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रामनाथ कोविंद के बारे में
रामनाथ कोविंद स्वयंसेवक हैं। भाजपा के पुराने नेता हैं। संघ और भाजपा में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं। सांसद रहे हैं। एससीएसटी प्रकोष्ठ के प्रमुख का दायित्व भी निभाया है और संगठन की मुख्यधारा की ज़िम्मेदारियां भी। वो कोरी समाज से आने वाले दलित हैं यानी उत्तर प्रदेश में दलितों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी, पहली जाटव और दूसरी पासी है।
कोविंद को दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता के तौर पर उनका एक अच्छा खासा अनुभव है। सरकारी वकील भी रहे हैं। राष्ट्रपति पद के लिए जिस तरह की मूलभूत आवश्यकताएं समझी जाती हैं, वो उनमें हैं। वह मृदुभाषी हैं, कम बोलना और शांति के साथ काम करना कोविंद की शैली है।
कोविंद उत्तर प्रदेश से आते हैं।
http://aajtak.intoday.in/story/nda-president-candidate-ramnath-kovind-reach-delhi-live-updates-1-936332.html
सहारनपुर से शुरू हुई घटना का पूरे राज्य में असर दिख रहा है. पूरे राज्य में जातीय संघर्ष के लक्षण दिख रहे हैं. और हर जगह ये संघर्ष राजपूत और दलितों के बीच ही हो रहा है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश को संभालने के लिए भी कोविंद को सामने लाने की रणनीति अपनाई है.
चंद्रशेखर युवा नेता के तौर पर पहचान बनाते जा रहे हैं और उनमें बहुजन समाज पार्टी की जगह लेने की संभावना भी लोग देखने लगे हैं.
ऐसे में जो दलित पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े थे, उनकी भावनाओं पर मरहम लगाने के लिए एक दलित नेता को सामने लाने की कोशिश दिखती है. ताकि ये कहा जा सके कि हमने दलित को राष्ट्रपति तो बनाया है.
मिल जाएगा बहुमत
इसी वजह से पहले सोचे गए नाम में बदलाव किया गया है. वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू से ही भीमराव अंबेडकर को पुनर्स्थापित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं, तो ये भी एक वजह होगी.
रामनाथ कोविंद के नाम सामने आने का एक पहलू और है. मौजूदा समय में ये साफ़ था कि एनडीए के पास राष्ट्रपति बनाने लायक बहुमत थोड़ा कम पड़ रहा था, लोग कांटे की टक्कर की उम्मीद लगा रहे थे. लेकिन कोविंद के सामने आने से उनका बहुमत से राष्ट्रपति बनना तय हो गया है.
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रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को जनता दल यूनाइटेड के नीतीश कुमार का भी साथ मिलेगा. बिहार के राज्यपाल के तौर पर रामनाथ कोविंद की नीतीश कुमार के साथ अच्छी केमेस्ट्री देखने को मिली है.
ख़ासकर शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए दोनों एक तरह की सोच से काम करते रहे हैं, पिछले दिनों राज्य में वाइस चांसलरों की नियुक्ति में भी कोई विवाद देखने को नहीं मिला है.
(आलेख बीबीसी संवाददाता प्रदीप कुमार से बातचीत पर आधारित.)
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http://www.bbc.com/hindi/india-40329678
रामनाथ कोविंद मौजूदा समय में बिहार के राज्यपाल हैं, लेकिन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की होड़ में उनका नाम बहुत ज़्यादा चर्चा में नहीं था.
रामनाथ कोविंद के बारे में अहम बातें:
* उत्तर प्रदेश से बीजेपी के दलित नेता
* दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे
* सरकारी वकील रहे, 1971 में बार काउंसिल के लिए नामांकित
* दिल्ली हाइकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में 16 साल तक प्रैक्टिस
* राष्ट्रपति चुने गए तो उत्तर प्रदेश से दूसरे राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद का जन्म एक अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ था. कोविंद ने कानपुर यूनिवर्सिटी से बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है.
गवर्नर ऑफ बिहार की वेबसाइट के मुताबिक कोविंद दिल्ली हाई कोर्ट में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहे थे. 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिग काउंसिल में थे.
दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इन्होंने 16 साल तक प्रैक्टिस की. 1971 में दिल्ली बार काउंसिल के लिए नामांकित हुए थे.
1994 में कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए. वह 12 साल तक राज्यसभा सांसद रहे. वे कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं.
ये समितियां हैं- आदिवासी, होम अफ़ेयर, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सामाजिक न्याय, क़ानून न्याय व्यवस्था और राज्यसभा हाउस कमेटी के भी चेयरमैन रहे.
सक्रिय सांसद रहे
कोविंद गवर्नर्स ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के भी सदस्य रहे हैं. 2002 में कोविंद ने संयुक्त राष्ट्र के महासभा को संबोधित किया. कोविंद ने कई देशों की यात्रा भी की है.
