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'''केन नदी''' [[यमुना नदी|यमुना]] की एक उपनदी या सहायक नदी है जो [[कैमूर पहाड़ियाँ|कैमूर की पहाड़ियों]] से निकलकर [[बुन्देलखंड]] क्षेत्र से गुजरती है तथा भोजहा के निकट यमुना नदी में मिल जाती है।
'''केन नदी''' या कियाना यमुना की सहायक नदी या उपनदी हैं जो [[कैमूर पहाड़ियाँ|कैमूर की पहाड़ियों]] से निकलकर [[बुन्देलखंड]] क्षेत्र से गुजरती है तथा भोजहा के निकट यमुना नदी में मिल जाती है।
*इसका प्राचीन नाम कर्णावती, श्वेनी और शुक्तिमति है।  
*नदी नदी केवल वर्षा ऋतु में ही जलमग्न रहती है।
*नदी नदी केवल वर्षा ऋतु में ही जलमग्न रहती है।
*नदी नदी की कुल लम्बाई 308 किलोमीटर है।
*नदी नदी की कुल लम्बाई 308 किलोमीटर है।
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*यह कर्णवती के नाम से भी विख्यात है।
*यह कर्णवती के नाम से भी विख्यात है।
*केन नदी का 'शजर' पत्थर मशहूर है।
*केन नदी का 'शजर' पत्थर मशहूर है।
* यह विंध्याचल से निकलती हैं। केन सागर किले के निकट विंध्याचल से निकलती है और क्षत्रपुर और पन्ना की सीमा बनाती हुई [[बांदा ज़िला|ज़िला बांदा]] ([[उत्तर प्रदेश]]) के चीलतारा नामक स्थान पर यमुना में गिरती है।


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11:30, 25 अगस्त 2012 का अवतरण

केन नदी

केन नदी या कियाना यमुना की सहायक नदी या उपनदी हैं जो कैमूर की पहाड़ियों से निकलकर बुन्देलखंड क्षेत्र से गुजरती है तथा भोजहा के निकट यमुना नदी में मिल जाती है।

  • इसका प्राचीन नाम कर्णावती, श्वेनी और शुक्तिमति है।
  • नदी नदी केवल वर्षा ऋतु में ही जलमग्न रहती है।
  • नदी नदी की कुल लम्बाई 308 किलोमीटर है।
  • गर्मी के मौसम में नदी नदी लगभग सूख जाती है।
  • केन तथा मंदाकिनी यमुना की अंतिम उपनदियाँ हैं क्योंकि इस के बाद यमुना गंगा से जा मिलती है।
  • केन नदी जबलपुर, मध्य प्रदेश से प्रारंभ होती है, पन्ना में इससे कई धारायें आ जुड़ती हैं और फिर बाँदा, उत्तर प्रदेश में इसका यमुना से संगम होता है।
  • यह कर्णवती के नाम से भी विख्यात है।
  • केन नदी का 'शजर' पत्थर मशहूर है।
  • यह विंध्याचल से निकलती हैं। केन सागर किले के निकट विंध्याचल से निकलती है और क्षत्रपुर और पन्ना की सीमा बनाती हुई ज़िला बांदा (उत्तर प्रदेश) के चीलतारा नामक स्थान पर यमुना में गिरती है।


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