"अनमोल वचन 15": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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* मनुष्य केवल रोटी से जीवित नहीं रहता, अपितु विश्वास, प्रशंसा व सहानुभूति से जीता है। ~ एमर्सन | * मनुष्य केवल रोटी से जीवित नहीं रहता, अपितु विश्वास, प्रशंसा व सहानुभूति से जीता है। ~ एमर्सन | ||
* जब प्रकृति को कोई कार्य संपन्न कराना होता है तो वह उसको करने के लिए एक प्रतिभा का निर्माण करती है। ~ एमर्सन | * जब प्रकृति को कोई कार्य संपन्न कराना होता है तो वह उसको करने के लिए एक प्रतिभा का निर्माण करती है। ~ एमर्सन | ||
* मनुष्य के संकल्प के सम्मुख देव, दानव सभी पराजित हो जाते हैं। ~ एमर्सन | * मनुष्य के संकल्प के सम्मुख देव, दानव सभी पराजित हो जाते हैं। ~ एमर्सन | ||
* वे विजयी हो सकते हैं जिन्हें विश्वास है कि वे कर सकते हैं। ~ एमर्सन | * वे विजयी हो सकते हैं जिन्हें विश्वास है कि वे कर सकते हैं। ~ एमर्सन | ||
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* दानशीलता हृदय का गुण है, हाथों का नहीं। ~ एडीसन | * दानशीलता हृदय का गुण है, हाथों का नहीं। ~ एडीसन | ||
* सदाचार के आचरण के अतिरिक्त विश्वास को दृढ़ बनाने वाली दूसरी वस्तु नहीं है। ~ एडीसन | * सदाचार के आचरण के अतिरिक्त विश्वास को दृढ़ बनाने वाली दूसरी वस्तु नहीं है। ~ एडीसन | ||
* वही मनुष्य महान है जो भीड़ की प्रशंसा की उपेक्षा कर सकता है और उसकी कृपा से स्वतंत्र रहकर प्रसन्न रहता है। ~ एडीसन | |||
* समृद्धि शक्ति भर दुर्गुणों को और विपत्ति शक्ति भर गुणों को खोज निकालती है। ~ बेकन | * समृद्धि शक्ति भर दुर्गुणों को और विपत्ति शक्ति भर गुणों को खोज निकालती है। ~ बेकन | ||
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* आत्मविश्वास बढ़ाने का तरीका यह है कि तुम वह काम करो जिसे तुम करते हुए डरते हो। इस प्रकार ज्यों-ज्यों तुम्हें सफलता मिलती जाएगी तुम्हारा आत्मविश्वास बढ़ता जाएगा। ~ डेल कारनेगी | * आत्मविश्वास बढ़ाने का तरीका यह है कि तुम वह काम करो जिसे तुम करते हुए डरते हो। इस प्रकार ज्यों-ज्यों तुम्हें सफलता मिलती जाएगी तुम्हारा आत्मविश्वास बढ़ता जाएगा। ~ डेल कारनेगी | ||
* लोगों के साथ व्यवहार करते समय हमें स्मरण रखना चाहिए कि हम तर्कशास्त्रियों के साथ व्यवहार नहीं कर रहे हैं। हम ऐसे लोगों के साथ व्यवहार कर रहे हैं, जिनमें मानसिक आवेश है, पक्षपात है और जो गर्व एवं अहंकार से संचरित होते हैं। ~ डेल कारनेगी | * लोगों के साथ व्यवहार करते समय हमें स्मरण रखना चाहिए कि हम तर्कशास्त्रियों के साथ व्यवहार नहीं कर रहे हैं। हम ऐसे लोगों के साथ व्यवहार कर रहे हैं, जिनमें मानसिक आवेश है, पक्षपात है और जो गर्व एवं अहंकार से संचरित होते हैं। ~ डेल कारनेगी | ||
* आलोचना एक भयानक चिंगारी है- ऐसी चिंगारी, जो अहंकार रूपी बारूद के गोदाम में विस्फोट उत्पन्न कर सकती है और वह विस्फोट कभी-कभी मृत्यु को शीघ्र ले आता है। ~ डेल कारनेगी | |||
* दी गई सलाह का शायद ही स्वागत होता है। जिन्हें इसकी अधिकतम आवश्यकता होती है, वे ही इसे सबसे कम पसंद करते हैं। ~ जॉनसन | * दी गई सलाह का शायद ही स्वागत होता है। जिन्हें इसकी अधिकतम आवश्यकता होती है, वे ही इसे सबसे कम पसंद करते हैं। ~ जॉनसन | ||
* भविष्य को वर्तमान खरीदता है। ~ जॉनसन | * भविष्य को वर्तमान खरीदता है। ~ जॉनसन | ||
* कोई व्यक्ति नकल से अभी तक महान नहीं हुआ है। ~ जॉनसन | * कोई व्यक्ति नकल से अभी तक महान नहीं हुआ है। ~ जॉनसन | ||
* सभी मनुष्यों की श्रद्धा उनके अंत:करण के अनुरूप होती है। ~ जॉनसन | |||
* राजनीति कुछ मनुष्यों के फायदे के लिए बहुत सारे व्यक्तियों के बीच पैदा किया जाने वाला उन्माद है। ~ एलेक्जेंडर पोप | * राजनीति कुछ मनुष्यों के फायदे के लिए बहुत सारे व्यक्तियों के बीच पैदा किया जाने वाला उन्माद है। ~ एलेक्जेंडर पोप | ||
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* मनुष्य की यह विशेषता है कि केवल उसी को अच्छे-बुरे का या उचित-अनुचित आदि का ज्ञान है और ऐसे ज्ञान से युक्त प्राणियों के साहचर्य से ही परिवार और समाज का निर्माण होता है। ~ अरस्तू | * मनुष्य की यह विशेषता है कि केवल उसी को अच्छे-बुरे का या उचित-अनुचित आदि का ज्ञान है और ऐसे ज्ञान से युक्त प्राणियों के साहचर्य से ही परिवार और समाज का निर्माण होता है। ~ अरस्तू | ||
* ज्ञान का सार यह है कि ज्ञान रहते उसका प्रयोग करना चाहिए और उसके अभाव में अपनी अज्ञानता स्वीकार कर लेनी चाहिए। ~ कन्फ्यूशस | |||
