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| {{सूचना बक्सा साहित्यकार
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| |चित्र=Phanishwar-Renu.jpg
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| |चित्र का नाम=फणीश्वरनाथ रेणु
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| |पूरा नाम=फणीश्वरनाथ रेणु
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| |अन्य नाम=रेणु
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| |जन्म=[[4 मार्च]], 1921
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| |जन्म भूमि=[[पूर्णिया ज़िला]], [[बिहार]]
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| |मृत्यु=[[11 अप्रैल]], 1977
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| |मृत्यु स्थान=
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| |अविभावक=
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| |पालक माता-पिता=
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| |पति/पत्नी=
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| |संतान=
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| |कर्म भूमि=[[बिहार]]
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| |कर्म-क्षेत्र=उपन्यासकार, लेखक
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| |मुख्य रचनाएँ=मैला आंचल (1954), परती परिकथा (1957), जूलूस (1965), कितने चौराहे (1966)
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| |विषय=कहानी, उपन्यास
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| |भाषा=
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| |विद्यालय=[[काशी हिन्दू विश्वविद्यालय]]
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| |शिक्षा=इन्टरमीडिएट
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| |पुरस्कार-उपाधि=[[पद्मश्री]]
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| |प्रसिद्धि=
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| |विशेष योगदान=भारत छोड़ो आंदोलन
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| |नागरिकता=भारतीय
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| |संबंधित लेख=
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| |शीर्षक 1=
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| |पाठ 1=
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| |शीर्षक 2=
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| |पाठ 2=
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| |अन्य जानकारी=रेणु की कुल 26 पुस्तकें हैं। इन पुस्तकों में संकलित रचनाओं के अलावा भी काफी रचनाएँ हैं जो संकलित नहीं हो पायीं, कई अप्रकाशित आधी अधूरी रचनाएँ हैं। असंकलित पत्र पहली बार 'रेणु रचनावली' में शामिल किये गये हैं।
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| |बाहरी कड़ियाँ=
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| |अद्यतन=
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