"कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 18": अवतरणों में अंतर
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{निम्नलिखित में से कौन-सा एक देवनृत्य है? | |||
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- | -[[कथकली]] | ||
- | -मोहिनीअट्टम | ||
- | +[[कुचिपुड़ि नृत्य]] | ||
-[[भांगड़ा]] | |||
||[[चित्र:Kuchipudi-Dance.jpg|कुची पुडी नृत्य, आंध्र प्रदेश|100px|right]] कुचीपुडी नृत्य का सबसे अधिक लोकप्रिय रूप मटका नृत्य है जिसमें एक नर्तकी मटके में पानी भर कर और उसे अपने सिर पर रखकर पीतल की थाली में पैर जमा कर नृत्य करती है। वह पीतल की थाली पर नियंत्रण रखते हुए पूरे मंच पर नृत्य करती है और इस पूरे संचलन के दौरान श्रोताओं को चकित कर देने के लिए उसके मटके से पानी की एक बूंद भी नहीं गिरती है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुचिपुड़ि नृत्य]] | |||
{ | {कीर्तन परम्परा का जन्मदाता किसे कहा जाता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[ | -[[मीराबाई]] | ||
-[[सूरदास]] | |||
+[[चैतन्य महाप्रभु]] | |||
-[[ | -[[संत ज्ञानेश्वर]] | ||
||[[चित्र: | ||[[चित्र:Chetanya-Mahaprabhu.jpg|चैतन्य महाप्रभु|100px|right||]] चैतन्य महाप्रभु भगवान [[श्रीकृष्ण]] के प्रति इनकी अनन्य निष्ठा व विश्वास के कारण इनके असंख्य अनुयायी हो गए। सर्वप्रथम नित्यानंद प्रभु व अद्वैताचार्य महाराज इनके शिष्य बने। इन दोनों ने निमाई के [[भक्ति आंदोलन]] को तीव्र गति प्रदान की। निमाई ने अपने इन दोनों शिष्यों के सहयोग से [[ढोल|ढोलक]], [[मृदंग]], [[झांझ|झाँझ]], [[मंझीरा|मंजीरे]] आदि वाद्य यंत्र बजाकर व उच्च स्वर में नाच-गाकर हरि नाम संकीर्तन करना प्रारंभ किया। 'हरे-कृष्ण, हरे-कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण, हरे-हरे। हरे-राम, हरे-राम, राम-राम, हरे-हरे` नामक अठारह शब्दीय कीर्तन महामन्त्र निमाई की ही देन है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चैतन्य महाप्रभु]] | ||
{ | {किस वैदिक ग्रंथ में जादू-टोनों का वर्णन मिलता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[ | -[[ऋग्वेद]] | ||
-[[ | -[[यजुर्वेद]] | ||
- | -[[सामवेद]] | ||
+ | +[[अथर्ववेद]] | ||
||[[चित्र:Atharvaveda.jpg|अथर्ववेद|100px|right]]अथर्ववेद में कुल 20 काण्ड, 730 सूक्त एवं 5987 मंत्र हैं। जादू से सम्बन्धित मन्त्र-तन्त्र, राक्षस, पिशाच, आदि भयानक शक्तियाँ अथर्ववेद के महत्त्वपूर्ण विषय हैं। इसमें भूत-प्रेत, जादू-टोने आदि के मन्त्र हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अथर्ववेद]] | |||
{ [[ | {[[जैन साहित्य]] को क्या कहा जाता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[आगम]] | |||
-पिटक | |||
-[[ | -[[कल्प]] | ||
-[[ | -सुत्त | ||
||भगवान [[महावीर]] के उपदेश [[जैन|जैन धर्म]] के मूल सिद्धान्त हैं, जिन्हें 'आगम' कहा जाता है। वे अर्धमागधी [[प्राकृत]] भाषा में हैं। उन्हें आचारांगादि बारह 'अंगों' में संकलित किया गया, जो 'द्वादशंग आगम' कहे जाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आगम]] | |||
{ | {निम्नलिखित में से किस त्योहार पर [[सूर्य]] की पूजा जाती है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[ | -बुद्ध पूर्णिमा | ||
-[[ | -[[होली]] | ||
-[[ | +[[छठ पूजा]] | ||
-[[दीपावली]] | |||
|| [[चित्र:Chhath-Puja.jpg|100px|right|छठ पूजा]] [[दीपावली]] के एक सप्ताह पश्चात् [[बिहार]] में छठ का पर्व मनाया जाता है। एक दिन व रात तक समूचा बिहार व पूर्वी [[उत्तर प्रदेश]] [[गंगा]] के तट पर बसा प्रतीत होता है। इस दिन [[सूर्यदेव]] की उपासना व उन्हें अर्ध्य दिया जाता है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छठ पूजा]] | |||
{ | {[[दिल्ली]] स्थित [[लोटस टैंपल]] किस धर्म से सम्बन्धित है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -[[यहूदी धर्म|यहूदी]] | ||
+ | -[[पारसी धर्म|पारसी]] | ||
+बहाई | |||