* हमारा गौरव कभी न गिरने में नहीं है, बल्कि प्रत्येक बार उठ खड़े होने में है। ~ कन्फ्यूशस | |||
* समय पुन: वापस न आने के लिए उड़ा चला जा रहा है। ~ वर्जिल | |||
* हम जो कुछ कर रहे हैं, उसमें अच्छा या बुरा क्या और कितना है, यह अवश्य सोच लेना चाहिए। बुराइयां गुप्त रह कर जीवित रहती हैं और अच्छी तरह पनपती हैं। ~ वर्जिल | |||
* प्रेम सबको वश में कर लेता है। हमें भी प्रेम के वश में हो जाना चाहिए। ~ वर्जिल | |||
* पारस्परिक प्रेम हमारे सभी आनंदों का शिरोमणि है। ~ मिल्टन | |||
* शांति की अपनी विजयें होती हैं जो युद्ध की अपेक्षा कम कीतिर्मयी नहीं होतीं। ~ मिल्टन | |||
* जो बल से विजय प्राप्त करता है, वह शत्रु पर आधी विजय ही प्राप्त करता है। ~ मिल्टन | |||
* प्रसन्नता न हमारे अंदर है और न बाहर बल्कि यह ईश्वर के साथ हमारी एकता स्थापित करने वाला एक तत्व है। ~ पास्कल | * प्रसन्नता न हमारे अंदर है और न बाहर बल्कि यह ईश्वर के साथ हमारी एकता स्थापित करने वाला एक तत्व है। ~ पास्कल | ||
* गरीब वह नहीं है जिसके पास धन नहीं है बल्कि वह है जिसकी अभिलाषाएं बढ़ी हुई हैं। ~ डेनियल | * गरीब वह नहीं है जिसके पास धन नहीं है बल्कि वह है जिसकी अभिलाषाएं बढ़ी हुई हैं। ~ डेनियल | ||
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* मानव से संबंधित सभी वस्तुएं यदि उन्नति नहीं करतीं तो उनका ह्रास होने लगता है। ~ गिबन | * मानव से संबंधित सभी वस्तुएं यदि उन्नति नहीं करतीं तो उनका ह्रास होने लगता है। ~ गिबन | ||
* जो कुछ न्यायसंगत है, उसे कहने के लिए हर समय उपयुक्त समय है। ~ सोफोक्लीज | * जो कुछ न्यायसंगत है, उसे कहने के लिए हर समय उपयुक्त समय है। ~ सोफोक्लीज | ||
* महान उपलब्धियों के लिए कर्म ही नहीं करना चाहिए, स्वप्न भी देखना चाहिए, योजना ही नहीं बनानी चाहिए, विश्वास भी करना चाहिए। ~ अनातोले फ्रांस | * महान उपलब्धियों के लिए कर्म ही नहीं करना चाहिए, स्वप्न भी देखना चाहिए, योजना ही नहीं बनानी चाहिए, विश्वास भी करना चाहिए। ~ अनातोले फ्रांस | ||
* उसकी प्रार्थना सर्वोत्तम है, जिसका प्यार सर्वोत्तम है। ~ कॉलरिज | * उसकी प्रार्थना सर्वोत्तम है, जिसका प्यार सर्वोत्तम है। ~ कॉलरिज | ||
* कोई भी मनुष्य केवल अपने लिए ही गुलाब और करेला उत्पन्न नहीं कर सकता। आनंद प्राप्ति के लिए तुम्हें उसे आपस में बांटना ही होगा। ~ चेस्टर चार्ल्स | * कोई भी मनुष्य केवल अपने लिए ही गुलाब और करेला उत्पन्न नहीं कर सकता। आनंद प्राप्ति के लिए तुम्हें उसे आपस में बांटना ही होगा। ~ चेस्टर चार्ल्स | ||
* मेरे लिए इस बात का महत्व नहीं है कि ईश्वर हमारे पक्ष में है या नहीं, मेरे लिए अधिक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि मैं ईश्वर के पक्ष में रहूं, क्योंकि ईश्वर सदैव सही होता है। ~ अब्राहम लिंकन | * मेरे लिए इस बात का महत्व नहीं है कि ईश्वर हमारे पक्ष में है या नहीं, मेरे लिए अधिक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि मैं ईश्वर के पक्ष में रहूं, क्योंकि ईश्वर सदैव सही होता है। ~ अब्राहम लिंकन | ||
* सारे राजनीतिक दल अंत में अपने ही रचे झूठ के कारण समाप्त हो जाते हैं। ~ जॉन अरबुथनट | * सारे राजनीतिक दल अंत में अपने ही रचे झूठ के कारण समाप्त हो जाते हैं। ~ जॉन अरबुथनट | ||
* प्रतिभावान मनुष्य वह कार्य करते हैं जो किए बिना वह रह नहीं सकते। गुणी मनुष्य वह कार्य करते हैं जो वह कर सकते हैं। ~ ओवेन मेरिडेलओवेन मेरिडेल | * प्रतिभावान मनुष्य वह कार्य करते हैं जो किए बिना वह रह नहीं सकते। गुणी मनुष्य वह कार्य करते हैं जो वह कर सकते हैं। ~ ओवेन मेरिडेलओवेन मेरिडेल | ||
* मिनटों की चिंता करो क्योंकि घंटे तो अपनी चिता स्वयं ही कर लेंगे। ~ लॉर्ड चेस्टरफिल्ड | * मिनटों की चिंता करो क्योंकि घंटे तो अपनी चिता स्वयं ही कर लेंगे। ~ लॉर्ड चेस्टरफिल्ड | ||
* पथिक को बहुत दूर नहीं चलना है। हां, उसके मार्ग में विघ्न-बाधाएं अवश्य बहुत हैं। ~ शब्सतरी | * पथिक को बहुत दूर नहीं चलना है। हां, उसके मार्ग में विघ्न-बाधाएं अवश्य बहुत हैं। ~ शब्सतरी | ||
* कला प्रकृति द्वारा देखा हुआ जीवन है। ~ एमिल जोला | * कला प्रकृति द्वारा देखा हुआ जीवन है। ~ एमिल जोला | ||
* सच्ची कला दैवी सिद्धि का केवल प्रतिबिंब होती है। ईश्वर की पूर्णता की छाया होती है। ~ माइकल एंजिलो | * सच्ची कला दैवी सिद्धि का केवल प्रतिबिंब होती है। ईश्वर की पूर्णता की छाया होती है। ~ माइकल एंजिलो | ||
* कृतज्ञता न केवल स्मृति है बल्कि ईश्वर के प्रति उसके उपकारों के लिए हृदय की श्रद्धांजलि है। ~ एन.पी. विल्स | * कृतज्ञता न केवल स्मृति है बल्कि ईश्वर के प्रति उसके उपकारों के लिए हृदय की श्रद्धांजलि है। ~ एन.पी. विल्स | ||
