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'''इटावा''' शहर, पश्चिमी मध्य [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[उत्तरी भारत]] में स्थित है। इटावा [[आगरा]] के दक्षिण-पूर्व में [[यमुना]] (जमुना) नदी के [[तट]] पर स्थित है। इस शहर में कई खड्ड हैं। जिनमें से एक पुराने शहर (दक्षिण) को शहर (उत्तर) से अलग करता है। पुल और तटबंध, दोनों हिस्सों को जोड़ते हैं।  
'''इटावा''' शहर, पश्चिमी मध्य [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[उत्तरी भारत]] में स्थित है। इटावा [[आगरा]] के दक्षिण-पूर्व में [[यमुना]] (जमुना) नदी के [[तट]] पर स्थित है। इस शहर में कई खड्ड हैं। जिनमें से एक पुराने शहर (दक्षिण) को शहर (उत्तर) से अलग करता है। पुल और [[तटबंध]], दोनों हिस्सों को जोड़ते हैं।  
==इतिहास==
==इतिहास==
इटावा में 16वीं शताब्दी में निर्मित जामी मस्जिद है, जिसका निर्माण एक ऊँचे आधार पर पुराने [[हिन्दू]] भवनों के [[अवशेष|अवशेषों]] से किया गया है। यहाँ हिन्दू मंदिरों से घिरे 15वीं शताब्दी के एक क़िले के अवशेष भी हैं। इटावा का पुराना नाम [[इष्टिकापुर]] कहा जाता है। [[हिन्दी]] के प्रसिद्ध [[देव (कवि)|कवि देव]] इटावा-निवासी थे। उन्होंने स्वयं ही लिखा है-  
इटावा में 16वीं शताब्दी में निर्मित जामी मस्जिद है, जिसका निर्माण एक ऊँचे आधार पर पुराने [[हिन्दू]] भवनों के [[अवशेष|अवशेषों]] से किया गया है। यहाँ हिन्दू मंदिरों से घिरे 15वीं शताब्दी के एक क़िले के अवशेष भी हैं। इटावा का पुराना नाम [[इष्टिकापुर]] कहा जाता है। [[हिन्दी]] के प्रसिद्ध [[देव (कवि)|कवि देव]] इटावा-निवासी थे। उन्होंने स्वयं ही लिखा है-  

12:58, 30 अप्रैल 2014 का अवतरण

उत्तर प्रदेश मानचित्र में इटावा

इटावा शहर, पश्चिमी मध्य उत्तर प्रदेश राज्य के उत्तरी भारत में स्थित है। इटावा आगरा के दक्षिण-पूर्व में यमुना (जमुना) नदी के तट पर स्थित है। इस शहर में कई खड्ड हैं। जिनमें से एक पुराने शहर (दक्षिण) को शहर (उत्तर) से अलग करता है। पुल और तटबंध, दोनों हिस्सों को जोड़ते हैं।

इतिहास

इटावा में 16वीं शताब्दी में निर्मित जामी मस्जिद है, जिसका निर्माण एक ऊँचे आधार पर पुराने हिन्दू भवनों के अवशेषों से किया गया है। यहाँ हिन्दू मंदिरों से घिरे 15वीं शताब्दी के एक क़िले के अवशेष भी हैं। इटावा का पुराना नाम इष्टिकापुर कहा जाता है। हिन्दी के प्रसिद्ध कवि देव इटावा-निवासी थे। उन्होंने स्वयं ही लिखा है-

'द्यौसरिया कविदेव को नगर इटावी वास'।

यातायात और परिवहन

वायु मार्ग

इटावा का सबसे निकटतम हवाई अड्डा आगरा में है।

रेल मार्ग

इटावा रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त इटावा ज़िले में अन्य 6 रेलवे स्टेशन सराय भूपत (8 किमी), जसवंतनगर (16 किमी), बलराय (26 किमी), एकदिल (10 किमी), समहो (28 किमी) और भरथना (19 किमी) स्थित है।

सड़क मार्ग

भारत के कई प्रमुख शहरों से इटावा सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। इटावा ज़िला ग्वालियर, आगरा, फर्रूखाबाद, मैनपुरी, कानपुर और जालौन आदि से सड़क मार्ग द्वारा पूरी तरह से जुड़ा हुआ है।

उद्योग और व्यापार

इस शहर में कपास और रेशम बुनाई के महत्त्वपूर्ण उद्योग व तिलहन मिलें हैं। इटावा घी का वितरण केंद्र भी है।

कृषि और खनिज

घाट, इटावा

इटावा यमुना और इसकी सहायक नदियों द्वारा अपवाहित जलोढ़ भूभाग पर स्थित है और इस क्षेत्र की सिंचाई गंगा नहर प्रणाली की एक नहर द्वारा होती है। यहाँ की फ़सलों में गेहूँ, मकई, जौ और मोटा अनाज शामिल हैं। विशालकाय खड्डों के इस क्षेत्र में नदियों के किनारे मिट्टी के अपरदन की समस्या भी रहती है। पुनर्ग्रहण और कर लगाने संबंधी परियोजनाओं से कुछ भूमि वापस पाने में सहायता मिली है।

शिक्षण संस्थान

इटावा के शिक्षण संस्थानों में गवर्नमेंट इंटर कॉलेज, एच. एम. एस. इस्लामिया इंटर कॉलेज और के. के. महाविद्यालय शामिल हैं।

पर्यटन

राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य, औरैया, बाबरपुर, बाकेवर, चाकर नगर, जसौहारन, अहीरपुर, प्रताप नगर और सरसईपुर आदि यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी इटावा काफ़ी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इटावा की जामा मसजिद प्राचीन बौद्ध या हिंदू मंदिर के खंडहरों पर बनाई गई मालूम होती है।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार इटावा नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या 2,11,460 है, और इटावा ज़िले की जनसंख्या 13,40,031 है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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