"अनमोल वचन 15": अवतरणों में अंतर
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* बुद्धिमान विवेक से, साधारण मनुष्य अनुभव से, अज्ञानी आवश्यकता से और पशु स्वभाव से सीखते हैं। ~ सिसरो | * बुद्धिमान विवेक से, साधारण मनुष्य अनुभव से, अज्ञानी आवश्यकता से और पशु स्वभाव से सीखते हैं। ~ सिसरो | ||
* यदि तुम भलाई का अनुकरण परिश्रम के साथ करो तो परिश्रम समाप्त हो जाता है और भलाई बनी रहती है, यदि तुम बुराई का अनुकरण सुख के साथ करो तो सुख चला जाता है और बुराई बनी रहती है। ~ सिसरो | * यदि तुम भलाई का अनुकरण परिश्रम के साथ करो तो परिश्रम समाप्त हो जाता है और भलाई बनी रहती है, यदि तुम बुराई का अनुकरण सुख के साथ करो तो सुख चला जाता है और बुराई बनी रहती है। ~ सिसरो | ||
* सहानुभूति एक ऐसी विश्वव्यापी भाषा है, जिसे सभी प्राणी समझते हैं। ~ जेम्स एलेन | |||
* संकट पहले अज्ञान और दुर्बलता से उत्पन्न होते हैं और फिर ज्ञान और शक्ति की प्राप्ति कराते हैं। ~ जेम्स एलेन | |||
* यकीन करें कि बुढ़ापा उम्र का सबसे शानदार दौर होता है। भले ही आप उस वक्त अपनी ज़िम्मेदारियों से निबट चुके होते हैं, पर तब आप फ्रंट सीट पर बैठकर उन कामों के नतीजे का मजा ले सकते हैं जो आपने सक्रिय होते हुए किए थे। ~ जेन एलेन हैरिसन | |||
* साधारण सुधारक सदा उन लोगों से घृणा करते हैं जो उनसे आगे जाते हैं। ~ जेम्स एंथनी फ्राउड | |||
* जंगली पशु खेल और मनोरंजन के लिए कभी किसी की हत्या नहीं करते। मानव ही वह प्राणी है, जिसके लिए अपने साथी प्राणियों की यंत्रणा तथा मृत्यु मनोरंजक होती है। ~ जेम्स एंथनी फ्राउड | |||
* मेरे लिए इस बात का महत्व नहीं है कि ईश्वर हमारे पक्ष में है या नहीं, मेरे लिए अधिक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि मैं ईश्वर के पक्ष में रहूं, क्योंकि ईश्वर सदैव सही होता है। ~ अब्राहम लिंकन | |||
* चरित्र एक वृक्ष के समान है और ख्याति उसकी छाया है। छाया वही है जो हम उसके बारे में सोचते हैं, परंतु वृक्ष वास्तविक वस्तु है। ~ लिंकन | |||
* अवसर के अनुकूल आचरण हमें कहीं का कहीं पहुंचा देता है। ~ चेखव | |||
* डॉक्टर ज़्यादातर मायनों में वकीलों जैसे ही होते हैं। उनके बीच अकेला फ़र्क़ यह होता है कि वकील सिर्फ आपको लूटते हैं, जबकि डॉक्टर लूटने के बाद आपको मार भी डालते हैं। ~ एंटन चेखव | |||
* यदि मैं अपनी चिंता न करूं, तो और कौन करेगा? किंतु यदि मैं केवल अपनी ही चिंता करूं तो मेरा अस्तित्व ही किसलिए है? ~ मैक्सिम गोर्की | |||
* कलाकार अपनी प्रवृत्तियों से भी विशाल है। उसकी भाव-राशि अथाह होती है। ~ मैक्सिम गोर्की | |||
* अपनी विद्वता को पॉकिट घड़ी की तरह अपनी जेब में रखो, और उसे केवल यह दिखाने के लिए कि तुम्हारे पास भी है, न बाहर निकालो और न पटको। ~ लॉर्ड चेस्टरफील्ड | |||
* मुझे बताओ कि तुम किनके साथ रहते हो और मैं तुम्हें बता दूंगा कि तुम कौन हो। ~ लॉर्ड चेस्टरफील्ड | |||
* मिनटों की चिंता करो क्योंकि घंटे तो अपनी चिता स्वयं ही कर लेंगे। ~ लॉर्ड चेस्टरफिल्ड | |||
* जैसे ही कहीं पर भगवान का मंदिर बनकर तैयार होता है, शैतान उसके पास ही अपना प्रार्थना गृह बना लेता है। ~ जॉर्ज हरबर्ट | |||