कोविंद की पहचान एक दलित चेहरे के रूप में अहम रही है. छात्र जीवन में कोविंद ने अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए काम किया.
12 साल की सांसदी में कोविंद ने शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों को उठाया. ऐसा कहा जाता है कि वकील रहने के दौरान कोविंद ने ग़रीब दलितों के लिए मुफ़्त में क़ानूनी लड़ाई लड़ी.
कोविंद की शादी 30 मई 1974 को सविता कोविंद से हुई थी. इनके एक बेटे प्रशांत हैं और बेटी का नाम स्वाति है.
http://www.bbc.com/hindi/india-40325878
जन्म परिचय
रामनाथ कोविंद का जन्म कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के गांव परौंख में 1945 में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हुई। कानपुर नगर के बीएनएसडी इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद डीएवी कॉलेज से बी कॉम व डीएवी लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद दिल्ली में रहकर तीसरे प्रयास में आईएएस की परीक्षा पास की, लेकिन मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी। 
जून 1975 में आपातकाल के बाद उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में वकालत से कॅरियर की शुरुआत की। वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद रामनाथ कोविंद तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव बने। इसके बाद वे भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए। कोविंद को पार्टी ने वर्ष 1990 में घाटमपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया लेकिन वह चुनाव हार गए। 
वर्ष 1993 व 1999 में पार्टी ने उन्हें प्रदेश से दो बार राज्यसभा में भेजा। पार्टी के लिए दलित चेहरा बन गये कोविंद अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रवक्ता भी रहे। घाटमपुर से चुनाव लड़ने के बाद कोविंद लगातार क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं से संपर्क में रहे। राज्यसभा सदस्य के रूप में क्षेत्र के विकास में लगातार सक्रिय रहने का ही परिणाम है कि उनके राज्यपाल बनने की खबर सुनते ही लोग फोन पर बधाई देने लगे।
http://www.amarujala.com/uttar-pradesh/kanpur/all-you-need-to-know-about-nda-presidential-candidate-ramnath-kovind
वर्तमान में बिहार के राज्यपाल
वर्ष 2007 में पार्टी ने रामनाथ कोविंद प्रदेश की राजनीति में सक्रिय करने के लिए भोगनीपुर सीट से चुनाव लड़ाया, लेकिन वह यह चुनाव भी हार गए। रामनाथ कोविंद इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ महामंत्री रह चुके हैं। अगस्त 2015 में बिहार के राज्यपाल के तौर पर भी उनके नाम की घोषणा अचानक ही हुई थी।
मकान को बारातशाला के रूप में किया दान
बिहार के राज्यपाल बनाए गए रामनाथ कोविद तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। परौख गांव में कोविद अपना पैतृक मकान बारातशाला के रूप में दान कर चुके हैं। बड़े भाई प्यारेलाल व स्वर्गीय शिवबालक राम हैं।
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रामनाथ कोविंद और वर्तमान में बिहार के राज्यपाल का जन्म उत्तर प्रदेश कानपुर जिले के तहसील डेरापुर के गांव परौंख में अक्टूबर 1945 में हुआ था।
Khabarindiatv.com [Updated:19 Jun 2017, 3:08 PM IST]
रामनाथ कोविंद और वर्तमान में बिहार के राज्यपाल का जन्म उत्तर प्रदेश कानपुर जिले के तहसील डेरापुर के गांव परौंख में अक्टूबर 1945 में हुआ था।  रामनाथ कोविंद पेशे से वकील रहे हैं। 1991 में बीजेपी में शामिल हुए। 8 अगस्त 2015 को उन्हें बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया। 
रामनाथ कोविंद का परिचय
* रामनाथ कोविंद वर्तमान में बिहार के राज्यपाल हैं
* रामनाथ कोविन्द का जन्म अक्टूबर 1945 में कानपुर जिले में हुआ था
* रामनाथ कोविन्द भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं
* वे बीजेपी से राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं 
* अनुसूचित जाति के हैं राम नाथ कोविन्द
* कोविन्द का सम्बन्ध कोरी या कोली जाति से है
* दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत से करियर की शुरुआत
* 1977-1979 तक दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे
* 1991 में बीजेपी में शामिल हुए, 1994 में राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए
* 2000 में यूपी से फिर राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए
* लगातार 12 साल तक राज्यसभा सदस्य रहे
* बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुके हैं राम नाथ कोविन्द
* बीजेपी दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कोली समाज के अध्यक्ष रहे हैं
* अगस्त 2015 में बिहार के राज्यपाल पद पर नियुक्ति हुई
* http://www.khabarindiatv.com/india/national-who-is-ramnath-kovind-bjp-president-candidate-520354
रामनाथ कोविंद के बारे में कुछ खास बातें...
