 का अवतरण
इस अध्याय में छह ब्राह्मण हैं।
- बृहदारण्यकोपनिषद के इस अध्याय में महर्षि याज्ञवल्क्य और राजा जनक के मध्य हुए संवादों का उल्लेख किया गया है।
- साथ ही याज्ञवल्क्य और मैत्रेयी के संवाद भी इसमें हैं।
- अन्त में इस काण्ड की परम्परा को दोहराया गया है।
- जो इस प्रकार है:-
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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