* प्रवीणता और आत्मविश्वास - जीवन संग्राम में यही दोनों अविजित सेनाएं हैं। ~ जॉर्ज हरबर्ट | |||
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* कठिनाइयों का मुकाबला करो, चाहे सारी दुनिया दुश्मन ही क्यों न बन जाए। ~ मैजिनी | * कठिनाइयों का मुकाबला करो, चाहे सारी दुनिया दुश्मन ही क्यों न बन जाए। ~ मैजिनी | ||
* प्रसन्नता न हमारे अंदर है और न बाहर बल्कि यह ईश्वर के साथ हमारी एकता स्थापित करने वाला एक तत्व है। ~ पास्कल | * प्रसन्नता न हमारे अंदर है और न बाहर बल्कि यह ईश्वर के साथ हमारी एकता स्थापित करने वाला एक तत्व है। ~ पास्कल | ||
* गरीब वह नहीं है जिसके पास धन नहीं है बल्कि वह है जिसकी अभिलाषाएं बढ़ी हुई हैं। ~ डेनियल | * गरीब वह नहीं है जिसके पास धन नहीं है बल्कि वह है जिसकी अभिलाषाएं बढ़ी हुई हैं। ~ डेनियल | ||
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* संत संचय नहीं करता। प्रत्येक वस्तु को दूसरे की वस्तु समझते हुए दूसरों को देते हुए भी उसके स्वयं के पास उसका आधिक्य है। ~ लाओ-त्से | * संत संचय नहीं करता। प्रत्येक वस्तु को दूसरे की वस्तु समझते हुए दूसरों को देते हुए भी उसके स्वयं के पास उसका आधिक्य है। ~ लाओ-त्से | ||
* आनंद ही एक ऐसी वस्तु है जो आपके पास न होने पर आप दूसरों को बिना किसी असुविधा के दे सकते हैं। ~ कारमेन सिल्वा | * आनंद ही एक ऐसी वस्तु है जो आपके पास न होने पर आप दूसरों को बिना किसी असुविधा के दे सकते हैं। ~ कारमेन सिल्वा | ||
* सच्ची कला दैवी सिद्धि का केवल प्रतिबिंब होती है। ईश्वर की पूर्णता की छाया होती है। ~ माइकल एंजिलो | * सच्ची कला दैवी सिद्धि का केवल प्रतिबिंब होती है। ईश्वर की पूर्णता की छाया होती है। ~ माइकल एंजिलो | ||
* कृतज्ञता न केवल स्मृति है बल्कि ईश्वर के प्रति उसके उपकारों के लिए हृदय की श्रद्धांजलि है। ~ एन.पी. विल्स | * कृतज्ञता न केवल स्मृति है बल्कि ईश्वर के प्रति उसके उपकारों के लिए हृदय की श्रद्धांजलि है। ~ एन.पी. विल्स | ||
* कृतज्ञता एक कर्त्तव्य है जिसे लौटाना चाहिए किंतु जिसे पाने का किसी को अधिकार नहीं है। ~ रूसो | * कृतज्ञता एक कर्त्तव्य है जिसे लौटाना चाहिए किंतु जिसे पाने का किसी को अधिकार नहीं है। ~ रूसो | ||
* अवसर बार बार हाथ नहीं लगता। ऐसा मत सोचो कि अवसर तुम्हारा द्वार दोबारा खटखटाएगा। ~ सफोक्लीज | * अवसर बार बार हाथ नहीं लगता। ऐसा मत सोचो कि अवसर तुम्हारा द्वार दोबारा खटखटाएगा। ~ सफोक्लीज | ||
* अगर सिर्फ तजुर्बों से ही अक्लमंद हो जाता तो लंदन के अजायब घर के पत्थर इतने वर्षों बाद संसार के बड़े से बड़े बुद्धिमानों से ज्यादा बुद्धिमान होते। ~ बर्नाड शॉ | * अगर सिर्फ तजुर्बों से ही अक्लमंद हो जाता तो लंदन के अजायब घर के पत्थर इतने वर्षों बाद संसार के बड़े से बड़े बुद्धिमानों से ज्यादा बुद्धिमान होते। ~ बर्नाड शॉ | ||
* गुण का सच्चा मानदण्ड मन में स्थित है। जिसके सत्य विचार हैं, वे सत्यपुरुष हैं। ~ आइजक बिकरस्टाफ | * गुण का सच्चा मानदण्ड मन में स्थित है। जिसके सत्य विचार हैं, वे सत्यपुरुष हैं। ~ आइजक बिकरस्टाफ | ||