- वर्ष 1994 से 2006 के बीच दो बार राज्यसभा सदस्य रह चुके रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश के कानपुर से हैं. पेशे से वकील कोविंद भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रमुख भी रहे हैं.
- राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाए गए रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के निवासी हैं
- वे 1977 में पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के विशेष कार्यकारी अधिकारी रहे चुके हैं
- कोविंद दो बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं
- दो बार भाजपा अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय प्रवक्ता ,उत्तर प्रदेश के महामंत्री रह चुके हैं.
- हरिद्वार में गंगा के तट पर स्थित कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए समर्पित संस्था दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आजीवन संरक्षक
- परिवार में पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री है
- केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यपाल बनने वाले तीसरे व्यक्ति थे.
- मेंबर, पार्लियामेंट की SC/ST वेलफेयर कमेटी के सदस्य, गृह मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय, सोशल जस्टिस, चेयरमैन राज्यसभा हाउसिंग कमेटी
- मेंबर, मैनेजमेंट बोर्ड ऑफ डॉ. बी.आर. अबेंडकर यूनिवर्सिटी, लखनऊ
- मेंबर, बोर्ड ऑफ गवर्नर, IIM, कोलकाता
- 2002 में सयुंक्त राष्ट्र की महासभा में भारत का नेतृत्व किया.
कानपुर देहात में हुआ जन्म
उन्होंने कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के गांव परौंख में जन्मे रामनाथ कोविंद ने सर्वोच्च न्यायालय में वकालत से कॅरियर की शुरुआत की थी. वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव बने थे, इसके बाद भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए.
आईएएस परीक्षा में तीसरे प्रयास में मिली थी सफलता
परौख गांव में 1945 में जन्मे रामनाथ कोविद की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हुई. कानपुर नगर के बीएनएसडी इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद डीएवी कॉलेज से बी कॉम व डीएवी लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की.
कोविंद ने दिल्ली में रहकर IAS की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की. लेकिन मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी. जून 1975 में आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार बनने पर वे वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव रहे थे. जनता पार्टी की सरकार में सुप्रीम कोर्ट के जूनियर काउंसलर के पद पर कार्य किया.
मकान को बना दिया बारातघर
बिहार के मौजूदा राज्यपाल रामनाथ कोविद अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं. कहा जाता है कि परौख गांव में कोविद अपना पैतृक मकान बारातघर के रूप में दान कर चुके हैं. उनके बड़े भाई प्यारेलाल व स्वर्गीय शिवबालक राम हैं.
http://aajtak.intoday.in/story/ramnath-kovind-nda-president-candidate-profile-bihar-governer-1-936264.html
रामनाथ कोविंद का चयन
रामनाथ कोविंद स्वयंसेवक हैं. भाजपा के पुराने नेता हैं. संघ और भाजपा में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं. सांसद रहे हैं. एससीएसटी प्रकोष्ठ के प्रमुख का दायित्व भी निभाया है और संगठन की मुख्यधारा की ज़िम्मेदारियां भी. वो कोरी समाज से आने वाले दलित हैं. यानी उत्तर प्रदेश में दलितों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी. पहली जाटव और दूसरी पासी है.
कोविंद पढ़े-लिखे हैं. भाषाओं का ज्ञान है. दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता के तौर पर उनका एक अच्छा खासा अनुभव है. सरकारी वकील भी रहे हैं. राष्ट्रपति पद के लिए जिस तरह की मूलभूत आवश्यकताएं समझी जाती हैं, वो उनमें हैं. और मृदुभाषी हैं. कम बोलना और शांति के साथ काम करना कोविंद की शैली है.
अगर योगी को छोड़ दें तो मोदी ऐसे लोगों को ज़्यादा पसंद करते आए हैं जो बोलें कम और सुनें ज़्यादा. शांत लोग मोदी को पसंद आते हैं क्योंकि वो समानांतर स्वरों को तरजीह देने में यकीन नहीं रखते. संघ भी इस नाम से खुश है क्योंकि कोविंद की जड़ें संघ में निहित हैं.
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि कोविंद उत्तर प्रदेश से आते हैं और मोदी के लिए राजनीतिक रूप से मध्य प्रदेश के दलित की जगह उत्तर प्रदेश के दलित को चुनना हर लिहाज से फायदेमंद है.
कोविंद के साथ नीतीश का तालमेल भी अच्छा है. उत्तर प्रदेश से होना और बिहार का राज्यपाल होना दोनों राज्यों में सीधे एक संदेश भेजता है. यह संदेश मध्यप्रदेश से जाता तो शायद इतना प्रभावी न होता.
मोदी राजनीति में जिन जगहों पर अपने लिए अधिक संभावना देख रहे हैं उनमें मध्यप्रदेश से कहीं आगे उत्तर प्रदेश का नाम है. बिहार मोदी के लिए एक अभेद्य दुर्ग है और वहां भी एक मज़बूत संदेश भेजने में मोदी सफल रहे.
