"रॉक गार्डन चंडीगढ़": अवतरणों में अंतर
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{{सूचना बक्सा पर्यटन | |||
[[चंडीगढ़]] के सेक्टर एक में मौजूद रॉक गार्डन एक व्यक्ति के एकल प्रयास का अनुपम और उत्कृष्ट नमूना है, जो दुनिया भर में अपने अनूठे उपक्रम के लिए बहुत सराहा गया है। रॉक गार्डन के निर्माता नेकचंद एक कर्मचारी थे जो दिन भर साइकिल पर बेकार पड़ी ट्यूब लाइट्स, टूटी-फूटी [[चूड़ी|चूडियों]], प्लेट, चीनी के कप, फ्लश की सीट, बोतल के ढक्कन व किसी भी बेकार फेंकी गई वस्तुओं को बीनते रहते और उन्हें यहाँ सेक्टर एक में इकट्ठा करते रहते। धीरे-धीरे फुर्सत के क्षणों में लोगों द्वारा फेंकी गई फ़ालतू चीज़ों से ही उन्होंने ऐसी उत्कृष्ट आकृतियों का निर्माण किया कि देखने वाले दंग रह गए। नेकचंद के रॉक गार्डन की कीर्ति अब देश-विदेश के कलाप्रेमियों के दिलों में घर कर चुकी है। | |चित्र=Chandigarh-Rock-Garden.jpg | ||
|चित्र का नाम=रॉक गार्डन, [[चंडीगढ़]]<br />Rock Garden, Chandigarh | |||
|विवरण='रॉक गार्डन' [[चंडीगढ़]] के सेक्टर एक में है, जो एक व्यक्ति के एकल प्रयास का अनुपम और उत्कृष्ट नमूना है। इसको बनवाने में औद्योगिक और शहरी कचरे का इस्तेमाल किया गया है। | |||
|राज्य=[[पंजाब]] | |||
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|ज़िला=[[चंडीगढ़]] | |||
|निर्माता=नेकचंद | |||
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|प्रबंधक= | |||
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|स्थापना= | |||
|भौगोलिक स्थिति= | |||
|मार्ग स्थिति= | |||
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|तापमान= | |||
|प्रसिद्धि= | |||
|कब जाएँ=नवम्बर से फ़रवरी | |||
|कैसे पहुँचें= | |||
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|संबंधित लेख=[[चण्डीगढ़ के पर्यटन स्थल]], [[कला]], [[चूड़ी|चूडियों]], | |||
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|अन्य जानकारी=पर्यटक यहाँ की मूर्तियों, मंदिरों, महलों आदि को देखकर अचरज में पड़ जातें हैं। हर साल इस गार्डन को देखने हजारों पर्यटक आते हैं। नेकचंद के रॉक गार्डन की कीर्ति अब देश-विदेश के कलाप्रेमियों के दिलों में घर कर चुकी है। | |||
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'''रॉक गार्डन''' [[चंडीगढ़]] के सेक्टर एक में मौजूद रॉक गार्डन एक व्यक्ति के एकल प्रयास का अनुपम और उत्कृष्ट नमूना है, जो दुनिया भर में अपने अनूठे उपक्रम के लिए बहुत सराहा गया है। रॉक गार्डन के निर्माता नेकचंद एक कर्मचारी थे जो दिन भर साइकिल पर बेकार पड़ी ट्यूब लाइट्स, टूटी-फूटी [[चूड़ी|चूडियों]], प्लेट, चीनी के कप, फ्लश की सीट, बोतल के ढक्कन व किसी भी बेकार फेंकी गई वस्तुओं को बीनते रहते और उन्हें यहाँ सेक्टर एक में इकट्ठा करते रहते। धीरे-धीरे फुर्सत के क्षणों में लोगों द्वारा फेंकी गई फ़ालतू चीज़ों से ही उन्होंने ऐसी उत्कृष्ट आकृतियों का निर्माण किया कि देखने वाले दंग रह गए। नेकचंद के रॉक गार्डन की कीर्ति अब देश-विदेश के कलाप्रेमियों के दिलों में घर कर चुकी है। | |||
==सर्दियों में घूमने का आनंद== | ==सर्दियों में घूमने का आनंद== | ||
