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| ==तमिलनाडु सामान्य ज्ञान==
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| {| class="bharattable-green" width="100%" | | {| class="bharattable-green" width="100%" |
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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {[[तमिलनाडु]] का कौन-सा शहर [[बंगाल की खाड़ी]] के कोरोमण्डल तट पर स्थित है? | | {निम्नलिखित में से कौन-सी पंक्ति 'पद्मावत' की नहीं है?(यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-59;प्रश्न-17 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[कन्याकुमारी]] | | -छार उठाय लीन्ह एक मुठी |
| -[[तंजावुर]]
| | +चंदन के बन-बन उपजे, विरह कि तन-तन सोई |
| +[[चेन्नई]] | | -कीन्हेसी कोई भिखारी कोई धनी |
| -[[मदुरांतक तमिलनाडु|मदुरांतक]] | | -पिऊ सो कहहु संदेसड़ा हे भौरां हे काग |
| ||[[चित्र:University-of-Madras.jpg|right|100px|मद्रास विश्वविद्यालय]]'चेन्नई' शहर, भूतपूर्व [[मद्रास]], [[तमिलनाडु]] राज्य की राजधानी है। यह [[दक्षिण भारत]] में [[बंगाल की खाड़ी]] के कोरोमण्डल तट पर स्थित है। [[चेन्नई]] [[भारत]] के चार महानगरों में से एक है। [[समुद्र]] किनारे बसे इस शहर में बंदरगाह भी हैं। चेन्नई को पहले [[मद्रास]] के नाम से जाना जाता था। मद्रास मछुआरों के गाँव 'मद्रासपटनम' का छोटा रूप था, जहाँ ब्रिटिश [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] ने 1639-1640 में एक क़िले और व्यापारिक चौकी का निर्माण किया था। उस समय यहाँ सूती कपड़े की बुनाई एक स्थानीय उद्योग था और [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने बुनकरों तथा स्थानीय व्यापारियों को क़िले के आस-पास बसने के लिए बुलाया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चेन्नई]]
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| {[[तमिलनाडु]] में किस तिथि को राजकीय दिवस मनाया जाता है? | | {राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की स्थापना किस वर्ष हुई?(यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-10;प्रश्न-21 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[10 अप्रैल]]
| | -1945 |
| -[[12 अप्रैल]] | | -1946 |
| -[[14 अप्रैल]]
| | +1936 |
| -[[16 अप्रैल]] | | -1942 |
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| {[[तमिलनाडु]] प्रदेश का राजकीय पशु कौन-सा है? | | {प्रथम ईस्वी से पाँच सौ ईस्वी की भाषा को क्या कहा जाता है? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-11;प्रश्न-53 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[नीलगिरि ताहर]] | | +प्राकृत |
| -वृषभ | | -पाली |
| -सफ़ेद भालू | | -संस्कृत |
| -इनमें से कोई नहीं | | -अपभ्रंश |
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| {निम्न में से किसके दक्षिण में [[हिन्द महासागर]] स्थित है? | | {‘समालोचना’ के सम्पादक कौन थे? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-166;प्रश्न-01 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[कांचीपुरम]] | | -अम्बिका प्रसाद वाजपेयी |
| -[[तिरुचिराप्पल्ली]]
| | +गुलेरी |
| -[[तेनकाशी]] | | -राहुल सांकृत्यायन |
| +[[कन्याकुमारी]]
| | -बाल मुकुंद गुप्त |