* रिटायर होने के बाद बुढ़ापे में मेरे लिए सबसे ज़्यादा सुखकर और मुझे सर्वाधिक संतोष देने वाली चीज वे यादें हैं जो मैंने अपनी कामकाजी उम्र में दूसरे लोगों को दोस्त बनाकर अर्जित की हैं। ~ मारकस काटो | * रिटायर होने के बाद बुढ़ापे में मेरे लिए सबसे ज़्यादा सुखकर और मुझे सर्वाधिक संतोष देने वाली चीज वे यादें हैं जो मैंने अपनी कामकाजी उम्र में दूसरे लोगों को दोस्त बनाकर अर्जित की हैं। ~ मारकस काटो | ||
* रिटायरमेंट के वक्त मैं ठीक उसी तरह जाना चाहूंगा जैसे किसी पार्टी से कोई सभ्य मेहमान उठ कर जाता है। ~ लियोंटाइन प्राइस | * रिटायरमेंट के वक्त मैं ठीक उसी तरह जाना चाहूंगा जैसे किसी पार्टी से कोई सभ्य मेहमान उठ कर जाता है। ~ लियोंटाइन प्राइस | ||
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* कितना भी पांडित्य हो, थोड़ी सी रसज्ञता की कमी से वह निरर्थक हो जाता है। ~ मारन वेंकटय्या | * कितना भी पांडित्य हो, थोड़ी सी रसज्ञता की कमी से वह निरर्थक हो जाता है। ~ मारन वेंकटय्या | ||
* डॉक्टर असंख्य गलतियां करते हैं। इलाज के मामले में वे आदतन आशावादी होते हैं, लेकिन इलाज के नतीजों के मामले में उतने ही निराशावादी नजर आते हैं। ~ सैम्युअल बटलर | * डॉक्टर असंख्य गलतियां करते हैं। इलाज के मामले में वे आदतन आशावादी होते हैं, लेकिन इलाज के नतीजों के मामले में उतने ही निराशावादी नजर आते हैं। ~ सैम्युअल बटलर | ||
* सत्य का सबसे बड़ा मित्र समय है। इसका सबसे बड़ा शत्रु पक्षपात और इसका अचल साथी नम्रता है। ~ कोल्टन | |||
* समकालीन व्यक्ति गुण की अपेक्षा मनुष्य की प्रशंसा करते हैं, आने वाले समय में पीढ़ियां मनुष्य की अपेक्षा उसके गुणों का सम्मान किया करेंगी। ~ कोल्टन | |||
* डॉक्टर बीमार को काटते, मारते और टॉर्चर करते हैं, और इस किस्म की अपनी सेवाओं के बदले में मोटी फीस भी वसूलते हैं। ~ हेराक्लिटस ऑफ इफेसस | * डॉक्टर बीमार को काटते, मारते और टॉर्चर करते हैं, और इस किस्म की अपनी सेवाओं के बदले में मोटी फीस भी वसूलते हैं। ~ हेराक्लिटस ऑफ इफेसस | ||
* बीमारी से भी कहीं ज़्यादा खौफ डॉक्टर से खाया जाना चाहिए। ~ एक लैटिन कहावत | |||
* जो दिन हमें प्रसन्नता प्रदान करते हैं, वे हमें बुद्धिमान बनाते हैं। ~ जॉन मेसफील्ड | * जो दिन हमें प्रसन्नता प्रदान करते हैं, वे हमें बुद्धिमान बनाते हैं। ~ जॉन मेसफील्ड | ||
* दूसरों के साथ वैसा व्यवहार करो जैसा कि तुम चाहते हो कि वे तुम्हारे साथ करें। ~ बाइबिल | * दूसरों के साथ वैसा व्यवहार करो जैसा कि तुम चाहते हो कि वे तुम्हारे साथ करें। ~ बाइबिल | ||
* विवाद और असहमति किसी भी क्रियाशील समाज की प्राणशक्ति हैं। ~ ह्युबर्ट हम्फ्री | |||
* मनुष्य की जिह्वा छोटी होती है, पर वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। ~ इस्माइल इबन् अबीबकर | |||
* सच्ची कला दैवी सिद्धि का केवल प्रतिबिंब होती है। ईश्वर की पूर्णता की छाया होती है। ~ माइकल एंजिलो | * सच्ची कला दैवी सिद्धि का केवल प्रतिबिंब होती है। ईश्वर की पूर्णता की छाया होती है। ~ माइकल एंजिलो | ||
* कला प्रकृति द्वारा देखा हुआ जीवन है। ~ एमिल जोला | * कला प्रकृति द्वारा देखा हुआ जीवन है। ~ एमिल जोला | ||
* | * धन जब बढ़ता है, मद भी साथ-साथ चढ़ता है। मद के प्रकोप से दुर्गुण और भी बढ़ते हैं। धन के निकल जाने पर मद उतर जाता है। उसके अभाव में दुर्गुण भी अदृश्य हो जाते हैं। ~ वेमना | ||