थावरचंद की जगह कोविंद का चयन मोदी के हक में ज्यादा बेहतर और उचित फैसला साबित होगा.
http://aajtak.intoday.in/story/bjp-president-candidate-ramnath-kovind-thawar-chand-gehlot-1-936275.html
रामनाथ कोविंद : जानें कौन हैं एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार
Last Updated: Monday, June 19, 2017 - 15:22
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एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद फिलहाल बिहार के राज्यपाल हैं. (file)
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नई दिल्ली.रामनाथ कोविंद को एनडीए का राष्ट्रपति पत का उम्मीदवार घोषित किया गया है.उनके नाम की घोषणा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को की. कोविंद फिलहाल बिहार के राज्यपाल हैं. 
कानपुर देहात में हुआ जन्म
रामनाथ कोविंद का जन्म कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के गांव परौंख में 1 अक्टूबर 1945 को हुआ. कोविन्द दलित समुदाय से आते हैं. कोविंद ने वकालत की डिग्री लेने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट में प्रेक्टिस शुरू की. वह 1977 से 1979 तक दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे.
और पढ़ें : रामनाथ कोविंद होंगे एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार
अगस्त 2015 में बने बिहार के राज्यपाल
कोविंद 1998 से 2002 तक बीजेपी दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं. वह ऑल इंडिया कोली समाज के भी प्रेसिडेंट रहे. उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर भी काम किया है. 8 अगस्त 2015 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया था.
12 साल तक रहे राज्यसभा मेंबर
कोविंद ने 1991 में बीजेपी ज्वाइन की. 1994 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए. 2000 में फिर से उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए. कोविंद लगातार 12 वर्ष तक राज्यसभा सांसद रहे. कोविंद कई महत्वपूर्ण संसदीय कमेटियों के मेंबर भी रहे हैं.
http://zeenews.india.com/hindi/india/know-who-is-ramnath-kovind/330353
जानिए कौन हैं रामनाथ कोविंद, जिन्‍हें NDA ने बनाया राष्‍ट्रपति पद का उम्‍मीदवार By: Anujkumar Maurya Updated: Monday, June 19, 2017, 15:26 [IST] Subscribe to Oneindia Hindi नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा की तरफ से रामनाथ कोविंद का नाम तय कर लिया गया है। मौजूदा समय में रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल हैं। अब लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर रामनाथ कोविंद हैं कौन, जिनका नाम भाजपा की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए तय किया गया है।  रामनाथ कोविंद ने कानपुर नगर के बीएनएसडी इंटरमीडिएट किया। इसके बाद डीएवी कॉलेज से बी कॉम और डीएवी लॉ कालेज से लॉ की डिग्री ली। इसके बाद दिल्ली में रहकर तीसरे प्रयास में आईएएस की परीक्षा पास की, लेकिन उन्‍होंने नौकरशाह बनने की जगह वकालत को तरजीह दी। आइए जानते हैं इनके बारे में।
यूपी के हैं रामनाथ कोविंद 1 अक्‍टूबर 1945 में रामनाथ कोविंद का जन्‍म कानुपर देहात जिले में हुआ था। परिवार में पत्नी सविता कोविंद, बेटे प्रशांत और बेटी स्वाति हैं। रामनाथ कोविंद 1994 से 2006 तक दो बार यूपी से राज्‍यसभा के सदस्‍य रहे हैं। रामनाथ कोविंद 1998 से 2002 तक बीजेपी दलित मोर्चा के अध्‍यक्ष रहने के साथ ही ऑल इंडिया कोरी समाज के प्रेसिडेंट भी रहे हैं। कोविंद भाजपा दलित मोर्चा के अध्‍यक्ष भी रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं।
बिहार के गवर्नर हैं रामनाथ कोविंद को 8 अगस्‍त 2015 को बिहार का गवर्नर नियुक्‍त किया गया था। दलित छवि के चलते एक समय में भााजपा उन्हें उत्तर प्रदेश में मायावती के खिलाफ भी प्रोजेक्ट करने की सोच रही थी। रामनाथ कोविंद को जब बिहार का गवर्नर नियुक्‍त किया गया था, तब नीतीश कुमार ने विरोध दर्ज किया था। उनका कहना था यह नियुक्ति उनसे सलाह के बगैर की गई।
मोरारजी देसाई के रह चुके हैं खास वे 1977 में पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के विशेष कार्यकारी अधिकारी रहे चुके हैं। हरिद्वार में गंगा के तट पर स्थित कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए समर्पित संस्था दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आजीवन संरक्षक भी रहे। पेशे से वकील कोविंद दिल्‍ली हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करते थे। रामनाथ कोविंद उत्‍तर प्रदेश से दो बार राज्‍यसभा के सांसद रहे हैं।
Read more at: http://hindi.oneindia.com/news/india/who-is-ram-nath-kovind-whose-name-is-suggested-bjp-as-candidate-of-president/articlecontent-pf80651-411784.html