| ||[[चित्र:Sunset-Kanyakumari.jpg|right|100px|सूर्यास्त का दृश्य, कन्याकुमारी]][[भारत]] भूमि के सबसे दक्षिणतम बिंदु पर स्थित [[कन्याकुमारी]] न केवल एक [[तीर्थ स्थान]] है, बल्कि देशी-विदेशी सैलानियों का एक बड़ा पर्यटन स्थल भी है। [[भारत]] के मानचित्र के अंतिम छोर पर स्थित होने के कारण अधिकांश लोग इसे देख लेने की इच्छा रखते हैं। यह स्थान एक खाड़ी, एक सागर और एक [[महासागर]] का मिलन बिंदु है। अपार जलराशि से घिरे इस स्थल के पूर्व में [[बंगाल की खाड़ी]], पश्चिम में [[अरब सागर]] एवं दक्षिण में [[हिंद महासागर]] है। यहाँ आकर हर व्यक्ति को प्रकृति के अनंत स्वरूप के दर्शन होते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कन्याकुमारी]]
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| {[[तमिलनाडु]] के किस शहर को "द गोल्डन सिटी ऑफ़ 1000 टेंपल" कहा जाता है? | | {निम्न में से कौन-सी हिंदी की पहली आत्मकथा है? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-177;प्रश्न-212 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[मदुरांतक तमिलनाडु|मदुरांतक]]
| | +अर्द्धकथानक |
| +[[कांचीपुरम]] | | -मेरी असफलताएँ |
| -[[तंजावुर]] | | -जीवन चक्र |
| -[[धर्मपूरी]] | | -आत्मनिरीक्षण |
| ||[[चित्र:Ekambareswara-Temple.jpg|right|100px|एकम्बरनाथर मंदिर, कांचीपुरम]]'कांचीपुरम' उत्तरी [[तमिलनाडु]] के प्राचीन व मशहूर शहरों में से एक है। कांचीपुरम को 'दक्षिण की काशी' भी कहा जाता है, जो [[मद्रास]] से 45 मील {{मील|मील=45}} की दूरी पर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। [[कांचीपुरम]] को पूर्व में 'कांची' और 'कांचीअम्पाठी' भी कहा जाता था। यह आधुनिक काल में 'कांचीवरम' के नाम से भी प्रसिद्ध है। कांचीपुरम को 'द गोल्डन सिटी ऑफ़ 1000 टेंपल' भी कहा जाता है। [[भारत]] के सात पवित्र शहरों में से एक का दर्जा भी इसे प्राप्त है। अनुश्रुति है कि इस क्षेत्र में प्राचीन काल में [[ब्रह्मा]] ने देवी के दर्शन के लिये तप किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कांचीपुरम]]
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| {[[तमिलनाडु]] में होने वाला नृत्य महोत्सव अपने आप में अद्भुत माना जाता है, यह कहाँ पर आयोजित होता है? | | {निम्न में से ‘उपादान’ का समानार्थी शब्द क्या होगा?(एस. चंद, वस्तुनिष्ठ सा.हिन्दी;पृ.सं.-01;प्रश्न-01 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[मदुरै]] | | -तत्व |
| -[[रामेश्वरम]] | | -तकिया |
| +[[मामल्लपुरम]]
| | -सहारा |
| -[[चिदंबरम]] | | +साधन |
| ||[[चित्र:Mahisha-Mardini-Cave-Mahabalipuram-7.jpg|right|100px|महिषा मर्दनी गुफा, महाबलीपुरम]][[महाबलीपुरम]] एक ऐतिहासिक नगर है, जो 'मामल्लपुरम' भी कहलाता है। यह पूर्वोत्तर [[तमिलनाडु]] राज्य, [[दक्षिण भारत]] में स्थित है। एक धार्मिक केन्द्र के रूप में इसकी स्थापना सातवीं सदी में [[हिन्दू]] [[पल्लव वंश|पल्लव]] राजा [[नरसिंह वर्मन प्रथम|नरसिंह वर्मन]] ने, जिन्हें 'मामल्ल' भी कहा जाता है, की थी। इसीलिए इसे '[[मामल्लपुरम]]' भी कहा गया है। यहाँ पर पाये गए [[चीन]], [[फ़ारस]] और [[रोम]] के प्राचीन सिक्कों से पता चलता है कि यहाँ पर पहले बंदरगाह रहा होगा। सातवीं और आठवीं सदी में निर्मित पल्लव मन्दिरों और स्मारकों के मिलने से यहाँ की वास्तु शैली की उत्कृष्टता का पता चलता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मामल्लपुरम]]
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| {[[तमिलनाडु]] के प्रमुख शिखर [[डोड्डाबेट्टा]] की ऊँचाई कितनी है? | | {निम्न में से ‘साँप’ का पर्यायवाची शब्द बताइये? (एस. चंद, वस्तुनिष्ठ सा.हिन्दी;पृ.सं.-25;प्रश्न-121 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -2,440 मीटर | | -निशीथ |
