"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/अभ्यास": अवतरणों में अंतर
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+उसे 1000 दीनार में ख़रीदा गया था। | +उसे 1000 दीनार में ख़रीदा गया था। | ||
-वह 1000 सैनिकों का प्रधान था। | -वह 1000 सैनिकों का प्रधान था। | ||
-उसके पास | -उसके पास 1000 गाँवों का स्वामित्व प्राप्त था। | ||
-वह 1000 दीनार प्रत्येक दिन दान करता था। | -वह 1000 दीनार प्रत्येक दिन दान करता था। | ||
||मलिक काफ़ूर मूलतः [[हिन्दू]] जाति का एक हिजड़ा था। उसे नुसरत ख़ाँ ने एक हज़ार दीनार में ख़रीदा था, जिस कारण उसका एक अन्य नाम 'हज़ार दीनीरी' पड़ गया। नुसरत ख़ाँ ने उसे ख़रीदकर 1298 ई. में [[गुजरात]] विजय से वापस जाने पर सुल्तान [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] के समक्ष तोहफ़े के रूप में प्रस्तुत किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मलिक काफ़ूर]] | ||मलिक काफ़ूर मूलतः [[हिन्दू]] जाति का एक हिजड़ा था। उसे नुसरत ख़ाँ ने एक हज़ार दीनार में ख़रीदा था, जिस कारण उसका एक अन्य नाम 'हज़ार दीनीरी' पड़ गया। नुसरत ख़ाँ ने उसे ख़रीदकर 1298 ई. में [[गुजरात]] विजय से वापस जाने पर सुल्तान [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] के समक्ष तोहफ़े के रूप में प्रस्तुत किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मलिक काफ़ूर]] | ||
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{[[जैन धर्म]] के पाँचों व्रतों में से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण व्रत कौन-सा है? | {[[जैन धर्म]] के पाँचों व्रतों में से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण व्रत कौन-सा है? | ||
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-अमृषा(सत्य) | -अमृषा (सत्य) | ||
+अहिंसा | +अहिंसा | ||
-अचौर्य (अस्तेय) | -अचौर्य (अस्तेय) |
07:20, 24 दिसम्बर 2011 का अवतरण
इतिहास
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