* कृतज्ञता एक कर्त्तव्य है जिसे लौटाना चाहिए किंतु जिसे पाने का किसी को अधिकार नहीं है। ~ रूसो | * कृतज्ञता एक कर्त्तव्य है जिसे लौटाना चाहिए किंतु जिसे पाने का किसी को अधिकार नहीं है। ~ रूसो | ||
* अवसर भी बुद्धिमान के ही पक्ष में लड़ता है, मूर्ख के नहीं। ~ यूरीपेडीज | |||
* अवसर बार बार हाथ नहीं लगता। ऐसा मत सोचो कि अवसर तुम्हारा द्वार दोबारा खटखटाएगा। ~ सफोक्लीज | |||
* अवसर के अनुकूल आचरण हमें कहीं का कहीं पहुंचा देता है। ~ चेखव | |||
* अगर सिर्फ तजुर्बों से ही अक्लमंद हो जाता तो लंदन के अजायब घर के पत्थर इतने वर्षों बाद संसार के बड़े से बड़े बुद्धिमानों से ज्यादा बुद्धिमान होते। ~ बर्नाड शॉ | |||
* गुण का सच्चा मानदण्ड मन में स्थित है। जिसके सत्य विचार हैं, वे सत्यपुरुष हैं। ~ आइजक बिकरस्टाफ | |||
* युवक नियमों को जानता है, परंतु वृद्ध मनुष्य अपवादों को जानता है। ~ ओलिवर वेंडेल होल्म्स | |||
* रिटायर होने के बाद बुढ़ापे में मेरे लिए सबसे ज़्यादा सुखकर और मुझे सर्वाधिक संतोष देने वाली चीज वे यादें हैं जो मैंने अपनी कामकाजी उम्र में दूसरे लोगों को दोस्त बनाकर अर्जित की हैं। ~ मारकस काटो | |||
* रिटायरमेंट के वक्त मैं ठीक उसी तरह जाना चाहूंगा जैसे किसी पार्टी से कोई सभ्य मेहमान उठ कर जाता है। ~ लियोंटाइन प्राइस | |||
* यकीन करें कि बुढ़ापा उम्र का सबसे शानदार दौर होता है। भले ही आप उस वक्त अपनी ज़िम्मेदारियों से निबट चुके होते हैं, पर तब आप फ्रंट सीट पर बैठकर उन कामों के नतीजे का मजा ले सकते हैं जो आपने सक्रिय होते हुए किए थे। ~ जेन एलेन हैरिसन | |||
* रिटायरमेंट की उम्र में पहुंचने के बाद लोगों को समाजसेवा की तरफ बढ़ना चाहिए। निष्क्रिय लोगों को बर्दाश्त करने का दौर अब बीत गया है। ~ मैगी काह्न | |||
* अगर आप काम करते रहते हैं तो आपके इस दुनिया में होने का अर्थ बना रहता है। रिटायर होने के बाद अपनी बाकी जिंदगी टुच्चे खेलों में बिता देने का विचार बहुत बेहूदा है। ~ हैराल्ड जेनीन | |||
* झूठे आरोपों का सर्वोत्तम उत्तर मौन है। ~ बेन जॉनसन | |||
* कितना भी पांडित्य हो, थोड़ी सी रसज्ञता की कमी से वह निरर्थक हो जाता है। ~ मारन वेंकटय्या | |||
* डॉक्टर असंख्य गलतियां करते हैं। इलाज के मामले में वे आदतन आशावादी होते हैं, लेकिन इलाज के नतीजों के मामले में उतने ही निराशावादी नजर आते हैं। ~ सैम्युअल बटलर | |||
* डॉक्टर ज़्यादातर मायनों में वकीलों जैसे ही होते हैं। उनके बीच अकेला फ़र्क़ यह होता है कि वकील सिर्फ आपको लूटते हैं, जबकि डॉक्टर लूटने के बाद आपको मार भी डालते हैं। ~ एंटन चेखव | |||
* डॉक्टर बीमार को काटते, मारते और टॉर्चर करते हैं, और इस किस्म की अपनी सेवाओं के बदले में मोटी फीस भी वसूलते हैं। ~ हेराक्लिटस ऑफ इफेसस | |||
* जो दिन हमें प्रसन्नता प्रदान करते हैं, वे हमें बुद्धिमान बनाते हैं। ~ जॉन मेसफील्ड | |||
* दूसरों के साथ वैसा व्यवहार करो जैसा कि तुम चाहते हो कि वे तुम्हारे साथ करें। ~ बाइबिल | |||
* मनुष्य की जिह्वा छोटी होती है, पर वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। ~ इस्माइल इबन् अबीबकर | |||
* दुख स्वयं ही एक औषधि है। ~ विलियम कोपर | |||
* कलाकार अपनी प्रवृत्तियों से भी विशाल है। उसकी भाव-राशि अथाह होती है। ~ मैक्सिम गोर्की | |||
* सच्ची कला दैवी सिद्धि का केवल प्रतिबिंब होती है। ईश्वर की पूर्णता की छाया होती है। ~ माइकल एंजिलो | |||
* कला प्रकृति द्वारा देखा हुआ जीवन है। ~ एमिल जोला | |||
* युवक नियमों को जानता है, परंतु वृद्ध मनुष्य अपवादों को जानता है। ~ ओलिवर वेंडेल होल्म्स | |||
* 'कृपया' और 'धन्यवाद'- ये ऐसी रेजगारी हैं जिनके द्वारा हम सामाजिक प्राणी होने का मूल्य चुकाते हैं। ~ गार्डनर | |||
* अच्छी नसीहत मानना अपनी योग्यता बढ़ाना है। ~ सोलन | |||
* वही व्यक्ति सबसे अधिक दौलतमंद है, जिसकी प्रसन्नता सबसे सस्ती है। ~ थोरो | |||
* नकद दौलत अल्लादीन का चिराग है। ~ बायरन | |||
* धन अथाह समुद्र है, जिसमें इज्जत, अंत: करण और सत्य - सब कुछ डूब सकते हैं। ~ कोजले | |||
* मुझे बताओ कि तुम किन लोगों के साथ रहते हो, मैं तुम्हें बता दूंगा कि तुम कौन हो? ~ लॉर्ड चैस्टरफील्ड | |||
* एक बुराई दूसरी बुराई से उत्पन्न होती है। ~ टेरेंस | |||
* प्रतिभा अपना मार्ग स्वयं निर्धारित कर लेती है और अपना दीपक स्वयं लिए चलती है। ~ विल्मट | |||
* अच्छे लोग जिस बात को अपने ऊपर लेते हैं, उसका निर्वाह करते हैं। ~ बिल्हन | |||