| -244 मीटर | | +नाग |
| +2800 मीटर
| | -हाटक |
| -2648 मीटर | | -कृमि |
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| {निम्नलिखित में से [[तमिलनाडु]] की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार क्या है? | | {‘अंगारों पर लोटना’ का सही अर्थ क्या है? (एस. चंद, वस्तुनिष्ठ सा.हिन्दी;पृ.सं.-239;प्रश्न-02 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[कृषि]]
| | -खतरनाक कार्य करना |
| -पशुपालन | | +दु:ख सहना |
| -व्यापार
| | -आग से खेलना |
| -सभी | | -दूसरों को दु:खी करना |
| ||[[चित्र:Rice-Fields.jpg|right|100px|चावल के खेत, तमिलनाडु]][[तमिलनाडु]] का मुख्य व्यवसाय [[कृषि]] है। राज्य में [[2007]]-[[2008]] में कुल खेती योग्य क्षेत्र 56.10 मिलियन हेक्टेयर था। प्रमुख खाद्यान्न फ़सलें [[चावल]], [[ज्वार]] और [[दाल|दालें]] हैं। प्रमुख व्यापारिक फ़सलों में [[गन्ना]], [[कपास]], [[सूरजमुखी]], [[नारियल]], काजू, [[मिर्च]] और [[मूँगफली]] हैं। अन्य पौध फ़सलें हैं- [[चाय]], [[कॉफी]], [[इलायची]] और [[रबर]]। मुख्य वन उत्पाद हैं- इमारती लकड़ी, [[चंदन]] की लकड़ी, पल्पवुड और जलाने योग्य लकड़ी। जैव उर्वरकों के उत्पादन और इस्तेमाल में तमिलनाडु का प्रमुख स्थान है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तमिलनाडु की कृषि]]
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| {'अन्नामलाई विश्वविद्यालय' तमिलनाडु में कहाँ स्थित है? | | {‘वह स्त्री जिसका पति परदेश से आने वाला हो’, इस वाक्य के लिए उचित शब्द का चयन कीजिए? (ल्येसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-105;प्रश्न-81 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[चेन्नई]] | | -आगतपतिका |
| +अन्नामलाई नगर
| | -प्रोषितपतिका |
| -[[कोयंबतुर]] | | -प्रव्रत्स्यपतिका |
| -[[नागपट्टिनम]]
| | +आगमिस्यतपतिका |
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| {[[तमिलनाडु]] में '[[गांधी संग्रहालय मदुरै|गाँधी संग्रहालय]]' कहाँ पर स्थित है? | | {‘उसने कहा था’ के मुख्य पात्र का नाम क्या है?(ल्येसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-127;प्रश्न-158 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[मदुरै]] | | -खालसा सिंह |
| -[[चेन्नई]] | | -करतार सिंह |
| -[[तिरुनेल्वेली]] | | +लहना सिंह |
| -[[कोयंबतुर]] | | -परमिंदर सिंह |
| ||[[चित्र:Gandhi-Museum-Madurai.jpg|100px|right|गांधी संग्रहालय, मदुरै]]'मदुरै' या 'मदुरा' या 'मदुरई' [[तमिलनाडु]] के दक्षिण में वैगोई नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। यह प्राचीन काल से ही सुन्दर सूती वस्त्रों तथा [[मोती|मोतियों]] के लिए प्रसिद्ध रहा है। [[कौटिल्य]] तथा [[टॉलमी]] ने मदुरै के वस्त्रों की प्रशंसा की है। इस नगर में अनेक भव्य मन्दिर हैं, जिनमें '[[मीनाक्षी मन्दिर]]' उल्लेखनीय हैं। मदुरै का '[[गांधी संग्रहालय मदुरै|गांधी संग्रहालय]]' भी बहुत प्रसिद्ध है। इस संग्रहालय का उद्घाटन [[15 अप्रैल]], [[1959]] में पूर्व [[प्रधानमंत्री]] पंडित [[जवाहरलाल नेहरू]] द्वारा करवाया गया था। [[गांधी जी]] की किताबों और पत्रों के अलावा दक्षिण भारतीय ग्रामोद्योगों एवं हस्तशिल्प के सुंदर संग्रह को इस संग्रहालय में देखा जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मदुरै]] | | |