* धन अथाह समुद्र है, जिसमें इज्जत, अंत: करण और सत्य - सब कुछ डूब सकते हैं। ~ कोजले | |||
* ज्ञान अभिमानी होता है। मानो उसने बहुत कुछ सीख लिया है। बुद्धि विनीत होती है। मानो अभी वह कुछ जानती ही नहीं। ~ काउपर | |||
* डॉक्टर बीमार को काटते, मारते और टॉर्चर करते हैं, और इस किस्म की अपनी सेवाओं के बदले में मोटी फीस भी वसूलते हैं। ~ हेराक्लिटस ऑफ इफेसस | |||
* जो दिन हमें प्रसन्नता प्रदान करते हैं, वे हमें बुद्धिमान बनाते हैं। ~ जॉन मेसफील्ड | |||
* दूसरों के साथ वैसा व्यवहार करो जैसा कि तुम चाहते हो कि वे तुम्हारे साथ करें। ~ बाइबिल | |||
* सच्ची कला दैवी सिद्धि का केवल प्रतिबिंब होती है। ईश्वर की पूर्णता की छाया होती है। ~ माइकल एंजिलो | |||
* कला प्रकृति द्वारा देखा हुआ जीवन है। ~ एमिल जोला | |||
* 'कृपया' और 'धन्यवाद'- ये ऐसी रेजगारी हैं जिनके द्वारा हम सामाजिक प्राणी होने का मूल्य चुकाते हैं। ~ गार्डनर | * 'कृपया' और 'धन्यवाद'- ये ऐसी रेजगारी हैं जिनके द्वारा हम सामाजिक प्राणी होने का मूल्य चुकाते हैं। ~ गार्डनर | ||
* वही व्यक्ति सबसे अधिक दौलतमंद है, जिसकी प्रसन्नता सबसे सस्ती है। ~ थोरो | * वही व्यक्ति सबसे अधिक दौलतमंद है, जिसकी प्रसन्नता सबसे सस्ती है। ~ थोरो | ||
* मुझे बताओ कि तुम किन लोगों के साथ रहते हो, मैं तुम्हें बता दूंगा कि तुम कौन हो? ~ लॉर्ड चैस्टरफील्ड | * मुझे बताओ कि तुम किन लोगों के साथ रहते हो, मैं तुम्हें बता दूंगा कि तुम कौन हो? ~ लॉर्ड चैस्टरफील्ड | ||
* एक बुराई दूसरी बुराई से उत्पन्न होती है। ~ टेरेंस | * एक बुराई दूसरी बुराई से उत्पन्न होती है। ~ टेरेंस | ||
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* अच्छे लोग जिस बात को अपने ऊपर लेते हैं, उसका निर्वाह करते हैं। ~ बिल्हन | * अच्छे लोग जिस बात को अपने ऊपर लेते हैं, उसका निर्वाह करते हैं। ~ बिल्हन | ||
* नैतिक शिक्षा देते समय संक्षेप में कहो। ~ होरेस | * नैतिक शिक्षा देते समय संक्षेप में कहो। ~ होरेस | ||
* अच्छी नसीहत मानना अपनी योग्यता बढ़ाना है। ~ सोलन | |||
* मनुष्य का कर्तव्य है कि कष्ट देनेवाले से भी प्रेम करे। ~ मारकस आंटोनियस | * मनुष्य का कर्तव्य है कि कष्ट देनेवाले से भी प्रेम करे। ~ मारकस आंटोनियस | ||
* मनुष्य की जिह्वा छोटी होती है, पर वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। ~ इस्माइल इब्न अबीबकर | * मनुष्य की जिह्वा छोटी होती है, पर वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। ~ इस्माइल इब्न अबीबकर | ||
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* जिसने कभी कोई शत्रु नहीं बनाया, उसका कोई मित्र भी नहीं बनता है। ~ टेनिसन | * जिसने कभी कोई शत्रु नहीं बनाया, उसका कोई मित्र भी नहीं बनता है। ~ टेनिसन | ||
* जंग लग कर नष्ट होने की अपेक्षा जीर्ण होकर नष्ट होना अधिक अच्छा है। ~ बिशप रिचर्ड कंबरलैंड | * जंग लग कर नष्ट होने की अपेक्षा जीर्ण होकर नष्ट होना अधिक अच्छा है। ~ बिशप रिचर्ड कंबरलैंड | ||
* जिस विचार का सही समय आ जाता है, उसकी ताकत के आगे कोई सेना नहीं ठहर सकती। ~ विक्टर ह्यूगो | * जिस विचार का सही समय आ जाता है, उसकी ताकत के आगे कोई सेना नहीं ठहर सकती। ~ विक्टर ह्यूगो | ||
