"श्री शैल शक्तिपीठ": अवतरणों में अंतर
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*यहाँ की सती 'महालक्ष्मी' तथा शिव 'संवरानंद' अथवा 'ईश्वरानंद' हैं। | *यहाँ की सती 'महालक्ष्मी' तथा शिव 'संवरानंद' अथवा 'ईश्वरानंद' हैं। | ||
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12:35, 17 अप्रैल 2012 का अवतरण
श्री शैल शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।
- आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद से 250 कि.मी. दूर कुर्नूल के पास श्री शैलम है, जहाँ सती की ग्रीवा का पतन हुआ था।
- यहाँ की सती 'महालक्ष्मी' तथा शिव 'संवरानंद' अथवा 'ईश्वरानंद' हैं।
- श्री शैल को दक्षिण का कैलास कहते हैं तथा ब्रह्मगिरि भी कहते हैं।
- यहीं शिव का मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग है।
- वहाँ से 7 कि.मी. पश्चिम में भ्रमराम्बा देवी का मंदिर है, जिसे शक्तिपीठ माना जाता है।
- यहाँ का निकटस्थ रेलवे स्टेशन मरकापुर रोड है तथा निकटस्थ वायुयान अड्डा हैदराबाद है।
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