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| | {निम्नलिखित में से किस सूफ़ी रचना में दोहे की जगह बरवै छन्द का प्रयोग है?(यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-59;प्रश्न-18 |
| {[[तमिलनाडु]] में राष्ट्रीय उद्यानों की संख्या कुल कितनी है? | | |type="()"} |
| | -रसरतन |
| | -ज्ञानदीप |
| | +अनुराग बांसुरी |
| | -चित्रावली |
| | |
| | {भारतीय साहित्य परिषद के सह-संस्थापक कौन थे?(यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-10;प्रश्न-22 |
| | |type="()"} |
| | +प्रेमचंद |
| | -आचार्य रामचंद्र शुक्ल |
| | -नन्ददुलारे वाजपेयी |
| | -महात्मा गाँधी |
| | |
| | {अवधी शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया था? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-11;प्रश्न-54 |
| | |type="()"} |
| | -सदासुख लाल |
| | +अमीर ख़ुसरो |
| | -कबीर |
| | -भारतेंदु |
| | |
| | {‘कामायनी’ में सर्गों की संख्या कितनी है? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-166;प्रश्न-02 |
| | |type="()"} |
| | -12 |
| | -8 |
| | +15 |
| | -10 |
| | |
| | {‘मंटो : मेरा दुश्मन’ किस विधा की रचना है? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-177;प्रश्न-213 |
| | |type="()"} |
| | -आत्मकथा |
| | -जीवनी |
| | -रेखाचित्र |
| | +संस्मरण |
| | |
| | {‘परिणति’ का समानार्थी शब्द बताइये? (एस. चंद, वस्तुनिष्ठ सा.हिन्दी;पृ.सं.-01;प्रश्न-02 |
| | |type="()"} |
| | +अंत |
| | -परित्राण |
| | -परिणय |
| | -अवशिष्ट |
| | |
| | {‘असि’ का पर्यायवाची क्या होगा? (एस. चंद, वस्तुनिष्ठ सा.हिन्दी;पृ.सं.-25;प्रश्न-122 |
| | |type="()"} |
| | -तीर |
| | -कोदण्ड |
| | -घट |
| | +तलवार |
| | |
| | {‘अंधे की लकड़ी’ इस मुहावरे का सही अर्थ है-(एस. चंद, वस्तुनिष्ठ सा.हिन्दी;पृ.सं.-239;प्रश्न-03 |
| | |type="()"} |
| | -गँवार व्यक्ति |
| | +एकमात्र सहारा |
| | -अनपढ़ व्यक्ति |
| | -बिल्कुल असमर्थ होना |
| | |
| | {‘जो पूजा के योग्य हो’, इस वाक्य के लिए उचित शब्द का चयन कीजिए? (ल्येसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-105;प्रश्न-82 |
| | |type="()"} |
| | -पूज्यनीय |
| | +पूज्य |
| | -पुज्यनीय |
| | -पुजनीय |
| | |
| | {निम्नलिखित में से कौन-सा नाटक प्रसाद का नहीं है? ?(ल्येसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-127;प्रश्न-159 |
| | |type="()"} |
| | -जनमेजय का नागयज्ञ |
| | -स्कंदगुप्त |
| | -ध्रुवस्वामिनी |
| | +सिन्दूर की होली |
| | |
| | {'संवत सोलह सौ इकतीसा। करउं कथा हरिपद धरि सीसा।' यह किस रचना की पंक्ति है? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-59;प्रश्न-19 |
| | |type="()"} |
| | +रामचरितमानस |
| | -विनयपत्रिका |
| | -कवितावली |
| | -रामचन्द्रिका |
| | |
| | {हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थापना कब हुई? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-10;प्रश्न-24 |
| | |type="()"} |
| | +1918 |
| | -1920 |
| | -1919 |
| | -1022 |
| | |
| | {उर्दू को पहले पुकारा जाता था-(यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-11;प्रश्न-55 |
| | |type="()"} |
| | +रेख्ता |
| | -हिंदुस्तानी |
| | -सिन्धी |
| | -हिन्दी |
| | |
| | {‘विश्रामसागर’ निम्नलिखित में से किसकी रचना है? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-166;प्रश्न-03 |