07:04, 20 जून 2017 का अवतरण

रामनाथ कोविंद के बारे में रामनाथ कोविंद स्वयंसेवक हैं। भाजपा के पुराने नेता हैं। संघ और भाजपा में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं। सांसद रहे हैं। एससीएसटी प्रकोष्ठ के प्रमुख का दायित्व भी निभाया है और संगठन की मुख्यधारा की ज़िम्मेदारियां भी। वो कोरी समाज से आने वाले दलित हैं यानी उत्तर प्रदेश में दलितों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी, पहली जाटव और दूसरी पासी है।

कोविंद को दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता के तौर पर उनका एक अच्छा खासा अनुभव है। सरकारी वकील भी रहे हैं। राष्ट्रपति पद के लिए जिस तरह की मूलभूत आवश्यकताएं समझी जाती हैं, वो उनमें हैं। वह मृदुभाषी हैं, कम बोलना और शांति के साथ काम करना कोविंद की शैली है।

कोविंद उत्तर प्रदेश से आते हैं। http://aajtak.intoday.in/story/nda-president-candidate-ramnath-kovind-reach-delhi-live-updates-1-936332.html


सहारनपुर से शुरू हुई घटना का पूरे राज्य में असर दिख रहा है. पूरे राज्य में जातीय संघर्ष के लक्षण दिख रहे हैं. और हर जगह ये संघर्ष राजपूत और दलितों के बीच ही हो रहा है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश को संभालने के लिए भी कोविंद को सामने लाने की रणनीति अपनाई है. चंद्रशेखर युवा नेता के तौर पर पहचान बनाते जा रहे हैं और उनमें बहुजन समाज पार्टी की जगह लेने की संभावना भी लोग देखने लगे हैं. ऐसे में जो दलित पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े थे, उनकी भावनाओं पर मरहम लगाने के लिए एक दलित नेता को सामने लाने की कोशिश दिखती है. ताकि ये कहा जा सके कि हमने दलित को राष्ट्रपति तो बनाया है. मिल जाएगा बहुमत इसी वजह से पहले सोचे गए नाम में बदलाव किया गया है. वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू से ही भीमराव अंबेडकर को पुनर्स्थापित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं, तो ये भी एक वजह होगी. रामनाथ कोविंद के नाम सामने आने का एक पहलू और है. मौजूदा समय में ये साफ़ था कि एनडीए के पास राष्ट्रपति बनाने लायक बहुमत थोड़ा कम पड़ रहा था, लोग कांटे की टक्कर की उम्मीद लगा रहे थे. लेकिन कोविंद के सामने आने से उनका बहुमत से राष्ट्रपति बनना तय हो गया है.  इमेज कॉपीरइट BIHARPICTURES.COM रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को जनता दल यूनाइटेड के नीतीश कुमार का भी साथ मिलेगा. बिहार के राज्यपाल के तौर पर रामनाथ कोविंद की नीतीश कुमार के साथ अच्छी केमेस्ट्री देखने को मिली है. ख़ासकर शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए दोनों एक तरह की सोच से काम करते रहे हैं, पिछले दिनों राज्य में वाइस चांसलरों की नियुक्ति में भी कोई विवाद देखने को नहीं मिला है. (आलेख बीबीसी संवाददाता प्रदीप कुमार से बातचीत पर आधारित.) (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.) http://www.bbc.com/hindi/india-40329678


रामनाथ कोविंद मौजूदा समय में बिहार के राज्यपाल हैं, लेकिन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की होड़ में उनका नाम बहुत ज़्यादा चर्चा में नहीं था. रामनाथ कोविंद के बारे में अहम बातें:

  • उत्तर प्रदेश से बीजेपी के दलित नेता
  • दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे
  • सरकारी वकील रहे, 1971 में बार काउंसिल के लिए नामांकित
  • दिल्ली हाइकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में 16 साल तक प्रैक्टिस
  • राष्ट्रपति चुने गए तो उत्तर प्रदेश से दूसरे राष्ट्रपति

रामनाथ कोविंद का जन्म एक अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ था. कोविंद ने कानपुर यूनिवर्सिटी से बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है. गवर्नर ऑफ बिहार की वेबसाइट के मुताबिक कोविंद दिल्ली हाई कोर्ट में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहे थे. 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिग काउंसिल में थे. दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इन्होंने 16 साल तक प्रैक्टिस की. 1971 में दिल्ली बार काउंसिल के लिए नामांकित हुए थे. 1994 में कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए. वह 12 साल तक राज्यसभा सांसद रहे. वे कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं. ये समितियां हैं- आदिवासी, होम अफ़ेयर, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सामाजिक न्याय, क़ानून न्याय व्यवस्था और राज्यसभा हाउस कमेटी के भी चेयरमैन रहे. सक्रिय सांसद रहे कोविंद गवर्नर्स ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के भी सदस्य रहे हैं. 2002 में कोविंद ने संयुक्त राष्ट्र के महासभा को संबोधित किया. कोविंद ने कई देशों की यात्रा भी की है.  कोविंद की पहचान एक दलित चेहरे के रूप में अहम रही है. छात्र जीवन में कोविंद ने अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए काम किया. 12 साल की सांसदी में कोविंद ने शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों को उठाया. ऐसा कहा जाता है कि वकील रहने के दौरान कोविंद ने ग़रीब दलितों के लिए मुफ़्त में क़ानूनी लड़ाई लड़ी. कोविंद की शादी 30 मई 1974 को सविता कोविंद से हुई थी. इनके एक बेटे प्रशांत हैं और बेटी का नाम स्वाति है. http://www.bbc.com/hindi/india-40325878

