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इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League / IPL) जिसे संक्षिप्त में आईपीएल के नाम से भी जाना जाता है, बोर्ड | '''इंडियन प्रीमियर लीग''' (Indian Premier League / IPL) जिसे संक्षिप्त में आईपीएल के नाम से भी जाना जाता है, बोर्ड ऑफ़ कंट्रोल फ़ॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) द्वारा संचालित [[ट्वेंटी 20 क्रिकेट|ट्वेंटी-20 क्रिकेट]] प्रतियोगिता है। | ||
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[[क्रिकेट]] की दुनिया में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत एक अहम मोड़ थी। | [[क्रिकेट]] की दुनिया में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत एक अहम मोड़ थी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई / BCCI) ने धूम-धड़ाके से आईपीएल की [[14 सितंबर]] 2007 को शुरुआत की। ट्वेन्टी-20 के प्रति भारतीय क्रिकेट बोर्ड का प्रेम उस समय जगा जब भारत ने 2007 में ट्वेन्टी-20 विश्व कप में ख़िताबी जीत हासिल की। डगर कठिन थी लेकिन कप्तान [[महेंद्र सिंह धोनी]] की सेना ने हार न मानी और टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के पहले संस्करण में टीम को जीत दिलाई। हर जीत की तरह इस जीत के साथ एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। [[भारत]] में वैसे भी क्रिकेट का एक अलग मुकाम है और इस जीत के बाद यहां भी टी-20 क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ने लगी। फिर तो क्रिकेट की आर्थिक महाशक्ति इसका अर्थशास्त्र भी समझने लगी। बीसीसीआई ने इस लोकप्रियता को व्यर्थ न जाने दिया और शुरुआत हुई आईपीएल की। जिसमें बीसीसीआई ने अन्य देशों की ट्वेन्टी-20 प्रतियोगिता की चैम्पियन टीमों को दावत दी। | ||
==समिति का अध्यक्ष== | |||
आईपीएल समिति का अध्यक्ष [[ललित मोदी]] को बनाया गया जिन्होंने आईपीएल की सफलता को शिखर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि उन्होंने 1996 में बीसीसीआई के सामने अपने इस विचार को रखा था लेकिन घरेलू क्रिकेट को देखते हुए बोर्ड ने इसे लागू करने से मना कर दिया। लेकिन ' | आईपीएल समिति का अध्यक्ष [[ललित मोदी]] को बनाया गया जिन्होंने आईपीएल की सफलता को शिखर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि उन्होंने 1996 में बीसीसीआई के सामने अपने इस विचार को रखा था लेकिन घरेलू क्रिकेट को देखते हुए बोर्ड ने इसे लागू करने से मना कर दिया। लेकिन 'ज़ी ग्रुप' द्वारा अप्रैल 2007 में आईसीएल के नाम से इसी तरह की एक लीग की शुरुआत करने के बाद आईपीएल लांच किया गया। आईपीएल ज़ी-समूह के इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल), यूरोप में क्लब फ़ुटबॉल की प्रतियोगिता चैम्पियंस लीग और नेशनल बॉस्केटबॉल लीग को ध्यान में रखकर शुरू किया गया। | ||
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क्रिकेट के इस फ़ॉर्मेट में सबसे ज़्यादा आश्चर्यजनक टीमों की नीलामी के साथ खिलाडियों की बोली (नीलामी) लगना रहा। युद्धस्तर पर काम शुरू हुआ। टीमें बनीं, टीमों की बोली लगी और फिर खिलाड़ी भी नीलाम हुए। आईपीएल की शुरुआत में सबसे पहला क़दम टीम बनाने का था। इसके लिए आठ टीमों पर बोली लगाई गई जिसे आठ अलग-अलग फ्रेंचाइजी ने ख़रीदा। | |||