| | |type="()"} |
| | -महाराज रघुराज सिंह |
| | +रघुनाथदास रामसनेही |
| | -ललित किशोरी |
| | -कन्हैयालाल पोद्धार |
| | |
| | {‘हम-हशमत’ के रचयिता कौन थे? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-177;प्रश्न-214 |
| | |type="()"} |
| | -उपेंद्रनाथ अश्क |
| | +कृष्णा सोबती |
| | -फणीश्वरनाथ रेणु |
| | -शैलेंद्र मटियानी |
| | |
| | {निम्न में से ‘ऋत’ का समानार्थी शब्द क्या है? (एस. चंद, वस्तुनिष्ठ सा.हिन्दी;पृ.सं.-01;प्रश्न-03 |
| | |type="()"} |
| | -ऋतु |
| | +सत्य |
| | -मिथ्या |
| | -मर्त्य |
| | |
| | {निम्न में से ‘देवता’ का पर्यायवाची शब्द कौन-सा है? (एस. चंद, वस्तुनिष्ठ सा.हिन्दी;पृ.सं.-25;प्रश्न-123 |
| | |type="()"} |
| | -सुमना |
| | -सुरपति |
| | +विबुध |
| | -किन्नर |
| | |
| | {‘अंग-अंग फूले न समाना’ इस मुहावरे का सही अर्थ क्या है? (एस. चंद, वस्तुनिष्ठ सा.हिन्दी;पृ.सं.-239;प्रश्न-04 |
| | |type="()"} |
| | -ईर्ष्या करना |
| | -बहुत धनी होना |
| | +आनन्दविभोर होना |
| | -बहुत थक जाना |
| | |
| | {‘जल/समुद्र में लगने वाली आग’, इस वाक्य के लिए उचित शब्द का चयन कीजिए? (ल्येसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-105;प्रश्न-84 |
| | |type="()"} |
| | -दावानल |
| | -जठराग्नि |
| | +बड़वाग्नि |
| | -जलप्रपात |
| | |
| | {हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल को इस नाम से भी अभिहीत किया जाता है? ?(ल्येसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-127;प्रश्न-160 |
| | |type="()"} |
| | -जीवनी काल |
| | -पद्य काल |
| | -संस्मरण काल |
| | +गद्य काल |
| | |
| | {"रामचरितमानस में तुलसीदास की करुणा समाजोन्मुख है, विनयपत्रिका में यह आत्मोन्मुख है।" यह कथन किसका है?(यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-59;प्रश्न-20 |
| | |type="()"} |
| | -हज़ारीप्रसाद द्विवेदी |
| | +रामविलास शर्मा |
| | -प्रभुदयाल मीतल |
| | -रामचन्द्र शुक्ल |
| | |
| | {हिन्दी साहित्य सम्मेलन के प्रथम अध्यक्ष कौन थे? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-10;प्रश्न-25 |
| | |type="()"} |
| | +मदनमोहन मालवीय |
| | -महात्मा गाँधी |
| | -रामविलास शर्मा |
| | -धनपत राय |
| | |
| | {अमीर ख़ुसरो ने हिंदी के लिए कौन-सा शब्द प्रयुक्त किया? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-11;प्रश्न-56 |
| | |type="()"} |
| | -रेख्ता |
| | +हिन्दवी |
| | -हिन्दुस्तानी |
| | -संस्कृत |
| | |
| | {‘जरासंधवध’ महाकाव्य किसकी रचना है? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-166;प्रश्न-04 |
| | |type="()"} |
| | +गोपालचंद्र गिरिधर दास |
| | -सेवक |
| | -सरदार |
| | -बैजनाथ द्विवेदी |
| | |
| | {‘चीड़ों पर चाँदनी’ किस विधा की रचना है? (यूजीसी हिन्दी,पृ.सं.-177;प्रश्न-215 |
| | |type="()"} |
| | +यात्रावृत्त |
| | -गद्यकाव्य |
| | -रेखाचित्र |
| | -रिपोतार्ज |
| | |
| | {‘सन्ताप’ का समानार्थी शब्द बताइये? (एस. चंद, वस्तुनिष्ठ सा.हिन्दी;पृ.सं.-01;प्रश्न-04 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -4 | | +वेदना |
| +5
| | -कठिनाई |
| -6 | | -कष्ट |
| -7 | | -बोझ |
|
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| {[[तमिलनाडु]] के किस नगर में 'थियोसॉफ़िकल सोसाइटी' के मुख्यालय की स्थापना की गई थी? | | {‘द्विज’ का पर्यायवाची बताइये? (एस. चंद, वस्तुनिष्ठ सा.हिन्दी;पृ.सं.-25;प्रश्न-124 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -[[कोडईकनाल]] | | +दाँत |