जन्म परिचय रामनाथ कोविंद का जन्म कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के गांव परौंख में 1945 में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हुई। कानपुर नगर के बीएनएसडी इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद डीएवी कॉलेज से बी कॉम व डीएवी लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद दिल्ली में रहकर तीसरे प्रयास में आईएएस की परीक्षा पास की, लेकिन मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी। 

जून 1975 में आपातकाल के बाद उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में वकालत से कॅरियर की शुरुआत की। वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद रामनाथ कोविंद तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव बने। इसके बाद वे भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए। कोविंद को पार्टी ने वर्ष 1990 में घाटमपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया लेकिन वह चुनाव हार गए। 

वर्ष 1993 व 1999 में पार्टी ने उन्हें प्रदेश से दो बार राज्यसभा में भेजा। पार्टी के लिए दलित चेहरा बन गये कोविंद अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रवक्ता भी रहे। घाटमपुर से चुनाव लड़ने के बाद कोविंद लगातार क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं से संपर्क में रहे। राज्यसभा सदस्य के रूप में क्षेत्र के विकास में लगातार सक्रिय रहने का ही परिणाम है कि उनके राज्यपाल बनने की खबर सुनते ही लोग फोन पर बधाई देने लगे।

http://www.amarujala.com/uttar-pradesh/kanpur/all-you-need-to-know-about-nda-presidential-candidate-ramnath-kovind वर्तमान में बिहार के राज्यपाल  वर्ष 2007 में पार्टी ने रामनाथ कोविंद प्रदेश की राजनीति में सक्रिय करने के लिए भोगनीपुर सीट से चुनाव लड़ाया, लेकिन वह यह चुनाव भी हार गए। रामनाथ कोविंद इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ महामंत्री रह चुके हैं। अगस्त 2015 में बिहार के राज्यपाल के तौर पर भी उनके नाम की घोषणा अचानक ही हुई थी।

मकान को बारातशाला के रूप में किया दान बिहार के राज्यपाल बनाए गए रामनाथ कोविद तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। परौख गांव में कोविद अपना पैतृक मकान बारातशाला के रूप में दान कर चुके हैं। बड़े भाई प्यारेलाल व स्वर्गीय शिवबालक राम हैं।

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रामनाथ कोविंद और वर्तमान में बिहार के राज्यपाल का जन्म उत्तर प्रदेश कानपुर जिले के तहसील डेरापुर के गांव परौंख में अक्टूबर 1945 में हुआ था। Khabarindiatv.com [Updated:19 Jun 2017, 3:08 PM IST]

रामनाथ कोविंद और वर्तमान में बिहार के राज्यपाल का जन्म उत्तर प्रदेश कानपुर जिले के तहसील डेरापुर के गांव परौंख में अक्टूबर 1945 में हुआ था। रामनाथ कोविंद पेशे से वकील रहे हैं। 1991 में बीजेपी में शामिल हुए। 8 अगस्त 2015 को उन्हें बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया।  रामनाथ कोविंद का परिचय

  • रामनाथ कोविंद वर्तमान में बिहार के राज्यपाल हैं
  • रामनाथ कोविन्द का जन्म अक्टूबर 1945 में कानपुर जिले में हुआ था
  • रामनाथ कोविन्द भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं
  • वे बीजेपी से राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं 
  • अनुसूचित जाति के हैं राम नाथ कोविन्द
  • कोविन्द का सम्बन्ध कोरी या कोली जाति से है
  • दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत से करियर की शुरुआत
  • 1977-1979 तक दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे
  • 1991 में बीजेपी में शामिल हुए, 1994 में राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए
  • 2000 में यूपी से फिर राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए
  • लगातार 12 साल तक राज्यसभा सदस्य रहे
  • बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुके हैं राम नाथ कोविन्द
  • बीजेपी दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कोली समाज के अध्यक्ष रहे हैं
  • अगस्त 2015 में बिहार के राज्यपाल पद पर नियुक्ति हुई
  • http://www.khabarindiatv.com/india/national-who-is-ramnath-kovind-bjp-president-candidate-520354