- | -[[हिन्दू धर्म|हिन्दू]] | ||
{ | {कौन-सा स्थान 'भारत का स्विट्जरलैंड' कहलाता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+कौसानी | |||
- | -कोडागू | ||
-[[ऊटी]] | |||
-[[ | -मोरांग | ||
{ [[भारत]] का | {[[भारत]] में रेडियो प्रसारण का प्रारम्भ किस वर्ष हुआ? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -1930 ई. | ||
+ | +1927 ई. | ||
- | -1935 ई. | ||
- | -1936 ई. | ||
{ | {शून्यवाद का प्रवर्तक किसे कहा जाता हैं? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -मैत्रेयनाथ | ||
- | -[[माध्वाचार्य]] | ||
+ | -[[रामानुज]] | ||
- | +[[नागार्जुन]] | ||
||[[चित्र:Nagarjun.jpg|नागार्जुन|100px|right]]शून्यवाद के रूप में नागार्जुन का नाम विशेष उल्लेखनीय है। नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था। [[हिन्दी]] साहित्य में उन्होंने 'नागार्जुन' तथा [[मैथिली भाषा|मैथिली]] में 'यात्री' उपनाम से रचनाएँ कीं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नागार्जुन]] | |||
{ | {[[ईसा मसीह]] का जन्म स्थल है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | +बेथलेहम | ||
- | -मेसीडोनिया | ||
- | -[[बग़दाद]] | ||
-[[मक्का]] | |||
{ | {निम्नलिखित में से कौन सा तंत्री वाद्ययंत्र है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[मृदंग]] | |||
- | -[[तबला]] | ||
+संतूर | |||
- | -[[शहनाई]] | ||
{ [[ | {[[इस्लाम धर्म]] के प्रवर्तक [[मुहम्मद|पैगम्बर मुहम्मद]] का जन्म कहाँ हुआ था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[ | -[[मदीना]] में | ||
+ | +[[मक्का]] में | ||
- | -[[बग़दाद]] में | ||
- | -तेहरान में | ||
||मक्का [[अरब देश|साउदी अरब]] के हेजाज़ प्रांत की राजधानी एवं [[मुहम्मद|मुहम्मद साहब]] का जन्म स्थान होने के कारण [[मुस्लिम]] जनता का विश्वविख्यात तीर्थस्थान है। यह जिद्दा से 45 मील पूर्व में स्थित है। प्राचीन काल से ही [[धर्म]] तथा व्यापार का केंद्र रहा है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मक्का]] | |||
{ [[ | {[[राजस्थान]] का प्रमुख लोक नृत्य है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ | -[[गरबा नृत्य|गरबा]] | ||
- | -[[गिद्दा नृत्य|गिद्दा]] | ||
- | +[[घूमर नृत्य|घूमर]] | ||
- | -[[बिहू नृत्य|बिहू]] | ||
||[[चित्र:Ghoomar-Dance.jpg|घूमर नृत्य, राजस्थान|100px|right]] [[भारत]] में प्रचलित कुछ प्रमुख [[लोक नृत्य]] शैलियों में से एक घूमर नृत्य है। यह [[राजस्थान]] में प्रचलित अत्यंत लोकप्रिय नृत्य है जिसे केवल स्त्रियाँ करती हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[घूमर नृत्य|घूमर]] | |||
{ | {'झाल', 'विणाई', 'दमामा', 'मुरयो', क्या है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -उत्तराखण्ड की नदियाँ | ||
+ | +कुमायूँ के वाद्य यंत्र | ||
- | -लद्दाख की पहाड़ी चोटियाँ | ||
- | -गढ़वाल के मन्दिर | ||
{ [[ | {सर्वाधिक लोकप्रिय [[पुराण]] है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -[[विष्णु पुराण]] | ||
+ | +[[भागवत पुराण]] | ||
- | -[[मत्स्य पुराण]] | ||
- | -[[मार्कण्डेय पुराण]] | ||
||[[चित्र:Cover-Bhagavata-Purana.jpg|श्रीमद्भागवत|100px|right]] 'श्रीमद्भागवत पुराण' हिन्दू समाज का सर्वाधिक आदरणीय [[पुराण]] है। यह [[वैष्णव सम्प्रदाय]] का प्रमुख ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में [[वेद|वेदों]], [[उपनिषद|उपनिषदों]] तथा [[दर्शन शास्त्र]] के गूढ़ एवं रहस्यमय विषयों को अत्यन्त सरलता के साथ निरूपित किया गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भागवत पुराण]] | |||
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08:53, 23 सितम्बर 2011 का अवतरण
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- कला प्रांगण, कला कोश, संस्कृति प्रांगण, संस्कृति कोश, धर्म प्रांगण, धर्म कोश
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