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*देवी शाकम्भरी [[दुर्गा]] के अवतारों में एक हैं।  
*देवी शाकम्भरी [[दुर्गा]] के अवतारों में एक हैं।  
*ऐसी मान्यता है कि माँ शाकम्भरी मानव के कल्याण के लिये इसी दिन धरती पर आयी थी।
*ऐसी मान्यता है कि माँ शाकम्भरी मानव के कल्याण के लिये इसी दिन धरती पर आयी थी।
==राजिम भक्तिन माता जयंती==
'''राजिम भक्तिन माता जयंती''' [[7 जनवरी]] को राजिम भक्तिन माता की याद में मनायी जाती है।
*राजिम भक्तिन माता जयंती विशेष रूप से [[छत्तीसगढ़]] राज्य में मनायी जाती है।
*छत्तीसगढ़ राज्य का [[राजिम]] क्षेत्र राजिम माता के त्याग की गाथा से सराबोर है, भगवान कुलेश्वर महादेव का आशीर्वाद इस क्षेत्र को मिलता है।
==थल सेना दिवस==
'''थल सेना दिवस''' [[15 जनवरी]] को [[भारतीय थल सेना]] के लिए पुरे भारत में मनाया जाता है।
*15 जनवरी [[1949]] को पहली बार के. एम. करियप्पा को देश का पहला लेफ्टीनेंट जर्नल घोषित किया गया। इसके पहले ब्रिटिश मूल के फ्रांसिस बूचर इस पद पर थे।
*15 जनवरी 1949 के बाद से भारत की सेना ब्रिटिश सेना से पूरी तरह मुक्त हुई थी और इसी लिए 15 जनवरी को थल सेना दिवस घोषित किया गया।
====भारतीय थल सेना====
{{main|भारतीय थल सेना}}
भारतीय थल सेना के प्रशासनिक एवं सामरिक कार्य संचालन का नियंत्रण थल सेनाध्यक्ष करता है। सेना को अधिकतर थल सेना ही समझा जाता है, यह ठीक भी है क्योंकि रक्षा-पक्ति में थल सेना का ही प्रथम तथा प्रधान स्थान है। इस समय लगभग 13 लाख सैनिक-असैनिक थल सेना में भिन्न-भिन्न पदों पर कार्यरत हैं, जबकि 1948 में सेना में लगभग 2,00,000 सैनिक थे। थल सेना  का मुख्यालय [[नई दिल्ली]] में है।


==नया साल दिवस==
==नया साल दिवस==

12:27, 13 मार्च 2012 का अवतरण

शाकम्भरी

शाकम्भरी दुर्गा के अवतारों में एक हैं। दुर्गा सभी अवतारों में से रक्तदंतिका,भीमा, भ्रामरी, शताक्षी तथा शाकंभरी प्रसिद्ध हैं।

कथा

एक बार पृथ्वी पर लगातार सौ वर्ष तक वर्षा न हुई। तब अन्न-जल के अभाव में समस्त प्रजा मरने लगी। इस कारण चारों ओर हाहाकार मच गया। समस्त जीव भूख से व्याकुल होकर मरने लगे। उस समय समस्त मुनियों ने मिलकर देवी भगवती की उपासना की। जिससे दुर्गा जी ने शाकम्भरी नाम से स्त्री रूप में अवतार लिया और उनकी कृपा से वर्षा हुई। इस अवतार में महामाया ने जलवृष्टि से पृथ्वी को हरी शाक-सब्ज़ी और फलों से परिपूर्ण कर दिया। जिससे पृथ्वी के समस्त जीवों को जीवनदान प्राप्त हुआ।

शाकम्भरी जयंती

शाकम्भरी जयंती 3 जनवरी को देवी शाकम्भरी की याद में मनायी जाती है।

  • देवी शाकम्भरी दुर्गा के अवतारों में एक हैं।
  • ऐसी मान्यता है कि माँ शाकम्भरी मानव के कल्याण के लिये इसी दिन धरती पर आयी थी।

राजिम भक्तिन माता जयंती

राजिम भक्तिन माता जयंती 7 जनवरी को राजिम भक्तिन माता की याद में मनायी जाती है।

  • राजिम भक्तिन माता जयंती विशेष रूप से छत्तीसगढ़ राज्य में मनायी जाती है।
  • छत्तीसगढ़ राज्य का राजिम क्षेत्र राजिम माता के त्याग की गाथा से सराबोर है, भगवान कुलेश्वर महादेव का आशीर्वाद इस क्षेत्र को मिलता है।

थल सेना दिवस

थल सेना दिवस 15 जनवरी को भारतीय थल सेना के लिए पुरे भारत में मनाया जाता है।

  • 15 जनवरी 1949 को पहली बार के. एम. करियप्पा को देश का पहला लेफ्टीनेंट जर्नल घोषित किया गया। इसके पहले ब्रिटिश मूल के फ्रांसिस बूचर इस पद पर थे।
  • 15 जनवरी 1949 के बाद से भारत की सेना ब्रिटिश सेना से पूरी तरह मुक्त हुई थी और इसी लिए 15 जनवरी को थल सेना दिवस घोषित किया गया।

भारतीय थल सेना

भारतीय थल सेना के प्रशासनिक एवं सामरिक कार्य संचालन का नियंत्रण थल सेनाध्यक्ष करता है। सेना को अधिकतर थल सेना ही समझा जाता है, यह ठीक भी है क्योंकि रक्षा-पक्ति में थल सेना का ही प्रथम तथा प्रधान स्थान है। इस समय लगभग 13 लाख सैनिक-असैनिक थल सेना में भिन्न-भिन्न पदों पर कार्यरत हैं, जबकि 1948 में सेना में लगभग 2,00,000 सैनिक थे। थल सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में है।

नया साल दिवस

नया साल दिवस 1 जनवरी को मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार 1 जनवरी वर्ष का पहला दिन है।

  • नव वर्ष उत्सव 4000 वर्ष पहले से बेबीलोन में मनाया जाता था।
  • बेबीलोन में 4000 वर्ष पहले नया साल 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि भी मानी जाती थी।
  • सब देशों में नया साल 1 जनवरी और भारत के भिन्न-भिन्न हिस्सों में नववर्ष अलग-अलग तिथियों के अनुसार मनाया जाता है।