* सम्मान सच्चे परिश्रम में है। ~ जी. क्लीवलैंड | * सम्मान सच्चे परिश्रम में है। ~ जी. क्लीवलैंड | ||
* विकास के लिए यूं तो कई चीजें जरूरी होती हैं, लेकिन कठिनाई और विरोध वह देसी मिट्टी है जिसमें पराक्रम और आत्मविश्वास का विकास होता है। ~ जॉन नेल | * विकास के लिए यूं तो कई चीजें जरूरी होती हैं, लेकिन कठिनाई और विरोध वह देसी मिट्टी है जिसमें पराक्रम और आत्मविश्वास का विकास होता है। ~ जॉन नेल | ||
* विरोध बहुत रचनात्मक होता है। वह उत्साहियों को सदैव उत्तेजित करता है, उन्हें बदलता नहीं। ~ शिलर | * विरोध बहुत रचनात्मक होता है। वह उत्साहियों को सदैव उत्तेजित करता है, उन्हें बदलता नहीं। ~ शिलर | ||
* विजय सदा ही भव्य होती है, चाहे वह संयोग से प्राप्त हो या दक्षता से। ~ एरिओस्टो | * विजय सदा ही भव्य होती है, चाहे वह संयोग से प्राप्त हो या दक्षता से। ~ एरिओस्टो | ||
* जो बल से विजय प्राप्त करता है, वह शत्रु पर आधी विजय ही प्राप्त करता है। ~ मिल्ट | * जो बल से विजय प्राप्त करता है, वह शत्रु पर आधी विजय ही प्राप्त करता है। ~ मिल्ट | ||
* यदि तुम एक बार बोलने से पहले दो बार सोच लेते हो तो तुम अच्छा बोलोगे। ~ विलियम पेन | * यदि तुम एक बार बोलने से पहले दो बार सोच लेते हो तो तुम अच्छा बोलोगे। ~ विलियम पेन | ||
* जंग लग कर नष्ट होने की अपेक्षा जीर्ण होकर नष्ट होना अधिक अच्छा है। ~ रिचर्ड कंबरलैंड | * जंग लग कर नष्ट होने की अपेक्षा जीर्ण होकर नष्ट होना अधिक अच्छा है। ~ रिचर्ड कंबरलैंड | ||
* मनुष्य की जिह्वा छोटी होती है, परंतु वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। ~ इस्माइल इब्न अबीबकर | * मनुष्य की जिह्वा छोटी होती है, परंतु वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। ~ इस्माइल इब्न अबीबकर | ||
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* सत्य का सबसे बड़ा मित्र समय है। उसका सबसे बड़ा शत्रु पूर्वाग्रह है और उसका स्थायी साथी विनम्रता है। ~ चार्ल्स कैलब काल्टन | * सत्य का सबसे बड़ा मित्र समय है। उसका सबसे बड़ा शत्रु पूर्वाग्रह है और उसका स्थायी साथी विनम्रता है। ~ चार्ल्स कैलब काल्टन | ||
* सत्य बहुधा लोक में अप्रिय होता है। ~ एडलाइ स्टीवेंसन | * सत्य बहुधा लोक में अप्रिय होता है। ~ एडलाइ स्टीवेंसन | ||
* मानव से संबंधित सभी वस्तुएं यदि उन्नति नहीं करतीं तो उनका ह्रास होने लगता है। ~ गिबन | |||
* जो कुछ न्यायसंगत है, उसे कहने के लिए हर समय उपयुक्त समय है। ~ सोफोक्लीज | |||
* महान उपलब्धियों के लिए कर्म ही नहीं करना चाहिए, स्वप्न भी देखना चाहिए, योजना ही नहीं बनानी चाहिए, विश्वास भी करना चाहिए। ~ अनातोले फ्रांस | |||
* उसकी प्रार्थना सर्वोत्तम है, जिसका प्यार सर्वोत्तम है। ~ कॉलरिज | |||
* कोई भी मनुष्य केवल अपने लिए ही गुलाब और करेला उत्पन्न नहीं कर सकता। आनंद प्राप्ति के लिए तुम्हें उसे आपस में बांटना ही होगा। ~ चेस्टर चार्ल्स | |||
* सारे राजनीतिक दल अंत में अपने ही रचे झूठ के कारण समाप्त हो जाते हैं। ~ जॉन अरबुथनट | |||
* प्रतिभावान मनुष्य वह कार्य करते हैं जो किए बिना वह रह नहीं सकते। गुणी मनुष्य वह कार्य करते हैं जो वह कर सकते हैं। ~ ओवेन मेरिडेलओवेन मेरिडेल | |||