* नैतिक शिक्षा देते समय संक्षेप में कहो। ~ होरेस | |||
* मनुष्य का कर्तव्य है कि कष्ट देनेवाले से भी प्रेम करे। ~ मारकस आंटोनियस | |||
* मनुष्य की जिह्वा छोटी होती है, पर वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। ~ इस्माइल इब्न अबीबकर | |||
* मनुष्य अनुकरण करने वाला प्राणी है और जो सबसे आगे बढ़ जाता है वही समूह का नेतृत्व करता है। ~ शिलर | |||
* यदि तुम भलाई का अनुकरण परिश्रम के साथ करो तो परिश्रम समाप्त हो जाता है और भलाई बनी रहती है, यदि तुम बुराई का अनुकरण सुख के साथ करो तो सुख चला जाता है और बुराई बनी रहती है। ~ सिसरो | |||
* जिसने कभी कोई शत्रु नहीं बनाया, उसका कोई मित्र भी नहीं बनता है। ~ टेनिसन | |||
* जंग लग कर नष्ट होने की अपेक्षा जीर्ण होकर नष्ट होना अधिक अच्छा है। ~ बिशप रिचर्ड कंबरलैंड | |||
* यदि मैं अपनी चिंता न करूं, तो और कौन करेगा? किंतु यदि मैं केवल अपनी ही चिंता करूं तो मेरा अस्तित्व ही किसलिए है? ~ मैक्सिम गोर्की | |||
* कलाकार अपनी प्रवृत्तियों से भी विशाल है। उसकी भाव-राशि अथाह होती है। ~ मैक्सिम गोर्की | |||
* पहले स्वयं पुरुषार्थ करना चाहिए, भगवान भी तभी मददगार होते हैं। ~ यूरीपिडीज़ | |||
* जिस विचार का सही समय आ जाता है, उसकी ताकत के आगे कोई सेना नहीं ठहर सकती। ~ विक्टर ह्यूगो | |||
* सम्मान सच्चे परिश्रम में है। ~ जी. क्लीवलैंड | |||
* विकास के लिए यूं तो कई चीजें जरूरी होती हैं, लेकिन कठिनाई और विरोध वह देसी मिट्टी है जिसमें पराक्रम और आत्मविश्वास का विकास होता है। ~ जॉन नेल | |||
* विरोध बहुत रचनात्मक होता है। वह उत्साहियों को सदैव उत्तेजित करता है, उन्हें बदलता नहीं। ~ शिलर | |||
* जिसने कभी कोई शत्रु नहीं बनाया, उसका कोई मित्र भी नहीं बनता है। ~ टेनिसन | |||
* विजय सदा ही भव्य होती है, चाहे वह संयोग से प्राप्त हो या दक्षता से। ~ एरिओस्टो | |||
* जो बल से विजय प्राप्त करता है, वह शत्रु पर आधी विजय ही प्राप्त करता है। ~ मिल्ट | |||
* यदि तुम एक बार बोलने से पहले दो बार सोच लेते हो तो तुम अच्छा बोलोगे। ~ विलियम पेन | |||
* मनुष्य के चरित्र का सबसे सही परिचय इससे मिलता है कि वह किन बातों पर हंसता है। ~ ओलिवर होम्स | |||
* जंग लग कर नष्ट होने की अपेक्षा जीर्ण होकर नष्ट होना अधिक अच्छा है। ~ रिचर्ड कंबरलैंड | |||
* मनुष्य की जिह्वा छोटी होती है, परंतु वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। ~ इस्माइल इब्न अबीबकर | |||
* विनोद को लोग फालतू चीज समझ लेते हैं, वह बहुत गंभीर होता है। ~ चर्चिल | |||
* यदि तुम भूख से पीडि़त किसी कुत्ते को उठा लो और उसकी देखभाल करके उसे खुश करो तो वह तुम्हें कभी नहीं काटेगा। मनुष्य और कुत्ते में यही प्रधान अंतर है। ~ मार्क ट्वेन | * यदि तुम भूख से पीडि़त किसी कुत्ते को उठा लो और उसकी देखभाल करके उसे खुश करो तो वह तुम्हें कभी नहीं काटेगा। मनुष्य और कुत्ते में यही प्रधान अंतर है। ~ मार्क ट्वेन | ||
* जिसने कभी कोई शत्रु नहीं बनाया, उसका कोई मित्र भी नहीं बनता है। ~ टेनिसन | * जिसने कभी कोई शत्रु नहीं बनाया, उसका कोई मित्र भी नहीं बनता है। ~ टेनिसन | ||
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* लोगों को यह याद रखना चाहिए कि शांति ईश्वर प्रदत्त नहीं होती। यह वह भेंट है, जिसे मनुष्य एक- दूसरे को देते हैं। ~ एली वाइजेला | * लोगों को यह याद रखना चाहिए कि शांति ईश्वर प्रदत्त नहीं होती। यह वह भेंट है, जिसे मनुष्य एक- दूसरे को देते हैं। ~ एली वाइजेला | ||
* जो किसी विषय में सिर्फ अपना पक्ष जानता है, वह उस विषय में बहुत ही कम जानता है। ~ जॉन स्टुअर्ट मिल | * जो किसी विषय में सिर्फ अपना पक्ष जानता है, वह उस विषय में बहुत ही कम जानता है। ~ जॉन स्टुअर्ट मिल | ||
* कर्म को बोओ और आदत की फसल काटो। आदत को बोओ और चरित्र की फसल काटो। चरित्र को बोकर भाग्य की फसल काटो। ~ बोर्डमैन | * कर्म को बोओ और आदत की फसल काटो। आदत को बोओ और चरित्र की फसल काटो। चरित्र को बोकर भाग्य की फसल काटो। ~ बोर्डमैन | ||
* सत्य का सबसे बड़ा मित्र समय है। उसका सबसे बड़ा शत्रु पूर्वाग्रह है और उसका स्थायी साथी विनम्रता है। ~ चार्ल्स कैलब काल्टन | * सत्य का सबसे बड़ा मित्र समय है। उसका सबसे बड़ा शत्रु पूर्वाग्रह है और उसका स्थायी साथी विनम्रता है। ~ चार्ल्स कैलब काल्टन | ||
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* अहंकार ने देवदूतों को शैतान में बदल दिया जबकि नम्रता मनुष्यों को देवदूत बनाती है। ~ सेंट ऑगस्टीन | * अहंकार ने देवदूतों को शैतान में बदल दिया जबकि नम्रता मनुष्यों को देवदूत बनाती है। ~ सेंट ऑगस्टीन | ||