| -[[दिंडिगल]] | | -नक्षत्र |
| +अडयार
| | -देश |
| -[[टुटिकोरिन]] | | -चन्द्रमा |
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| {[[तमिलनाडु]] का प्रमुख पर्व [[पोंगल]] किस महीने में मनाया जाता है? | | {‘अपना रंग जमाना’ इस मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा? (एस. चंद, वस्तुनिष्ठ सा.हिन्दी;पृ.सं.-239;प्रश्न-06 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[जनवरी]] | | +प्रभावित करना |
| -[[मार्च]] | | -उपेक्षा करना |
| -[[दिसम्बर]] | | -शेखी बघारना |
| -[[जून]] | | -किसी की बात न सुनना |
| ||[[चित्र:Pongal.jpg|right|100px|पोंगल]][[तमिलनाडु]] में फ़सल कटाई का त्योहार [[पोंगल]] [[जनवरी]] माह में मनाया जाता है। किसान अपनी अच्छी फ़सल के लिए आभार प्रकट करने हेतु [[सूर्य]], [[पृथ्वी]] और पशुओं की [[पूजा]] करते हैं। पोंगल के बाद दक्षिण तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में ‘जल्लीकट्टू’ होता है, जिसमें सांड़ों की लड़ाई होती है। प्रदेश में अलंगनल्लूर ‘जल्लीकट्टू’ के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। ‘चित्तिरै’ [[मदुरै]] का लोकप्रिय त्योहार है। यह [[पाण्ड्य राजवंश|पाण्ड्य]] राजकुमारी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर के अलौकिक [[विवाह]] बंधन की समृति में मनाया जाता है। तमिल महीने ‘आदि’ के अठारहवें दिन नदियों के किनारे ‘आदिपेरूकु’ पर्व मनाया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पोंगल]]
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| {निम्न में से कौन-सा बाँध [[तमिलनाडु]] में है? | | {‘पेट की आग’, इस वाक्य के लिए उचित शब्द का चयन कीजिए? (ल्येसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-105;प्रश्न-85 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -मुकुरथी | | -दावानल |
| -मेटूर | | +जठराग्नि |
| -गोमुखी | | -बड़वाग्नि |
| +उपर्युक्त सभी
| | -बड़वानल |
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| {[[तमिलनाडु]] में किस साम्राज्य ने लम्बे समय तक शासन किया? | | {हिन्दी साहित्य में ‘प्रयोगवाद के प्रवर्तक’ का नाम है-?(ल्येसेंट सामान्य हिंदी,पृ.सं.-127;प्रश्न-161 |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| +[[चोल साम्राज्य|चोल]]
| | -निराला |
| -[[पांड्य साम्राज्य|पांड्य]] | | +अज्ञेय |
| -[[चेर वंश|चेर]]
| | -पन्त |
| -[[वाकाटक वंश|वाकाटक]] | | -प्रसाद |
| ||[[चित्र:Uttama coin.png|120px|right|चोल साम्राज्य का सिक्का]]छठी [[शताब्दी]] के मध्य के बाद में [[दक्षिण भारत]] में [[पल्लव वंश|पल्लवों]], [[चालुक्य वंश|चालुक्यों]] तथा [[पाण्ड्य]] वंशों का राज्य रहा। पल्लवों की राजधानी [[कांची]], चालुक्यों की [[बादामी]] तथा पाण्ड्यों की राजधानी [[मदुरई]] थी, जो आधुनिक [[तंजौर]] में है। दक्षिण में अर्थात [[केरल]] में [[चेर वंश|चेर]] शासक थे। [[कर्नाटक]] क्षेत्र में [[कदम्ब]] तथा [[गंग वंश|गंग वंशों]] का शासन था। इस युग के अधिकतर समय में गंग शासक राष्ट्रकूटों के अधीन थे या उनसे मिलते हुए थे। राष्ट्रकूट इस समय [[महाराष्ट्र]] क्षेत्र में सबसे अधिक प्रभावशाली थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चोल साम्राज्य|चोल]]
| |
| </quiz> | | </quiz> |
| |} | | |} |
| |} | | |} |
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