* पथिक को बहुत दूर नहीं चलना है। हां, उसके मार्ग में विघ्न-बाधाएं अवश्य बहुत हैं। ~ शब्सतरी | |||
* कला प्रकृति द्वारा देखा हुआ जीवन है। ~ एमिल जोला | |||
* युवक नियमों को जानता है, परंतु वृद्ध मनुष्य अपवादों को जानता है। ~ ओलिवर वेंडेल होल्म्स | |||
* मनुष्य के चरित्र का सबसे सही परिचय इससे मिलता है कि वह किन बातों पर हंसता है। ~ ओलिवर होम्स | |||
* सच्चे ईश्वरभक्त की भक्ति किसी भी लोक-परलोक की कामना के लिए नहीं होती, वह तो अहैतुकी हुआ करती है। ~ राबिया | |||
* कोई भी मनुष्य केवल अपने लिए ही गुलाब और करमकल्ला उत्पन्न नहीं करता। आनंद प्राप्ति के लिए तुम्हें उसे आपस में बांटना ही होगा। ~ चेस्टर चार्ल्स | |||
* अपने साथियों के साथ शत्रु जैसा व्यवहार करने का अर्थ होगा शत्रु के दृष्टिकोण को अपना लेना। ~ माओ-त्से-तुंग | |||
* सर्वोत्तम मन सर्वोत्तम संतोष से युक्त होता है। ~ एडमंड स्पेंसर | |||
* गुण का सच्चा मानदण्ड मन में स्थित है। जिनके सत विचार हैं, वे सत्पुरुष हैं। ~ आइजक बिकरस्टाफ | |||
* स्वाधीनता का पक्ष ईश्वर का पक्ष है। ~ विलियम लियोल बाउल्स | |||
* जिसने कभी कोई शत्रु नहीं बनाया, उसका कोई मित्र भी नहीं बनता है। ~ टेनिसन | |||
* महान की उपासना करना स्वयं महान होने के बराबर है। ~ मैडम नेकर | * महान की उपासना करना स्वयं महान होने के बराबर है। ~ मैडम नेकर | ||
* चरित्र बल पर ही मनुष्य दैनिक कार्य, प्रलोभन और परीक्षा के संसार में दृढ़तापूर्वक स्थिर रहते हैं और वास्तविक जीवन की क्रमिक क्षीणता को सहन करने योग्य होते हैं। ~ स्माइल्स | * चरित्र बल पर ही मनुष्य दैनिक कार्य, प्रलोभन और परीक्षा के संसार में दृढ़तापूर्वक स्थिर रहते हैं और वास्तविक जीवन की क्रमिक क्षीणता को सहन करने योग्य होते हैं। ~ स्माइल्स | ||
* चरित्र संपत्ति है। यह संपत्ति में सबसे उत्तम है। ~ स्माइल्स | |||
* चैंपियन वह है जो तब भी उठ खड़ा हो, जब वह उठ ही न सकता हो। ~ जैक डेंपसी | * चैंपियन वह है जो तब भी उठ खड़ा हो, जब वह उठ ही न सकता हो। ~ जैक डेंपसी | ||
* खेलों की रचना चैंपियन को गौरव देने के लिए की गई। ~ पिएर द कु बर्तिन | * खेलों की रचना चैंपियन को गौरव देने के लिए की गई। ~ पिएर द कु बर्तिन | ||
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* एक चैंपियन को जीत से ऊपर और उसके पार जाने वाली किसी और प्रेरणा की आवश्यकता होती है। ~ पैट रिले | * एक चैंपियन को जीत से ऊपर और उसके पार जाने वाली किसी और प्रेरणा की आवश्यकता होती है। ~ पैट रिले | ||
* हर भदेसपन को अपने बचाव के लिए एक चैंपियन की जरूरत पड़ती है, क्योंकि गलती हमेशा बातूनी होती है। ~ ओलिवर गोल्डस्मिथ | * हर भदेसपन को अपने बचाव के लिए एक चैंपियन की जरूरत पड़ती है, क्योंकि गलती हमेशा बातूनी होती है। ~ ओलिवर गोल्डस्मिथ | ||
* विनोद निर्धन के बस की बात नहीं, वह धनियों का ही सफल होता है। ~ गोल्डस्मिथ | |||
* यदि तुम्हारा स्वभाव है तो चिंता करके कष्टों का आह्वान कर लो परंतु उसे अपने पड़ोसी को उधार मत दो। ~ रुडयार्ड किप्लिंग | * यदि तुम्हारा स्वभाव है तो चिंता करके कष्टों का आह्वान कर लो परंतु उसे अपने पड़ोसी को उधार मत दो। ~ रुडयार्ड किप्लिंग | ||