* सत्य का सबसे बड़ा मित्र समय है। इसका सबसे बड़ा शत्रु पक्षपात और इसका अचल साथी नम्रता है। ~ कोल्टन | * सत्य का सबसे बड़ा मित्र समय है। इसका सबसे बड़ा शत्रु पक्षपात और इसका अचल साथी नम्रता है। ~ कोल्टन | ||
* डॉक्टर बीमार को काटते, मारते और टॉर्चर करते हैं, और इस किस्म की अपनी सेवाओं के बदले में मोटी फीस भी वसूलते हैं। ~ हेराक्लिटस ऑफ इफेसस | * डॉक्टर बीमार को काटते, मारते और टॉर्चर करते हैं, और इस किस्म की अपनी सेवाओं के बदले में मोटी फीस भी वसूलते हैं। ~ हेराक्लिटस ऑफ इफेसस | ||
* बीमारी से भी कहीं ज़्यादा खौफ डॉक्टर से खाया जाना चाहिए। ~ एक लैटिन कहावत | * बीमारी से भी कहीं ज़्यादा खौफ डॉक्टर से खाया जाना चाहिए। ~ एक लैटिन कहावत | ||
* जंगली पशु खेल और मनोरंजन के लिए कभी किसी की हत्या नहीं करते। मानव ही वह प्राणी है, जिसके लिए अपने साथी प्राणियों की यंत्रणा तथा मृत्यु मनोरंजक होती है। ~ जेम्स एंथनी फ्राउड | * जंगली पशु खेल और मनोरंजन के लिए कभी किसी की हत्या नहीं करते। मानव ही वह प्राणी है, जिसके लिए अपने साथी प्राणियों की यंत्रणा तथा मृत्यु मनोरंजक होती है। ~ जेम्स एंथनी फ्राउड | ||
* संवेदनशील बनो पर निर्मल भी। प्रेमी बनो पर पवित्र भी। ~ बायरन | * संवेदनशील बनो पर निर्मल भी। प्रेमी बनो पर पवित्र भी। ~ बायरन | ||
* नकद दौलत अल्लादीन का चिराग है। ~ बायरन | |||
* सत्य सदैव निराला होता है, कल्पना से भी अधिक निराला। ~ बायरन | |||
* जो दिन हमें प्रसन्नता प्रदान करते हैं, वे हमें बुद्धिमान बनाते हैं। ~ जॉन मेसफील्ड | * जो दिन हमें प्रसन्नता प्रदान करते हैं, वे हमें बुद्धिमान बनाते हैं। ~ जॉन मेसफील्ड | ||
* दूसरों के साथ वैसा व्यवहार करो जैसा कि तुम चाहते हो कि वे तुम्हारे साथ करें। ~ बाइबिल | * दूसरों के साथ वैसा व्यवहार करो जैसा कि तुम चाहते हो कि वे तुम्हारे साथ करें। ~ बाइबिल | ||
* विवाद और असहमति किसी भी क्रियाशील समाज की प्राणशक्ति हैं। ~ ह्युबर्ट हम्फ्री | * विवाद और असहमति किसी भी क्रियाशील समाज की प्राणशक्ति हैं। ~ ह्युबर्ट हम्फ्री | ||
* मनुष्य की जिह्वा छोटी होती है, पर वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। ~ इस्माइल इबन् अबीबकर | * मनुष्य की जिह्वा छोटी होती है, पर वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। ~ इस्माइल इबन् अबीबकर | ||
* दुख स्वयं ही एक औषधि है। ~ विलियम कोपर | * दुख स्वयं ही एक औषधि है। ~ विलियम कोपर | ||
* सच्ची कला दैवी सिद्धि का केवल प्रतिबिंब होती है। ईश्वर की पूर्णता की छाया होती है। ~ माइकल एंजिलो | * सच्ची कला दैवी सिद्धि का केवल प्रतिबिंब होती है। ईश्वर की पूर्णता की छाया होती है। ~ माइकल एंजिलो | ||
* कला प्रकृति द्वारा देखा हुआ जीवन है। ~ एमिल जोला | * कला प्रकृति द्वारा देखा हुआ जीवन है। ~ एमिल जोला | ||
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* 'कृपया' और 'धन्यवाद'- ये ऐसी रेजगारी हैं जिनके द्वारा हम सामाजिक प्राणी होने का मूल्य चुकाते हैं। ~ गार्डनर | * 'कृपया' और 'धन्यवाद'- ये ऐसी रेजगारी हैं जिनके द्वारा हम सामाजिक प्राणी होने का मूल्य चुकाते हैं। ~ गार्डनर | ||
* अच्छी नसीहत मानना अपनी योग्यता बढ़ाना है। ~ सोलन | * अच्छी नसीहत मानना अपनी योग्यता बढ़ाना है। ~ सोलन | ||
* धन अथाह समुद्र है, जिसमें इज्जत, अंत: करण और सत्य - सब कुछ डूब सकते हैं। ~ कोजले | * धन अथाह समुद्र है, जिसमें इज्जत, अंत: करण और सत्य - सब कुछ डूब सकते हैं। ~ कोजले | ||
* मुझे बताओ कि तुम किन लोगों के साथ रहते हो, मैं तुम्हें बता दूंगा कि तुम कौन हो? ~ लॉर्ड चैस्टरफील्ड | * मुझे बताओ कि तुम किन लोगों के साथ रहते हो, मैं तुम्हें बता दूंगा कि तुम कौन हो? ~ लॉर्ड चैस्टरफील्ड | ||
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* सच्चे ईश्वरभक्त की भक्ति किसी भी लोक-परलोक की कामना के लिए नहीं होती, वह तो अहैतुकी हुआ करती है। ~ राबिया | * सच्चे ईश्वरभक्त की भक्ति किसी भी लोक-परलोक की कामना के लिए नहीं होती, वह तो अहैतुकी हुआ करती है। ~ राबिया | ||
* गुण का सच्चा मानदण्ड मन में स्थित है। जिसके सत्य विचार हैं, वे सत्यपुरुष हैं। ~ आइजक बिकरस्टाफ | * गुण का सच्चा मानदण्ड मन में स्थित है। जिसके सत्य विचार हैं, वे सत्यपुरुष हैं। ~ आइजक बिकरस्टाफ | ||
* युवक नियमों को जानता है, परंतु वृद्ध मनुष्य अपवादों को जानता है। ~ ओलिवर वेंडेल होल्म्स | * युवक नियमों को जानता है, परंतु वृद्ध मनुष्य अपवादों को जानता है। ~ ओलिवर वेंडेल होल्म्स | ||