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जब आईपीएल शुरू हुआ था तब यह तय किया गया था कि तीन साल तक हर टीम में एक–एक आइकन खिलाड़ी होगा। इस आधार पर [[सचिन तेंदुलकर]] (मुंबई), सौरभ गांगुली (कोलकाता), राहुल द्रविड़ (बेंगलुरू), वीरेंद्र सहवाग (दिल्ली), वी.वी.एस लक्ष्मण (डेक्कन चार्जर्स) और युवराज सिंह (किंग्स इलेवन पंजाब) को आइकन खिलाड़ी चुना गया। | |||
====खिलाड़ियों की नीलामी==== | ====खिलाड़ियों की नीलामी==== | ||
सभी टीमों ने बहुत पैसा खर्च किया और अपनी टीम को मज़बूत बनाने के लिए एक से बढकर एक धुरंधरों की सेना खड़ी की। आईपीएल के नियम के अनुसार इन खिलाड़ियों को तीन सालों के लिए अनुबंधित किया गया। आईपीएल के बाज़ार में दुनिया के शीर्ष खिलाड़ी बिकने को तैयार थे। क्या रिकी पोंटिंग, क्या शोएब मलिक, क्या मैथ्यू हेडन और क्या एंड्रयू साइमंड्स। इन सब खिलाड़ियों की बोली लगी, लेकिन बाज़ी मारी | सभी टीमों ने बहुत पैसा खर्च किया और अपनी टीम को मज़बूत बनाने के लिए एक से बढकर एक धुरंधरों की सेना खड़ी की। आईपीएल के नियम के अनुसार इन खिलाड़ियों को तीन सालों के लिए अनुबंधित किया गया। आईपीएल के बाज़ार में दुनिया के शीर्ष खिलाड़ी बिकने को तैयार थे। क्या रिकी पोंटिंग, क्या शोएब मलिक, क्या मैथ्यू हेडन और क्या एंड्रयू साइमंड्स। इन सब खिलाड़ियों की बोली लगी, लेकिन बाज़ी मारी [[महेंद्र सिंह धोनी]] ने। चेन्नई सुपरकिंग्स ने धोनी को सबसे ज़्यादा छह करोड़ में ख़रीदा। दूसरे स्थान पर रहे एंड्रयू साइमंड्स। टीम ख़रीदने वालों में भी सितारों का ताँता लगा। शाहरुख ख़ान को कोलकाता की टीम मिली तो प्रीति ज़िंटा ने पंजाब की टीम को ख़रीदा। [[मुकेश अंबानी]] के हिस्से में मुंबई की टीम आई, तो विजय माल्या ने बेंगलुरू की टीम पर दाँव लगाया। | ||
==आयोजन== | ==आयोजन== | ||
टीम और खिलाड़ियों की ख़रीदारी के बाद सारा ध्यान आयोजन पर टिका था। मीडिया, मार्केटिंग, टीवी राइट्स, प्रायोजक और विज्ञापन। लगा जैसे भारत में क्रिकेट की आँधी चलने लगी हो। आईपीएल शुरू हुआ। मैच हुए और खिलाड़ियों के विस्फोटक प्रदर्शन भी हुए। इंडियन प्रीमियम लीग भारत और भारतीय क्रिकेट को नई पहचान देने के साथ साथ एक ऐसा काम भी कर रहा है, जो दुनिया के लिए एक मिसाल साबित होगा। | टीम और खिलाड़ियों की ख़रीदारी के बाद सारा ध्यान आयोजन पर टिका था। मीडिया, मार्केटिंग, टीवी राइट्स, प्रायोजक और विज्ञापन। लगा जैसे भारत में क्रिकेट की आँधी चलने लगी हो। आईपीएल शुरू हुआ। मैच हुए और खिलाड़ियों के विस्फोटक प्रदर्शन भी हुए। इंडियन प्रीमियम लीग, भारत और भारतीय क्रिकेट को नई पहचान देने के साथ साथ एक ऐसा काम भी कर रहा है, जो दुनिया के लिए एक मिसाल साबित होगा। | ||
==खेल भावना== | ==खेल भावना== | ||