* जो समय चिंता में गया, समझो कूड़ेदान में गया। जो समय चिंतन में गया, समझो तिजोरी में जमा हो गया। ~ चिंग चाओ | * जो समय चिंता में गया, समझो कूड़ेदान में गया। जो समय चिंतन में गया, समझो तिजोरी में जमा हो गया। ~ चिंग चाओ | ||
* चरित्र जीवन में शासन करने वाला तत्व है और इसका स्थान प्रतिभा से ऊंचा है। ~ फ्रेडरिक सांडर्स | * चरित्र जीवन में शासन करने वाला तत्व है और इसका स्थान प्रतिभा से ऊंचा है। ~ फ्रेडरिक सांडर्स | ||
* चरित्र एक ऐसा हीरा है जो हर पत्थर को घिस सकता है। ~ बर्टल | * चरित्र एक ऐसा हीरा है जो हर पत्थर को घिस सकता है। ~ बर्टल | ||
* मनुष्य की जिह्वा छोटी होती है, पर वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। ~ इस्माईल इबन् अबीबकर | * मनुष्य की जिह्वा छोटी होती है, पर वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। ~ इस्माईल इबन् अबीबकर | ||
* अहंकार ने देवदूतों को शैतान में बदल दिया जबकि नम्रता मनुष्यों को देवदूत बनाती है। ~ सेंट ऑगस्टीन | * अहंकार ने देवदूतों को शैतान में बदल दिया जबकि नम्रता मनुष्यों को देवदूत बनाती है। ~ सेंट ऑगस्टीन | ||
* 'कृपया' और 'धन्यवाद'- ये ऐसी रेजगारी हैं जिनके द्वारा हम सामाजिक प्राणी होने का मूल्य चुकाते हैं। ~ गार्डनर | * 'कृपया' और 'धन्यवाद'- ये ऐसी रेजगारी हैं जिनके द्वारा हम सामाजिक प्राणी होने का मूल्य चुकाते हैं। ~ गार्डनर | ||
* अच्छी नसीहत मानना अपनी योग्यता बढ़ाना है। ~ सोलन | * अच्छी नसीहत मानना अपनी योग्यता बढ़ाना है। ~ सोलन | ||
* एक बुराई दूसरी बुराई से उत्पन्न होती है। ~ टेरेंस | * एक बुराई दूसरी बुराई से उत्पन्न होती है। ~ टेरेंस | ||
* यदि तू अपने हृदय में फूल का विचार करेगा तो फूल हो जाएगा और यदि उसी के प्रेमी बुलबुल में ध्यान लगाएगा तो बुलबुल बन जाएगा। ~ जामी | * यदि तू अपने हृदय में फूल का विचार करेगा तो फूल हो जाएगा और यदि उसी के प्रेमी बुलबुल में ध्यान लगाएगा तो बुलबुल बन जाएगा। ~ जामी | ||
* प्रतिभा अपना मार्ग स्वयं निर्धारित कर लेती है और अपना दीपक स्वयं लिए चलती है। ~ विल्मट | * प्रतिभा अपना मार्ग स्वयं निर्धारित कर लेती है और अपना दीपक स्वयं लिए चलती है। ~ विल्मट | ||
* अच्छे लोग जिस बात को अपने ऊपर लेते हैं, उसका निर्वाह करते हैं। ~ बिल्हन | * अच्छे लोग जिस बात को अपने ऊपर लेते हैं, उसका निर्वाह करते हैं। ~ बिल्हन | ||
* नम्रता कठोरता से अधिक शक्तिशाली है, जल चट्टान से अधिक शक्तिशाली है और प्रेम बल से अधिक शक्तिशाली है। ~ हरमन हेस | * नम्रता कठोरता से अधिक शक्तिशाली है, जल चट्टान से अधिक शक्तिशाली है और प्रेम बल से अधिक शक्तिशाली है। ~ हरमन हेस | ||
* अहंकार ने देवदूतों को शैतान में बदल दिया जबकि नम्रता मनुष्यों को देवदूत बनाती है। ~ सेंट ऑगस्टीन | * अहंकार ने देवदूतों को शैतान में बदल दिया जबकि नम्रता मनुष्यों को देवदूत बनाती है। ~ सेंट ऑगस्टीन | ||
* गुण का सच्चा मानदण्ड मन में स्थित है। जिसके सत्य विचार हैं, वे सत्यपुरुष हैं। ~ आइजक बिकरस्टाफ | * गुण का सच्चा मानदण्ड मन में स्थित है। जिसके सत्य विचार हैं, वे सत्यपुरुष हैं। ~ आइजक बिकरस्टाफ | ||