* अपने सुख के दिनों का स्मरण करने से बड़ा दुख कोई नहीं है। ~ दांते | * अपने सुख के दिनों का स्मरण करने से बड़ा दुख कोई नहीं है। ~ दांते | ||
* जंगली पशु क्रीड़ा के लिए कभी किसी की हत्या नहीं करते। मानव ही वह प्राणी है, जिसके लिए अपने साथी प्राणियों की यंत्रणा तथा मृत्यु मनोरंजक होती है। ~ जेम्स एंथनी फ्राउड | * जंगली पशु क्रीड़ा के लिए कभी किसी की हत्या नहीं करते। मानव ही वह प्राणी है, जिसके लिए अपने साथी प्राणियों की यंत्रणा तथा मृत्यु मनोरंजक होती है। ~ जेम्स एंथनी फ्राउड | ||
* साधारण सुधारक सदा उन लोगों से घृणा करते हैं जो उनसे आगे जाते हैं। ~ जेम्स एंथनी फ्राउड | |||
* रिटायर होने के बाद बुढ़ापे में मेरे लिए सबसे ज़्यादा सुखकर और मुझे सर्वाधिक संतोष देने वाली चीज वे यादें हैं जो मैंने अपनी कामकाजी उम्र में दूसरे लोगों को दोस्त बनाकर अर्जित की हैं। ~ मारकस काटो | * रिटायर होने के बाद बुढ़ापे में मेरे लिए सबसे ज़्यादा सुखकर और मुझे सर्वाधिक संतोष देने वाली चीज वे यादें हैं जो मैंने अपनी कामकाजी उम्र में दूसरे लोगों को दोस्त बनाकर अर्जित की हैं। ~ मारकस काटो | ||
* रिटायरमेंट के वक्त मैं ठीक उसी तरह जाना चाहूंगा जैसे किसी पार्टी से कोई सभ्य मेहमान उठ कर जाता है। ~ लियोंटाइन प्राइस | * रिटायरमेंट के वक्त मैं ठीक उसी तरह जाना चाहूंगा जैसे किसी पार्टी से कोई सभ्य मेहमान उठ कर जाता है। ~ लियोंटाइन प्राइस | ||
* रिटायरमेंट की उम्र में पहुंचने के बाद लोगों को समाजसेवा की तरफ बढ़ना चाहिए। निष्क्रिय लोगों को बर्दाश्त करने का दौर अब बीत गया है। ~ मैगी काह्न | * रिटायरमेंट की उम्र में पहुंचने के बाद लोगों को समाजसेवा की तरफ बढ़ना चाहिए। निष्क्रिय लोगों को बर्दाश्त करने का दौर अब बीत गया है। ~ मैगी काह्न | ||
* अगर आप काम करते रहते हैं तो आपके इस दुनिया में होने का अर्थ बना रहता है। रिटायर होने के बाद अपनी बाकी जिंदगी टुच्चे खेलों में बिता देने का विचार बहुत बेहूदा है। ~ हैराल्ड जेनीन | * अगर आप काम करते रहते हैं तो आपके इस दुनिया में होने का अर्थ बना रहता है। रिटायर होने के बाद अपनी बाकी जिंदगी टुच्चे खेलों में बिता देने का विचार बहुत बेहूदा है। ~ हैराल्ड जेनीन | ||
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* डॉक्टर असंख्य गलतियां करते हैं। इलाज के मामले में वे आदतन आशावादी होते हैं, लेकिन इलाज के नतीजों के मामले में उतने ही निराशावादी नजर आते हैं। ~ सैम्युअल बटलर | * डॉक्टर असंख्य गलतियां करते हैं। इलाज के मामले में वे आदतन आशावादी होते हैं, लेकिन इलाज के नतीजों के मामले में उतने ही निराशावादी नजर आते हैं। ~ सैम्युअल बटलर | ||
* डॉक्टर ज़्यादातर मायनों में वकीलों जैसे ही होते हैं। उनके बीच अकेला फ़र्क़ यह होता है कि वकील सिर्फ आपको लूटते हैं, जबकि डॉक्टर लूटने के बाद आपको मार भी डालते हैं। ~ एंटन चेखव | * डॉक्टर ज़्यादातर मायनों में वकीलों जैसे ही होते हैं। उनके बीच अकेला फ़र्क़ यह होता है कि वकील सिर्फ आपको लूटते हैं, जबकि डॉक्टर लूटने के बाद आपको मार भी डालते हैं। ~ एंटन चेखव | ||
* विनोद निर्धन के बस की बात नहीं, वह धनियों का ही सफल होता है। ~ गोल्डस्मिथ | * विनोद निर्धन के बस की बात नहीं, वह धनियों का ही सफल होता है। ~ गोल्डस्मिथ | ||
* राजा अपने राज्य का प्रथम सेवक होता है। ~ फ्रेडरिक महान | * राजा अपने राज्य का प्रथम सेवक होता है। ~ फ्रेडरिक महान | ||
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* 'निष्ठा से शहीद बनते हैं' कहने की अपेक्षा 'शहीदों से निष्ठा बनती है' कहना अधिक सत्य है। ~ मिगेल डि यूनामुनो | * 'निष्ठा से शहीद बनते हैं' कहने की अपेक्षा 'शहीदों से निष्ठा बनती है' कहना अधिक सत्य है। ~ मिगेल डि यूनामुनो | ||
* दार्शनिक विवाद में अधिकतम लाभ उसे होता है, जो हारता है। क्योंकि वह अधिकतम सीखता है। ~ एपिक्युरस | * दार्शनिक विवाद में अधिकतम लाभ उसे होता है, जो हारता है। क्योंकि वह अधिकतम सीखता है। ~ एपिक्युरस | ||
* प्रत्येक सत्य, चाहे वह किसी के मुख से क्यों निकला हो, ईश्वरीय सत्य है। ~ सेंट एम्ब्रोज | * प्रत्येक सत्य, चाहे वह किसी के मुख से क्यों निकला हो, ईश्वरीय सत्य है। ~ सेंट एम्ब्रोज | ||
* सत्य का सबसे बड़ा मित्र समय है। उसका सबसे बड़ा शत्रु पूर्वग्रह है और उसका स्थायी साथी विनम्रता है। ~ चार्ल्स कैलब काल्टन | * सत्य का सबसे बड़ा मित्र समय है। उसका सबसे बड़ा शत्रु पूर्वग्रह है और उसका स्थायी साथी विनम्रता है। ~ चार्ल्स कैलब काल्टन | ||