देशी-विदेशी खिलाड़ियों का एक टीम में एक साथ खेलना, एक साथ रहना, खाना-पीना, जीत के लिए मिलकर रणनीति बनाना और वो भी नस्लभेद, रंगभेद, उंच- नीच, जात-पात जैसी कुरीतियों से दूर। भले ही आईपीएल बाज़ार की पैदाईश हो, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि ये भारत को एक नया मुकाम दिला रहा है। ये आईपीएल ही है जिसे [[अमेरिका]], ब्रिटेन जैसे विकसित देशों के सिनेमाघरों में दिखाया जा रहा है। ये दुनिया के सबसे महंगे खेल फुटबॉल को भी पीछे छोड़ने लगा है। भारत के ही नहीं, विदेशी अख़बारों में भी आईपीएल बराबर जगह पा रहा है। बाहरी खिलाड़ी यहां के लोगों के क़रीब आ रहे हैं। कहीं ना कहीं आईपीएल वो काम भी कर रहा है जिसका तसव्बुर इसे शुरू करते वक़्त नहीं किया गया होगा। ये आईपीएल का ही कमाल है कि जो खिलाड़ी पहले मैदान पर प्रतिद्वंद्वी बन कर उतरते थे, वो आज एक साथ जीत के लिए खेल रहे हैं। क्या कभी किसी सोचा होगा कि धोनी छक्का लगाकर मैच | देशी-विदेशी खिलाड़ियों का एक टीम में एक साथ खेलना, एक साथ रहना, खाना-पीना, जीत के लिए मिलकर रणनीति बनाना और वो भी नस्लभेद, रंगभेद, उंच- नीच, जात-पात जैसी कुरीतियों से दूर। भले ही आईपीएल बाज़ार की पैदाईश हो, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि ये भारत को एक नया मुकाम दिला रहा है। ये आईपीएल ही है जिसे [[अमेरिका]], ब्रिटेन जैसे विकसित देशों के सिनेमाघरों में दिखाया जा रहा है। ये दुनिया के सबसे महंगे खेल फुटबॉल को भी पीछे छोड़ने लगा है। भारत के ही नहीं, विदेशी अख़बारों में भी आईपीएल बराबर जगह पा रहा है। बाहरी खिलाड़ी यहां के लोगों के क़रीब आ रहे हैं। कहीं ना कहीं आईपीएल वो काम भी कर रहा है जिसका तसव्बुर इसे शुरू करते वक़्त नहीं किया गया होगा। ये आईपीएल का ही कमाल है कि जो खिलाड़ी पहले मैदान पर प्रतिद्वंद्वी बन कर उतरते थे, वो आज एक साथ जीत के लिए खेल रहे हैं। क्या कभी किसी सोचा होगा कि धोनी छक्का लगाकर मैच जिताएंगे और पवेलियन से श्रीलंकाई फिरकी गेंदबाज़ मुरलीधरन उछलते कूदते धोनी को बधाई देने के लिए इस कदर भागेंगे। ऐसे उदाहरण तमाम हैं। इससे उम्मीद की जा सकती कि जब विदेशी खिलाड़ी स्वदेश लौटेंगे, तो अपने देश के लोगों से मुख़ातिब होते हुए ये बताएंगे कि हमें हिन्दुस्तानियों से काफ़ी प्यार मिला। वहाँ हमारे कई सारे फैन हैं और कई नए दोस्त भी बने हैं, तो क्या इससे कुछ हद तक ये नस्लवाद की समस्या दूर नहीं होगी। खेल तो शुरू से ही मेल करता आया है और कराता रहेगा, चाहे वो कितना ही बाज़ारवाद में डूब क्यों ना जाए। | ||
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*[http://www.iplt20.com/ आईपीएल की आधिकारिक वेबसाइट ] | *[http://www.iplt20.com/ आईपीएल की आधिकारिक वेबसाइट] | ||
*[http://iplkhabar.hindilok.com/ हिन्दी में 'इंडियन प्रीमियर लीग' की वेबसाइट] | *[http://iplkhabar.hindilok.com/ हिन्दी में 'इंडियन प्रीमियर लीग' की वेबसाइट] | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
07:35, 30 मार्च 2012 का अवतरण
इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League / IPL) जिसे संक्षिप्त में आईपीएल के नाम से भी जाना जाता है, बोर्ड ऑफ़ कंट्रोल फ़ॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) द्वारा संचालित ट्वेंटी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता है।
शुरुआत
