"पेथिक लॉरेंस": अवतरणों में अंतर
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'''पेथिक लॉरेंस''' [[भारत]] में आने वाले [[अंग्रेज़]] [[साइमन कमीशन]] का एक सदस्य और उसका अध्यक्ष था। साइमन कमीशन भारत में 22 जनवरी, 1946 ई. को आया था। पेथिक लॉरेंस भारत को स्वाधीनता प्रदान किये जाने का पक्षधर था। लॉरेंस ने अपना यह कथन भी दिया कि भारत में [[गाँधीजी]] से अच्छा [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] का लेखक कोई दूसरा नहीं है। | '''पेथिक लॉरेंस''' [[भारत]] में आने वाले [[अंग्रेज़]] [[साइमन कमीशन]] का एक सदस्य और उसका अध्यक्ष था। साइमन कमीशन भारत में 22 जनवरी, 1946 ई. को आया था। पेथिक लॉरेंस भारत को स्वाधीनता प्रदान किये जाने का पक्षधर था। लॉरेंस ने अपना यह कथन भी दिया कि भारत में [[गाँधीजी]] से अच्छा [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] का लेखक कोई दूसरा नहीं है। | ||
12:36, 4 नवम्बर 2011 का अवतरण
पेथिक लॉरेंस भारत में आने वाले अंग्रेज़ साइमन कमीशन का एक सदस्य और उसका अध्यक्ष था। साइमन कमीशन भारत में 22 जनवरी, 1946 ई. को आया था। पेथिक लॉरेंस भारत को स्वाधीनता प्रदान किये जाने का पक्षधर था। लॉरेंस ने अपना यह कथन भी दिया कि भारत में गाँधीजी से अच्छा अंग्रेज़ी का लेखक कोई दूसरा नहीं है।
- एटली की सरकार ने कांग्रेस और मुस्लिम लीग के नेताओं के साथ सौदेबाजी समझौते की प्रक्रिया तय करने के लिए कैबिनेट मिशन को भारत भेजने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था।
- इस कमीशन में भारत मन्त्री पेथिक लॉरेंस (मिशन के नेता) के अतिरिक्त दो और मन्त्री लॉर्ड अलेक्जेण्डर और सर स्टैफ़ोर्ड क्रिप्स शामिल थे।
- पेथिक लॉरेंस भारत की संवैधानिक सुधारों की मांग का प्रबल समर्थक था।
- मिशन के सदस्य पेथिक लॉरेंस ने यह घोषित किया कि अन्तिम उद्देश्य भारत को स्वाधीनता प्रदान करना है।
- यह स्वाधीनता ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल के अन्तर्गत होगी या उसके बिना होगी, यह भारतीय जन अपनी स्वतन्त्र इच्छा से तय करेंगे।
- पहली बार खुले शब्दों में स्वाधीनता देने की मंशा की इस घोषणा के पीछे उस समय की विस्फोटक परिस्थितियाँ शामिल थीं।
- एटली मंत्रिमण्डल में भारतमंत्री (1945-47 ई.) की हैसियत से पेथिक लॉरेंस ने ब्रिटेन की उस नीति के निर्माण में मुख्य हिस्सा लिया, जिसके फलस्वरूप 1947 ई. में भारत को स्वाधीनता प्राप्त हुई।
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