* शब्द, मुहावरे और फैशन आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन सत्य और प्रकृति सदैव रहते हैं। ~ बर्नार्ड बार्टन | * शब्द, मुहावरे और फैशन आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन सत्य और प्रकृति सदैव रहते हैं। ~ बर्नार्ड बार्टन | ||
* जो कुछ न्यायसंगत है, उसे कहने के लिए हर समय उपयुक्त समय है। ~ सोफोक्लीज़ | * जो कुछ न्यायसंगत है, उसे कहने के लिए हर समय उपयुक्त समय है। ~ सोफोक्लीज़ | ||
* सत्य किरणों की किरण, सूर्यों का सूर्य, चंद्रमाओं का चंद्र और नक्षत्रों का नक्षत्र है। सत्य सब का सारभूत तत्व है। ~ डिकेंस | * सत्य किरणों की किरण, सूर्यों का सूर्य, चंद्रमाओं का चंद्र और नक्षत्रों का नक्षत्र है। सत्य सब का सारभूत तत्व है। ~ डिकेंस | ||
* जो भी घटित होता है उससे मैं संतुष्ट हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि परमात्मा द्वारा चयन मेरे द्वारा चयन से अधिक श्रेष्ठ है। ~ एपिक्टेटस | * जो भी घटित होता है उससे मैं संतुष्ट हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि परमात्मा द्वारा चयन मेरे द्वारा चयन से अधिक श्रेष्ठ है। ~ एपिक्टेटस | ||
* मुझे बताओ कि तुम किनके साथ रहते हो और मैं तुम्हें बता दूंगा कि तुम कौन हो। ~ लॉर्ड चेस्टरफील्ड | * मुझे बताओ कि तुम किनके साथ रहते हो और मैं तुम्हें बता दूंगा कि तुम कौन हो। ~ लॉर्ड चेस्टरफील्ड | ||
* जीने का सबसे अच्छा और सर्वाधिक सुरक्षित तरीका जीवन में संतुलन रखना है। आपने आसपास और अपने भीतर की ताकत को पहचानना है। अगर आप ऐसा कर पाते हैं और इस तरह जीते हैं तो आप सचमुच एक बुद्धिमान व्यक्ति हैं। ~ यूरीपिडीज | * जीने का सबसे अच्छा और सर्वाधिक सुरक्षित तरीका जीवन में संतुलन रखना है। आपने आसपास और अपने भीतर की ताकत को पहचानना है। अगर आप ऐसा कर पाते हैं और इस तरह जीते हैं तो आप सचमुच एक बुद्धिमान व्यक्ति हैं। ~ यूरीपिडीज | ||
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* मैं जिस चीज का स्वप्न देखता हूं वह है संतुलन की कला। ~ हेनरी मातीस | * मैं जिस चीज का स्वप्न देखता हूं वह है संतुलन की कला। ~ हेनरी मातीस | ||
* इस दुनिया की बनावट इतनी दैवीय है कि यहां हममें से हर कोई अपने स्थान और समय में अन्य दूसरी चीजों से एक विरल संतुलन में अवस्थित है। ~ गाइथे | * इस दुनिया की बनावट इतनी दैवीय है कि यहां हममें से हर कोई अपने स्थान और समय में अन्य दूसरी चीजों से एक विरल संतुलन में अवस्थित है। ~ गाइथे | ||
* जो समय चिंता में गया, समझो कूड़ेदान में गया। जो समय चिंतन में गया, समझो तिजोरी में जमा हो गया। ~ चिंग चाओ | * जो समय चिंता में गया, समझो कूड़ेदान में गया। जो समय चिंतन में गया, समझो तिजोरी में जमा हो गया। ~ चिंग चाओ | ||
* वाणी का सर्वोत्तम गुण संक्षिप्तता है, चाहे वह सभासद में हो या वक्ता में। ~ सिसरो | * वाणी का सर्वोत्तम गुण संक्षिप्तता है, चाहे वह सभासद में हो या वक्ता में। ~ सिसरो | ||
* बुद्धिमान विवेक से, साधारण मनुष्य अनुभव से, अज्ञानी आवश्यकता से और पशु स्वभाव से सीखते हैं। ~ सिसरो | |||
* विश्व एक विशाल ग्रंथ है और जो कभी घर के बाहर नहीं जाते, वे उसका केवल एक पृष्ठ ही पढ़ पाते हैं। ~ ऑगस्टीन | * विश्व एक विशाल ग्रंथ है और जो कभी घर के बाहर नहीं जाते, वे उसका केवल एक पृष्ठ ही पढ़ पाते हैं। ~ ऑगस्टीन | ||
* सहानुभूति एक ऐसी विश्वव्यापी भाषा है, जिसे सभी प्राणी समझते हैं। ~ जेम्स एलेन | * सहानुभूति एक ऐसी विश्वव्यापी भाषा है, जिसे सभी प्राणी समझते हैं। ~ जेम्स एलेन | ||
* संकट पहले अज्ञान और दुर्बलता से उत्पन्न होते हैं और फिर ज्ञान और शक्ति की प्राप्ति कराते हैं। ~ जेम्स एलेन | * संकट पहले अज्ञान और दुर्बलता से उत्पन्न होते हैं और फिर ज्ञान और शक्ति की प्राप्ति कराते हैं। ~ जेम्स एलेन | ||
* यकीन करें कि बुढ़ापा उम्र का सबसे शानदार दौर होता है। भले ही आप उस वक्त अपनी ज़िम्मेदारियों से निबट चुके होते हैं, पर तब आप फ्रंट सीट पर बैठकर उन कामों के नतीजे का मजा ले सकते हैं जो आपने सक्रिय होते हुए किए थे। ~ जेन एलेन हैरिसन | |||
* संकट का समय ही मनुष्य की आत्मा को परखता है। ~ टॉमस पेन | * संकट का समय ही मनुष्य की आत्मा को परखता है। ~ टॉमस पेन | ||
* मनुष्य में शक्ति की कमी नहीं होती, संकल्प की कमी होती है। ~ मेरी विक्टर ह्युगो | * मनुष्य में शक्ति की कमी नहीं होती, संकल्प की कमी होती है। ~ मेरी विक्टर ह्युगो | ||
* कला अनुकरण नहीं बल्कि व्याख्या करती है। ~ मेजिनी | * कला अनुकरण नहीं बल्कि व्याख्या करती है। ~ मेजिनी | ||
