"रत्नावली शक्तिपीठ": अवतरणों में अंतर
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07:42, 14 फ़रवरी 2012 का अवतरण
हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया। ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है। रत्नावली, 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है।
- रत्नावली शक्तिपीठ का निश्चित्त स्थान अज्ञात है, किंतु बंगाल पंजिका के अनुसार यह तमिलनाडु के मद्रास (वर्तमान चेन्नई) में कहीं है।
- यहाँ सती का "दायाँ कन्धा" गिरा था।
- यहाँ की शक्ति "कुमारी" तथा भैरव "शिव" हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