"आह ! वेदना मिली विदाई -जयशंकर प्रसाद": अवतरणों में अंतर
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|मृत्यु=[[15 नवम्बर]], सन 1937 | |मृत्यु=[[15 नवम्बर]], सन 1937 | ||
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|मुख्य रचनाएँ=चित्राधार, [[कामायनी]], आँसू, लहर, झरना, एक घूँट, विशाख, [[अजातशत्रु नाटक|अजातशत्रु]] | |मुख्य रचनाएँ=चित्राधार, [[कामायनी]], [[आँसू -प्रसाद|आँसू]], लहर, झरना, एक घूँट, विशाख, [[अजातशत्रु नाटक|अजातशत्रु]] | ||
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आह ! वेदना मिली विदाई | आह ! वेदना मिली विदाई | ||
मैंने भ्रमवश जीवन संचित, | मैंने भ्रमवश जीवन संचित, | ||
मधुकरियों की भीख | मधुकरियों की भीख लुटाई। | ||
छलछल थे संध्या के श्रमकण | छलछल थे संध्या के श्रमकण, | ||
आँसू-से गिरते थे प्रतिक्षण | आँसू-से गिरते थे प्रतिक्षण, | ||
मेरी यात्रा पर लेती थी | मेरी यात्रा पर लेती थी | ||
नीरवता अनंत | नीरवता अनंत अँगड़ाई। | ||
श्रमित स्वप्न की मधुमाया में | श्रमित स्वप्न की मधुमाया में, | ||
गहन-विपिन की तरु छाया में | गहन-विपिन की तरु छाया में, | ||
पथिक उनींदी श्रुति में किसने | पथिक उनींदी श्रुति में किसने | ||
यह विहाग की तान उठाई | यह विहाग की तान उठाई? | ||
लगी सतृष्ण दीठ थी सबकी | लगी सतृष्ण दीठ थी सबकी, | ||
रही बचाए फिरती कब की | रही बचाए फिरती कब की, | ||
मेरी आशा आह ! बावली | मेरी आशा आह ! बावली | ||
तूने खो दी सकल | तूने खो दी सकल कमाई। | ||
चढ़कर मेरे जीवन-रथ पर | चढ़कर मेरे जीवन-रथ पर, | ||
प्रलय चल रहा अपने पथ | प्रलय चल रहा अपने पथ, | ||
मैंने निज दुर्बल पद-बल पर | मैंने निज दुर्बल पद-बल पर | ||
उससे हारी-होड़ | उससे हारी-होड़ लगाई। | ||
लौटा लो यह अपनी थाती | लौटा लो यह अपनी थाती, | ||
मेरी करुणा हा-हा खाती | मेरी करुणा हा-हा खाती, | ||
विश्व ! न सँभलेगी यह मुझसे | विश्व ! न सँभलेगी यह मुझसे | ||
इसने मन की लाज | इसने मन की लाज गँवाई। | ||
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12:58, 15 दिसम्बर 2011 का अवतरण
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आह ! वेदना मिली विदाई |