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*यह मंदिर पुष्टिमार्ग संप्रदाय के अनुयायियों का सबसे पवित्र स्थान है। | *यह मंदिर पुष्टिमार्ग संप्रदाय के अनुयायियों का सबसे पवित्र स्थान है। | ||
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*इस संप्रदाय की स्थापना 16वीं शताब्दी में वल्लभाचार्य ने की थी। | *इस संप्रदाय की स्थापना 16वीं शताब्दी में वल्लभाचार्य ने की थी। | ||
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*यह मूर्ति काले पत्थर की बनी हुई है। | *यह मूर्ति काले पत्थर की बनी हुई है। | ||
*इस मूर्ति को [[औरंगज़ेब]] के कहर से सुरक्षित रखने के लिए 1669 ई. में [[मथुरा]] से लाया गया था। | *इस मूर्ति को [[औरंगज़ेब]] के कहर से सुरक्षित रखने के लिए 1669 ई. में [[मथुरा]] से लाया गया था। |
12:29, 25 मई 2010 का अवतरण
- उदयपुर के नाथद्वार (47 किलोमीटर उत्तर) में श्रीनाथजी का मंदिर है।
- यह मंदिर पुष्टिमार्ग संप्रदाय के अनुयायियों का सबसे पवित्र स्थान है।
- श्रीनाथजी भगवान कृष्ण के ही रुप हैं।
- इस संप्रदाय की स्थापना 16वीं शताब्दी में वल्लभाचार्य ने की थी।
- इस मंदिर में भगवान विष्णु की एक मूर्ति है।
- यह मूर्ति काले पत्थर की बनी हुई है।
- इस मूर्ति को औरंगज़ेब के कहर से सुरक्षित रखने के लिए 1669 ई. में मथुरा से लाया गया था।
- यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए दिन में सात बार खोली जाती है, लेकिन हर बार सिर्फ आधे घण्टे के लिए।
- यह स्थान पिच्चवाई पेंटिग्स के लिए भी प्रसिद्ध है।
- उदयपुर से यहाँ के लिए बसें चलती हैं।