रामनाथ कोविंद के बारे में कुछ खास बातें... - वर्ष 1994 से 2006 के बीच दो बार राज्यसभा सदस्य रह चुके रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश के कानपुर से हैं. पेशे से वकील कोविंद भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रमुख भी रहे हैं. - राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाए गए रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के निवासी हैं - वे 1977 में पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के विशेष कार्यकारी अधिकारी रहे चुके हैं - कोविंद दो बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं - दो बार भाजपा अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय प्रवक्ता ,उत्तर प्रदेश के महामंत्री रह चुके हैं. - हरिद्वार में गंगा के तट पर स्थित कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए समर्पित संस्था दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आजीवन संरक्षक - परिवार में पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री है

- केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यपाल बनने वाले तीसरे व्यक्ति थे. - मेंबर, पार्लियामेंट की SC/ST वेलफेयर कमेटी के सदस्य, गृह मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय, सोशल जस्टिस, चेयरमैन राज्यसभा हाउसिंग कमेटी - मेंबर, मैनेजमेंट बोर्ड ऑफ डॉ. बी.आर. अबेंडकर यूनिवर्सिटी, लखनऊ - मेंबर, बोर्ड ऑफ गवर्नर, IIM, कोलकाता - 2002 में सयुंक्त राष्ट्र की महासभा में भारत का नेतृत्व किया. कानपुर देहात में हुआ जन्म उन्होंने कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के गांव परौंख में जन्मे रामनाथ कोविंद ने सर्वोच्च न्यायालय में वकालत से कॅरियर की शुरुआत की थी. वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव बने थे, इसके बाद भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए. आईएएस परीक्षा में तीसरे प्रयास में मिली थी सफलता परौख गांव में 1945 में जन्मे रामनाथ कोविद की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लाक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हुई. कानपुर नगर के बीएनएसडी इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद डीएवी कॉलेज से बी कॉम व डीएवी लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की. कोविंद ने दिल्ली में रहकर IAS की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की. लेकिन मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी. जून 1975 में आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार बनने पर वे वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव रहे थे. जनता पार्टी की सरकार में सुप्रीम कोर्ट के जूनियर काउंसलर के पद पर कार्य किया. मकान को बना दिया बारातघर बिहार के मौजूदा राज्यपाल रामनाथ कोविद अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं. कहा जाता है कि परौख गांव में कोविद अपना पैतृक मकान बारातघर के रूप में दान कर चुके हैं. उनके बड़े भाई प्यारेलाल व स्वर्गीय शिवबालक राम हैं. http://aajtak.intoday.in/story/ramnath-kovind-nda-president-candidate-profile-bihar-governer-1-936264.html

रामनाथ कोविंद का चयन रामनाथ कोविंद स्वयंसेवक हैं. भाजपा के पुराने नेता हैं. संघ और भाजपा में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं. सांसद रहे हैं. एससीएसटी प्रकोष्ठ के प्रमुख का दायित्व भी निभाया है और संगठन की मुख्यधारा की ज़िम्मेदारियां भी. वो कोरी समाज से आने वाले दलित हैं. यानी उत्तर प्रदेश में दलितों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी. पहली जाटव और दूसरी पासी है. कोविंद पढ़े-लिखे हैं. भाषाओं का ज्ञान है. दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता के तौर पर उनका एक अच्छा खासा अनुभव है. सरकारी वकील भी रहे हैं. राष्ट्रपति पद के लिए जिस तरह की मूलभूत आवश्यकताएं समझी जाती हैं, वो उनमें हैं. और मृदुभाषी हैं. कम बोलना और शांति के साथ काम करना कोविंद की शैली है.

अगर योगी को छोड़ दें तो मोदी ऐसे लोगों को ज़्यादा पसंद करते आए हैं जो बोलें कम और सुनें ज़्यादा. शांत लोग मोदी को पसंद आते हैं क्योंकि वो समानांतर स्वरों को तरजीह देने में यकीन नहीं रखते. संघ भी इस नाम से खुश है क्योंकि कोविंद की जड़ें संघ में निहित हैं. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि कोविंद उत्तर प्रदेश से आते हैं और मोदी के लिए राजनीतिक रूप से मध्य प्रदेश के दलित की जगह उत्तर प्रदेश के दलित को चुनना हर लिहाज से फायदेमंद है. कोविंद के साथ नीतीश का तालमेल भी अच्छा है. उत्तर प्रदेश से होना और बिहार का राज्यपाल होना दोनों राज्यों में सीधे एक संदेश भेजता है. यह संदेश मध्यप्रदेश से जाता तो शायद इतना प्रभावी न होता. मोदी राजनीति में जिन जगहों पर अपने लिए अधिक संभावना देख रहे हैं उनमें मध्यप्रदेश से कहीं आगे उत्तर प्रदेश का नाम है. बिहार मोदी के लिए एक अभेद्य दुर्ग है और वहां भी एक मज़बूत संदेश भेजने में मोदी सफल रहे. थावरचंद की जगह कोविंद का चयन मोदी के हक में ज्यादा बेहतर और उचित फैसला साबित होगा.

http://aajtak.intoday.in/story/bjp-president-candidate-ramnath-kovind-thawar-chand-gehlot-1-936275.html रामनाथ कोविंद : जानें कौन हैं एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार Last Updated: Monday, June 19, 2017 - 15:22 5964 SHARES 

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 एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद फिलहाल बिहार के राज्यपाल हैं. (file)

Follow @ZeeNewsHindi नई दिल्ली.रामनाथ कोविंद को एनडीए का राष्ट्रपति पत का उम्मीदवार घोषित किया गया है.उनके नाम की घोषणा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को की. कोविंद फिलहाल बिहार के राज्यपाल हैं. 

कानपुर देहात में हुआ जन्म


रामनाथ कोविंद का जन्म कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के गांव परौंख में 1 अक्टूबर 1945 को हुआ. कोविन्द दलित समुदाय से आते हैं. कोविंद ने वकालत की डिग्री लेने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट में प्रेक्टिस शुरू की. वह 1977 से 1979 तक दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे.

और पढ़ें : रामनाथ कोविंद होंगे एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अगस्त 2015 में बने बिहार के राज्यपाल कोविंद 1998 से 2002 तक बीजेपी दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं. वह ऑल इंडिया कोली समाज के भी प्रेसिडेंट रहे. उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर भी काम किया है. 8 अगस्त 2015 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया था.

12 साल तक रहे राज्यसभा मेंबर कोविंद ने 1991 में बीजेपी ज्वाइन की. 1994 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए. 2000 में फिर से उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए. कोविंद लगातार 12 वर्ष तक राज्यसभा सांसद रहे. कोविंद कई महत्वपूर्ण संसदीय कमेटियों के मेंबर भी रहे हैं. http://zeenews.india.com/hindi/india/know-who-is-ramnath-kovind/330353

जानिए कौन हैं रामनाथ कोविंद, जिन्‍हें NDA ने बनाया राष्‍ट्रपति पद का उम्‍मीदवार By: Anujkumar Maurya Updated: Monday, June 19, 2017, 15:26 [IST] Subscribe to Oneindia Hindi नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा की तरफ से रामनाथ कोविंद का नाम तय कर लिया गया है। मौजूदा समय में रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल हैं। अब लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर रामनाथ कोविंद हैं कौन, जिनका नाम भाजपा की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए तय किया गया है।  रामनाथ कोविंद ने कानपुर नगर के बीएनएसडी इंटरमीडिएट किया। इसके बाद डीएवी कॉलेज से बी कॉम और डीएवी लॉ कालेज से लॉ की डिग्री ली। इसके बाद दिल्ली में रहकर तीसरे प्रयास में आईएएस की परीक्षा पास की, लेकिन उन्‍होंने नौकरशाह बनने की जगह वकालत को तरजीह दी। आइए जानते हैं इनके बारे में।

यूपी के हैं रामनाथ कोविंद 1 अक्‍टूबर 1945 में रामनाथ कोविंद का जन्‍म कानुपर देहात जिले में हुआ था। परिवार में पत्नी सविता कोविंद, बेटे प्रशांत और बेटी स्वाति हैं। रामनाथ कोविंद 1994 से 2006 तक दो बार यूपी से राज्‍यसभा के सदस्‍य रहे हैं। रामनाथ कोविंद 1998 से 2002 तक बीजेपी दलित मोर्चा के अध्‍यक्ष रहने के साथ ही ऑल इंडिया कोरी समाज के प्रेसिडेंट भी रहे हैं। कोविंद भाजपा दलित मोर्चा के अध्‍यक्ष भी रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं।

बिहार के गवर्नर हैं रामनाथ कोविंद को 8 अगस्‍त 2015 को बिहार का गवर्नर नियुक्‍त किया गया था। दलित छवि के चलते एक समय में भााजपा उन्हें उत्तर प्रदेश में मायावती के खिलाफ भी प्रोजेक्ट करने की सोच रही थी। रामनाथ कोविंद को जब बिहार का गवर्नर नियुक्‍त किया गया था, तब नीतीश कुमार ने विरोध दर्ज किया था। उनका कहना था यह नियुक्ति उनसे सलाह के बगैर की गई।

मोरारजी देसाई के रह चुके हैं खास वे 1977 में पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के विशेष कार्यकारी अधिकारी रहे चुके हैं। हरिद्वार में गंगा के तट पर स्थित कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए समर्पित संस्था दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आजीवन संरक्षक भी रहे। पेशे से वकील कोविंद दिल्‍ली हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करते थे। रामनाथ कोविंद उत्‍तर प्रदेश से दो बार राज्‍यसभा के सांसद रहे हैं।

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