* कठिनाइयों का मुकाबला करो, चाहे सारी दुनिया दुश्मन ही क्यों न बन जाए। ~ मैजिनी | * कठिनाइयों का मुकाबला करो, चाहे सारी दुनिया दुश्मन ही क्यों न बन जाए। ~ मैजिनी | ||
* बुद्धिमान की बुद्धि आइने के समान है। वह स्वर्ग का प्रकाश लेकर उसे दूसरों को दे देती है। ~ हेयर | |||
* | * बेवकूफ को उससे बड़ा बेवकूफ उसकी प्रशंसा करने वाला मिल जाता है। ~ वाइलो | ||
* शिक्षित मूर्ख, अशिक्षित की अपेक्षा अधिक बेवकूफ होता है। ~ मौलियर | |||
* जो अपने को बुद्धिमान समझता है वह सबसे बड़ा बेवकूफ है। ~ वाल्टेयर | |||
* जो जिसके हृदय में स्थित है, वह दूर होते हुए भी उसके समीप है, हृदय से निकला हुआ व्यक्ति समीप होने पर भी दूर ही है। ~ शौनकीयनीतिसार | |||
* जंग लग कर नष्ट होने की अपेक्षा जीर्ण होकर नष्ट होना अधिक अच्छा है। ~ बिशप रिचर्ड कंबरलैंड | |||
* शब्दों का अर्थ हमेशा स्पष्ट होता है जब तक कि हम जानबूझ कर उनको झूठा अर्थ न प्रदान करें। ~ तोलस्तोय | |||
* मैं विश्वास का आदर करता हूं परंतु शंका ही है जो तुम्हें शिक्षा प्राप्त कराती है। ~ विलसन मिजनर | |||
* युवक नियमों को जानता है, परंतु वृद्ध मनुष्य अपवादों को जानता है। ~ ओलिवर वेंडेल होमेस | |||
* मूर्खों की सफलताओं की अपेक्षा बुद्धिमानों की गलतियां अधिक मार्गदर्शक होती हैं। ~ विलियम ब्लेक | |||
* जो दिन हमें प्रसन्नता प्रदान करते हैं, वे हमें बुद्धिमान बनाते हैं। ~ जॉन मेसफील्ड | |||
* अनुभव 20 वर्ष में जो सिखाता है, विद्वता एक वर्ष में उससे अधिक सिखा देती है। ~ रोगर ऐस्कम | |||
* अपनी विद्वता को पॉकिट घड़ी की तरह अपनी जेब में रखो, और उसे केवल यह दिखाने के लिए कि तुम्हारे पास भी है, न बाहर निकालो और न पटको। ~ लॉर्ड चेस्टरफील्ड | |||
* जो मनुष्य विनम्र है, उसे सदैव ईश्वर अपने मार्गदर्शक के रूप में प्राप्त रहेगा। ~ जॉन बनयन | |||
* सीखे गए को भूल जाने पर जो कुछ बच रहता है, वही शिक्षा है। ~ स्किनर | |||
* युवक नियमों को जानता है, परंतु वृद्ध मनुष्य अपवादों को जानता है। ~ ओलिवर वेंडेल होल्म्स | |||
* समकालीन व्यक्ति गुण की अपेक्षा मनुष्य की प्रशंसा करते हैं, आने वाले समय में पीढ़ियां मनुष्य की अपेक्षा उसके गुणों का सम्मान किया करेंगी। ~ कोल्टन | |||
* सच्चे ईश्वरभक्त की भक्ति किसी भी लोक-परलोक की कामना के लिए नहीं होती, वह तो अहैतुकी हुआ करती है। ~ राबिया | |||
* कोई भी मनुष्य केवल अपने लिए ही गुलाब और करमकल्ला उत्पन्न नहीं करता। आनंद प्राप्ति के लिए तुम्हें उसे आपस में बांटना ही होगा। ~ चेस्टर चार्ल्स | * कोई भी मनुष्य केवल अपने लिए ही गुलाब और करमकल्ला उत्पन्न नहीं करता। आनंद प्राप्ति के लिए तुम्हें उसे आपस में बांटना ही होगा। ~ चेस्टर चार्ल्स | ||
* अपने साथियों के साथ शत्रु जैसा व्यवहार करने का अर्थ होगा शत्रु के दृष्टिकोण को अपना लेना। ~ माओ-त्से-तुंग | * अपने साथियों के साथ शत्रु जैसा व्यवहार करने का अर्थ होगा शत्रु के दृष्टिकोण को अपना लेना। ~ माओ-त्से-तुंग | ||
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* दूसरों की भूलों से बुद्धिमान लोग अपनी भूलें सुधारते हैं। ~ साइरस | * दूसरों की भूलों से बुद्धिमान लोग अपनी भूलें सुधारते हैं। ~ साइरस | ||
* यदि मनुष्य सीखना चाहे तो उसकी प्रत्येक भूल कुछ न कुछ शिक्षा दे सकती है। ~ डिकेंस | * यदि मनुष्य सीखना चाहे तो उसकी प्रत्येक भूल कुछ न कुछ शिक्षा दे सकती है। ~ डिकेंस | ||
* हर प्रशंसा की तुलना में बुरा समाचार दूर तक जाता है। ~ बाल्टासार ग्राशियन | * हर प्रशंसा की तुलना में बुरा समाचार दूर तक जाता है। ~ बाल्टासार ग्राशियन | ||
* उस मनुष्य पर विश्वास करो, जो बोलने में संकोच करता है, पर कार्य में परिश्रमी और तत्पर है, लेकिन लंबे तर्कों वालों से सावधान रहो। ~ जार्ज सांतायना | * उस मनुष्य पर विश्वास करो, जो बोलने में संकोच करता है, पर कार्य में परिश्रमी और तत्पर है, लेकिन लंबे तर्कों वालों से सावधान रहो। ~ जार्ज सांतायना | ||
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* प्रवीणता और आत्मविश्वास - जीवन संग्राम में यही दोनों अविजित सेनाएं हैं। ~ जॉर्ज हरबर्ट | * प्रवीणता और आत्मविश्वास - जीवन संग्राम में यही दोनों अविजित सेनाएं हैं। ~ जॉर्ज हरबर्ट | ||
* सत्य की बात तो सभी कहते हैं, पर उसका पालन कुछ ही लोग करते हैं। ~ जार्ज बर्कली | * सत्य की बात तो सभी कहते हैं, पर उसका पालन कुछ ही लोग करते हैं। ~ जार्ज बर्कली | ||
04:39, 25 अगस्त 2012 का अवतरण
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अनमोल वचन |
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