क्रिकेट की दुनिया में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत एक अहम मोड़ थी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई / BCCI) ने धूम-धड़ाके से आईपीएल की 14 सितंबर 2007 को शुरुआत की। ट्वेन्टी-20 के प्रति भारतीय क्रिकेट बोर्ड का प्रेम उस समय जगा जब भारत ने 2007 में ट्वेन्टी-20 विश्व कप में ख़िताबी जीत हासिल की। डगर कठिन थी लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की सेना ने हार न मानी और टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के पहले संस्करण में टीम को जीत दिलाई। हर जीत की तरह इस जीत के साथ एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। भारत में वैसे भी क्रिकेट का एक अलग मुकाम है और इस जीत के बाद यहां भी टी-20 क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ने लगी। फिर तो क्रिकेट की आर्थिक महाशक्ति इसका अर्थशास्त्र भी समझने लगी। बीसीसीआई ने इस लोकप्रियता को व्यर्थ न जाने दिया और शुरुआत हुई आईपीएल की। जिसमें बीसीसीआई ने अन्य देशों की ट्वेन्टी-20 प्रतियोगिता की चैम्पियन टीमों को दावत दी।
समिति का अध्यक्ष
आईपीएल समिति का अध्यक्ष ललित मोदी को बनाया गया जिन्होंने आईपीएल की सफलता को शिखर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि उन्होंने 1996 में बीसीसीआई के सामने अपने इस विचार को रखा था लेकिन घरेलू क्रिकेट को देखते हुए बोर्ड ने इसे लागू करने से मना कर दिया। लेकिन 'ज़ी ग्रुप' द्वारा अप्रैल 2007 में आईसीएल के नाम से इसी तरह की एक लीग की शुरुआत करने के बाद आईपीएल लांच किया गया। आईपीएल ज़ी-समूह के इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल), यूरोप में क्लब फ़ुटबॉल की प्रतियोगिता चैम्पियंस लीग और नेशनल बॉस्केटबॉल लीग को ध्यान में रखकर शुरू किया गया।
क्रिकेट के इस फ़ॉर्मेट में सबसे ज़्यादा आश्चर्यजनक टीमों की नीलामी के साथ खिलाडियों की बोली (नीलामी) लगना रहा। युद्धस्तर पर काम शुरू हुआ। टीमें बनीं, टीमों की बोली लगी और फिर खिलाड़ी भी नीलाम हुए। आईपीएल की शुरुआत में सबसे पहला क़दम टीम बनाने का था। इसके लिए आठ टीमों पर बोली लगाई गई जिसे आठ अलग-अलग फ्रेंचाइजी ने ख़रीदा।
आठ टीमें
- चेन्नई सुपर किंग्स
- डेक्कन चार्जर्स
- कोलकाता नाइटराइडर्स
- मुंबई इंडियंस
- किंग्स इलेवन पंजाब
- दिल्ली डेयरडेविल्स
- रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर
- राजस्थान रॉयल्स
वर्ष 2011 में दो नई टीमें कोच्चि टस्कर्स केरल और सहारा पुणे वारियर्स भी बनीं।
आइकन खिलाड़ी
जब आईपीएल शुरू हुआ था तब यह तय किया गया था कि तीन साल तक हर टीम में एक–एक आइकन खिलाड़ी होगा। इस आधार पर सचिन तेंदुलकर (मुंबई), सौरभ गांगुली (कोलकाता), राहुल द्रविड़ (बेंगलुरू), वीरेंद्र सहवाग (दिल्ली), वी.वी.एस लक्ष्मण (डेक्कन चार्जर्स) और युवराज सिंह (किंग्स इलेवन पंजाब) को आइकन खिलाड़ी चुना गया।
खिलाड़ियों की नीलामी