उल्लेखनीय है कि रॉक गार्डन अब तक केवल शाम पांच बजे तक ही खुलता है। ठंड के दिनों में अंधेरा जल्दी होने के कारण टिकटों की बिक्री पांच बजे से पहले ही रुक जाती है। गर्मियों के दिनों में भी बेशक यहाँ पर्यटक आते हैं, लेकिन गार्डन की दीवारों से निकलने वाली उमस और धूप के कारण उनका सारा मजा किरकिरा हो जाता है। यही वजह है कि अधिकांश पर्यटक यहाँ सर्दियों के दिनों में ही आना पसंद करते हैं।<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/7066972.cms |title= | उल्लेखनीय है कि रॉक गार्डन अब तक केवल शाम पांच बजे तक ही खुलता है। ठंड के दिनों में अंधेरा जल्दी होने के कारण टिकटों की बिक्री पांच बजे से पहले ही रुक जाती है। गर्मियों के दिनों में भी बेशक यहाँ पर्यटक आते हैं, लेकिन गार्डन की दीवारों से निकलने वाली उमस और धूप के कारण उनका सारा मजा किरकिरा हो जाता है। यही वजह है कि अधिकांश पर्यटक यहाँ सर्दियों के दिनों में ही आना पसंद करते हैं।<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/7066972.cms |title= |
08:47, 22 जुलाई 2016 का अवतरण
रॉक गार्डन चंडीगढ़
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विवरण | 'रॉक गार्डन' चंडीगढ़ के सेक्टर एक में है, जो एक व्यक्ति के एकल प्रयास का अनुपम और उत्कृष्ट नमूना है। इसको बनवाने में औद्योगिक और शहरी कचरे का इस्तेमाल किया गया है। |
राज्य | पंजाब |
ज़िला | चंडीगढ़ |
निर्माता | नेकचंद |
कब जाएँ | नवम्बर से फ़रवरी |
संबंधित लेख | चण्डीगढ़ के पर्यटन स्थल, कला, चूडियों,
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अन्य जानकारी | पर्यटक यहाँ की मूर्तियों, मंदिरों, महलों आदि को देखकर अचरज में पड़ जातें हैं। हर साल इस गार्डन को देखने हजारों पर्यटक आते हैं। नेकचंद के रॉक गार्डन की कीर्ति अब देश-विदेश के कलाप्रेमियों के दिलों में घर कर चुकी है। |
रॉक गार्डन चंडीगढ़ के सेक्टर एक में मौजूद रॉक गार्डन एक व्यक्ति के एकल प्रयास का अनुपम और उत्कृष्ट नमूना है, जो दुनिया भर में अपने अनूठे उपक्रम के लिए बहुत सराहा गया है। रॉक गार्डन के निर्माता नेकचंद एक कर्मचारी थे जो दिन भर साइकिल पर बेकार पड़ी ट्यूब लाइट्स, टूटी-फूटी चूडियों, प्लेट, चीनी के कप, फ्लश की सीट, बोतल के ढक्कन व किसी भी बेकार फेंकी गई वस्तुओं को बीनते रहते और उन्हें यहाँ सेक्टर एक में इकट्ठा करते रहते। धीरे-धीरे फुर्सत के क्षणों में लोगों द्वारा फेंकी गई फ़ालतू चीज़ों से ही उन्होंने ऐसी उत्कृष्ट आकृतियों का निर्माण किया कि देखने वाले दंग रह गए। नेकचंद के रॉक गार्डन की कीर्ति अब देश-विदेश के कलाप्रेमियों के दिलों में घर कर चुकी है।
सर्दियों में घूमने का आनंद
उल्लेखनीय है कि रॉक गार्डन अब तक केवल शाम पांच बजे तक ही खुलता है। ठंड के दिनों में अंधेरा जल्दी होने के कारण टिकटों की बिक्री पांच बजे से पहले ही रुक जाती है। गर्मियों के दिनों में भी बेशक यहाँ पर्यटक आते हैं, लेकिन गार्डन की दीवारों से निकलने वाली उमस और धूप के कारण उनका सारा मजा किरकिरा हो जाता है। यही वजह है कि अधिकांश पर्यटक यहाँ सर्दियों के दिनों में ही आना पसंद करते हैं।[1]
औद्योगिक और शहरी कचरे का प्रयोग
रॉक गार्डन को बनवाने में औद्योगिक और शहरी कचरे का इस्तेमाल किया गया है। पर्यटक यहाँ की मूर्तियों, मंदिरों, महलों आदि को देखकर अचरज में पड़ जातें हैं। हर साल इस गार्डन को देखने हजारों पर्यटक आते हैं। गार्डन में झरनों और जलकुंड के अलावा ओपन एयर थियेटर भी देखा जा सकता, जहाँ अनेक प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती रहती हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अब रात को भी निहार सकेंगे रॉक गार्डन (हिन्दी) नवभारत टाइम्स। अभिगमन तिथि: 13 सितम्बर, 2011।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख