"विश्व के सात आश्चर्य (आधुनिक)": अवतरणों में अंतर
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7 जुलाई यानि 07-07-07 को चुने गये 7 आश्चर्य हैं:- | 7 जुलाई यानि 07-07-07 को चुने गये 7 आश्चर्य हैं:- | ||
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14:00, 24 नवम्बर 2012 के समय का अवतरण
ताजमहल |
क्राइस्ट द रिडीमर |
चीन की दीवार |
रोम का कोलोसियम |
जोर्डन का 'पेत्रा' |
माचू पिच्चू |
चिचेन इत्जा |
7 जुलाई 2007 को विश्व के सात नए आश्चर्य घोषित किये गए हैं। इनका चुनाव फोन या इंटरनेट के ज़रिये विश्व के नागरिकों की राय लेकर किया गया। यह प्रतियोगिता 1999 में चालू की गई थी, इसके लिये मतदान 2005 में चालू हुआ था। पूरी दुनिया से क़रीब 200 मानव निर्मित कृतियों के नाम आए थे, जो कम होते-होते 21 बचे जिनमें से आख़िरकार 7 चुने गए। हालांकि कई देशों और लोगों ने चुनने के इस तरीके पर असहमति और विरोध जताया है। यह सच भी है कि मत देने के पीछे अक्सर लोगों की भावनाएं और अपने देश में बनी कृति से लगाव अधिक होता है, बजाए सौन्दर्य या अनोखेपन के मापदण्डों के। 7 जुलाई यानि 07-07-07 को चुने गये 7 आश्चर्य हैं:-
ताजमहल
आगरा में संगमरमर का बना यह मक़बरा मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी प्रिय मृत पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। यह 1632 में बना और 15 साल में पूरा हुआ। वह अपने जीवन के अंतिम दिन क़ैद में से ताजमहल को देखते हुए बिताए थे। यह ख़ूबसूरत गुंबदों वाला महल चारों तरफ बग़ीचों से घिरा है। क्षितिज पर इसके ताज के आकार के अलावा कुछ नजर नहीं आता और मुग़ल शिल्पकला का यह सबसे बढ़िया उदाहरण माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शाहजहाँ को उसके पुत्र ने बुढ़ापे में बंदी बना लिया था और उसने अपने अंतिम दिन क़ैद में से ताजमहल को देखते हुए बिताए।
क्राइस्ट द रिडीमर
- ब्राजील के 'रियो डि जनेरियो' में पहाड़ी के ऊपर स्थित 130 फुट ऊँची 'क्राइस्ट द रिडीमर' अर्थात 'उद्धार करने वाले ईसा मसीह' की मूर्ति।
- यह क्रॉस या सलीब के आकार की है,[1] कंक्रीट और पत्थर की बनी है और 1931 में बनकर तैयार हुई थी जब लोगों से मिले दान से इसे बनाया गया।
चीन की दीवार
- चीन की यह दीवार 5वीं सदी ईसा पूर्व में बननी चालू हुई थी और 16 वीं सदी तक बनती रही।
- यह दीवार चीन की उत्तरी सीमा पर बनाई गयी थी ताकि मंगोल आक्रमणकारियों को रोका जा सके।
- चीन की यह दीवार संसार की सबसे लम्बी मानव निर्मित रचना है। जो लगभग 4000 मील (6,400 किलोमीटर) तक फैली है।
रोम का कोलोसियम
- रोम का कोलोसियम का असली लेटिन नाम 'एम्फीथिएटरम् फ्लावियम' है, जिसे अंग्रेजी में 'फ्लावियन एम्फीथिएटर' कहा जाता है, लेकिन यह कोलोजियम के नाम से ही ज़्यादा प्रसिद्घ है।
- रोम का कोलोसियम एक विशाल खेल स्टेडियम है।
जोर्डन का 'पेत्रा'
- अरब के रेगिस्तान के कोने में बसा पेत्रा 2000 साल पुराना शहर है जो राजा अरेतास चतुर्थ[2] की राजधानी था।
- यह अपने तरह की पत्थर की इमारतों के लिये प्रसिद्ध है, जो लाल चट्टानों से बनी हैं।
माचू पिच्चू
- दक्षिण अमरीका में एंडीज पर्वतों के बीच बसा माचू पिच्चू शहर पुरानी इंका सभ्यता का सबसे बढ़िया उदाहरण है।
- माचू पिच्चू 15वीं शताब्दी तक बसा हुआ था।
- 15वीं शताब्दी के बाद माना जाता है कि स्पेन के आक्रमणकारी यहाँ पर 'छोटी चेचक' जैसी भयानक महामारी ले आए जिसके कारण यह शहर पूरी तरह उजड़ गया।
चिचेन इत्जा
- आज के मध्य अमेरिका में स्थित यह मंदिर-नगरी पुरानी माया सभ्यता का अवशेष है।
- माया सभ्यता यहाँ पर 750 से 1200 सदी के बीच फली-फूली और यह शहर इनकी राजधानी और धर्मिक नगरी थी।
इन्हें भी देखें: विश्व के सात आश्चर्य (प्राचीन)
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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