सभी टीमों ने बहुत पैसा खर्च किया और अपनी टीम को मज़बूत बनाने के लिए एक से बढकर एक धुरंधरों की सेना खड़ी की। आईपीएल के नियम के अनुसार इन खिलाड़ियों को तीन सालों के लिए अनुबंधित किया गया। आईपीएल के बाज़ार में दुनिया के शीर्ष खिलाड़ी बिकने को तैयार थे। क्या रिकी पोंटिंग, क्या शोएब मलिक, क्या मैथ्यू हेडन और क्या एंड्रयू साइमंड्स। इन सब खिलाड़ियों की बोली लगी, लेकिन बाज़ी मारी महेंद्र सिंह धोनी ने। चेन्नई सुपरकिंग्स ने धोनी को सबसे ज़्यादा छह करोड़ में ख़रीदा। दूसरे स्थान पर रहे एंड्रयू साइमंड्स। टीम ख़रीदने वालों में भी सितारों का ताँता लगा। शाहरुख ख़ान को कोलकाता की टीम मिली तो प्रीति ज़िंटा ने पंजाब की टीम को ख़रीदा। मुकेश अंबानी के हिस्से में मुंबई की टीम आई, तो विजय माल्या ने बेंगलुरू की टीम पर दाँव लगाया।
आयोजन
टीम और खिलाड़ियों की ख़रीदारी के बाद सारा ध्यान आयोजन पर टिका था। मीडिया, मार्केटिंग, टीवी राइट्स, प्रायोजक और विज्ञापन। लगा जैसे भारत में क्रिकेट की आँधी चलने लगी हो। आईपीएल शुरू हुआ। मैच हुए और खिलाड़ियों के विस्फोटक प्रदर्शन भी हुए। इंडियन प्रीमियम लीग, भारत और भारतीय क्रिकेट को नई पहचान देने के साथ साथ एक ऐसा काम भी कर रहा है, जो दुनिया के लिए एक मिसाल साबित होगा।
खेल भावना
देशी-विदेशी खिलाड़ियों का एक टीम में एक साथ खेलना, एक साथ रहना, खाना-पीना, जीत के लिए मिलकर रणनीति बनाना और वो भी नस्लभेद, रंगभेद, उंच- नीच, जात-पात जैसी कुरीतियों से दूर। भले ही आईपीएल बाज़ार की पैदाईश हो, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि ये भारत को एक नया मुकाम दिला रहा है। ये आईपीएल ही है जिसे अमेरिका, ब्रिटेन जैसे विकसित देशों के सिनेमाघरों में दिखाया जा रहा है। ये दुनिया के सबसे महंगे खेल फुटबॉल को भी पीछे छोड़ने लगा है। भारत के ही नहीं, विदेशी अख़बारों में भी आईपीएल बराबर जगह पा रहा है। बाहरी खिलाड़ी यहां के लोगों के क़रीब आ रहे हैं। कहीं ना कहीं आईपीएल वो काम भी कर रहा है जिसका तसव्बुर इसे शुरू करते वक़्त नहीं किया गया होगा। ये आईपीएल का ही कमाल है कि जो खिलाड़ी पहले मैदान पर प्रतिद्वंद्वी बन कर उतरते थे, वो आज एक साथ जीत के लिए खेल रहे हैं। क्या कभी किसी सोचा होगा कि धोनी छक्का लगाकर मैच जिताएंगे और पवेलियन से श्रीलंकाई फिरकी गेंदबाज़ मुरलीधरन उछलते कूदते धोनी को बधाई देने के लिए इस कदर भागेंगे। ऐसे उदाहरण तमाम हैं। इससे उम्मीद की जा सकती कि जब विदेशी खिलाड़ी स्वदेश लौटेंगे, तो अपने देश के लोगों से मुख़ातिब होते हुए ये बताएंगे कि हमें हिन्दुस्तानियों से काफ़ी प्यार मिला। वहाँ हमारे कई सारे फैन हैं और कई नए दोस्त भी बने हैं, तो क्या इससे कुछ हद तक ये नस्लवाद की समस्या दूर नहीं होगी। खेल तो शुरू से ही मेल करता आया है और कराता रहेगा, चाहे वो कितना ही बाज़ारवाद में डूब क्यों ना जाए।
वर्ष | आयोजन स्थल | विजेता / स्कोर | उपविजेता / स्कोर | अन्तर | मैन ऑफ़ द सीरीज़ |
---|---|---|---|---|---|
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 | डीवाई पाटिल स्टेडियम, नवी मुंबई | राजस्थान रॉयल्स, 164 / 7 (20 ओवर) | चेन्नई सुपर किंग्स, 163 / 5 (20 ओवर) | 3 विकेट से जीता | शेन वॉटसन (472 रन और 17 विकेट) |
इंडियन प्रीमियर लीग 2009 | न्यू वंडर्स स्टेडियम, जोहांसबर्ग | डक्कन चार्जर्स, 143 / 6 (20 ओवर) | रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, 137 / 9 (20 ओवर) | 6 रन से जीता | एडम गिलक्रिस्ट (495 रन और 18 स्टम्प) |
इंडियन प्रीमियर लीग 2010 | डीवाई पाटिल स्टेडियम, नवी मुंबई | चेन्नई सुपर किंग्स 168 / 5 (20 ओवर) | मुंबई इंडियंस 146 / 9 (20 ओवर) के बीच | 22 रन से जीता | सचिन तेंदुलकर (618 रन) |
इंडियन प्रीमियर लीग 2011 | चिदम्बरम स्टेडियम, चेन्नई | चेन्नई सुपर किंग्स, 205/5 (20 ओवर) | रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, 147/8 (20 ओवर) | 58 रन से जीता | क्रिस गेल (608 रन और 8 विकेट) |
इंडियन प्रीमियर लीग में शतक
वर्ष | खिलाड़ी का नाम | टीम | ख़िलाफ़ | रन / गेंद | चौक्के / छक्के | स्ट्राइक रेट |
---|---|---|---|---|---|---|
इंडियन प्रीमियर लीग 2011 | सचिन तेंदुलकर | मुंबई इंडियंस | कोच्चि टस्कर्स | 100* रन / 66 गेंद | ||
इंडियन प्रीमियर लीग 2011 | क्रिस गेल | रॉयल चैंलेंजर्स बैंगलोर | कोलकाता नाइट राइडर्स | 102* रन | ||
इंडियन प्रीमियर लीग 2011 | पॉल चंद्रशेखर वाल्थटी | किंग्स इलेवन पंजाब | चेन्नई सुपर किंग्स | 120* रन / 63 गेंद | ||
इंडियन प्रीमियर लीग 2010 | यूसुफ पठान | राजस्थान रॉयल्स | मुंबई इंडियंस | 100 रन / 37 गेंद | 9 / 8 | 270.27 |
इंडियन प्रीमियर लीग 2010 | डेविड वॉर्नर | दिल्ली डेयरडेविल्स | कोलकाता नाइट राइडर्स | 107* रन / 69 गेंद | 9 / 5 | 155.07 |
इंडियन प्रीमियर लीग 2010 | माहेला जयवर्धने | किंग्स इलेवन पंजाब | कोलकाता नाइट राइडर्स | 110* रन / 59 गेंद | 14 / 3 | 186.44 |
इंडियन प्रीमियर लीग 2010 | मुरली विजय | चेन्नई सुपर किंग्स | राजस्थान रॉयल्स | 127 रन / 56 गेंद | 8 / 11 | 226.78 |
इंडियन प्रीमियर लीग 2009 | ए. बी. डिविलियर्स | दिल्ली डेयरडेविल्स | चेन्नई सुपर किंग्स | 105* रन / 54 गेंद | 5 / 6 | 194.44 |
इंडियन प्रीमियर लीग 2009 | मनीष पांडे | रॉयल चैंलेंजर्स बैंगलोर | डेक्कन चार्जर्स | 114* रन / 73 गेंद | 10 / 4 | 156.16 |
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 | ब्रैंडन मैक्लम | कोलकाता नाइट राइडर्स | रॉयल चैंलेंजर्स बैंगलोर | 158* रन / 73 गेंद | 10 / 13 | 216.43 |
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 | माइकल हसी | चेन्नई सुपर किंग्स | किंग्स इलेवन पंजाब | 116* रन / 54 गेंद | 8 / 9 | 214.81 |
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 | एंड्रयू साइमंडस | डेक्कन चार्जर्स | राजस्थान रॉयल्स | 117* रन / 53 गेंद | 11 / 7 | 220.75 |
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 | एडम गिलक्रिस्ट | डेक्कन चार्जर्स | मुंबई इंडियंस | 109* रन / 47 गेंद | 9 / 10 | 231.91 |
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 | सनत जयसूर्या | मुंबई इंडियंस | चेन्नई सुपर किंग्स | 114* रन / 48 गेंद | 9 / 11 | 237.50 |
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 | शान मार्श | किंग्स इलेवन पंजाब | राजस्थान रॉयल्स | 115 रन / 69 गेंद | 11 / 7 | 166.66 |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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