* अपने सुख के दिनों का स्मरण करने से बड़ा दुख कोई नहीं है। ~ दांते | * अपने सुख के दिनों का स्मरण करने से बड़ा दुख कोई नहीं है। ~ दांते | ||
* रिटायर होने के बाद बुढ़ापे में मेरे लिए सबसे ज़्यादा सुखकर और मुझे सर्वाधिक संतोष देने वाली चीज वे यादें हैं जो मैंने अपनी कामकाजी उम्र में दूसरे लोगों को दोस्त बनाकर अर्जित की हैं। ~ मारकस काटो | * रिटायर होने के बाद बुढ़ापे में मेरे लिए सबसे ज़्यादा सुखकर और मुझे सर्वाधिक संतोष देने वाली चीज वे यादें हैं जो मैंने अपनी कामकाजी उम्र में दूसरे लोगों को दोस्त बनाकर अर्जित की हैं। ~ मारकस काटो | ||
* रिटायरमेंट के वक्त मैं ठीक उसी तरह जाना चाहूंगा जैसे किसी पार्टी से कोई सभ्य मेहमान उठ कर जाता है। ~ लियोंटाइन प्राइस | * रिटायरमेंट के वक्त मैं ठीक उसी तरह जाना चाहूंगा जैसे किसी पार्टी से कोई सभ्य मेहमान उठ कर जाता है। ~ लियोंटाइन प्राइस | ||
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* अगर आप काम करते रहते हैं तो आपके इस दुनिया में होने का अर्थ बना रहता है। रिटायर होने के बाद अपनी बाकी जिंदगी टुच्चे खेलों में बिता देने का विचार बहुत बेहूदा है। ~ हैराल्ड जेनीन | * अगर आप काम करते रहते हैं तो आपके इस दुनिया में होने का अर्थ बना रहता है। रिटायर होने के बाद अपनी बाकी जिंदगी टुच्चे खेलों में बिता देने का विचार बहुत बेहूदा है। ~ हैराल्ड जेनीन | ||
* डॉक्टर असंख्य गलतियां करते हैं। इलाज के मामले में वे आदतन आशावादी होते हैं, लेकिन इलाज के नतीजों के मामले में उतने ही निराशावादी नजर आते हैं। ~ सैम्युअल बटलर | * डॉक्टर असंख्य गलतियां करते हैं। इलाज के मामले में वे आदतन आशावादी होते हैं, लेकिन इलाज के नतीजों के मामले में उतने ही निराशावादी नजर आते हैं। ~ सैम्युअल बटलर | ||
* राजा अपने राज्य का प्रथम सेवक होता है। ~ फ्रेडरिक महान | * राजा अपने राज्य का प्रथम सेवक होता है। ~ फ्रेडरिक महान | ||
* अनुभव बीस वर्ष में जो सिखाता है, विद्वता एक वर्ष में उससे अधिक सिखा देती है। ~ रोगर ऐस्कम | * अनुभव बीस वर्ष में जो सिखाता है, विद्वता एक वर्ष में उससे अधिक सिखा देती है। ~ रोगर ऐस्कम | ||
* जो मनुष्य विनम्र है, उसे सदैव ईश्वर अपने मार्गदर्शक के रूप में प्राप्त रहेगा। ~ जॉन बनयन | * जो मनुष्य विनम्र है, उसे सदैव ईश्वर अपने मार्गदर्शक के रूप में प्राप्त रहेगा। ~ जॉन बनयन | ||
* विश्वास उन शक्तियो मे से एक है जो मनुष्य को जीवित रखती है, विश्वास का पूर्ण अभाव ही जीवन का अवसान है। ~ विलियम जेम्स | * विश्वास उन शक्तियो मे से एक है जो मनुष्य को जीवित रखती है, विश्वास का पूर्ण अभाव ही जीवन का अवसान है। ~ विलियम जेम्स | ||
* दुख स्वयं ही एक औषधि है। ~ विलियम कोपर | * दुख स्वयं ही एक औषधि है। ~ विलियम कोपर | ||
* जैसे फल के पहले फूल होता है, वैसे ही सत्कार्य के पहले जरूरी होता है विश्वास। ~ ह्वैटली | * जैसे फल के पहले फूल होता है, वैसे ही सत्कार्य के पहले जरूरी होता है विश्वास। ~ ह्वैटली | ||
* अविश्वासी के उत्तम विचार से विश्वासी की भूल कहीं अधिक अच्छी है। ~ टामस रसल | * अविश्वासी के उत्तम विचार से विश्वासी की भूल कहीं अधिक अच्छी है। ~ टामस रसल | ||
* विश्वास हृदय की वह पेसिल है जो स्वर्गीय वस्तुओ को चित्रित करती है। ~ टी बरब्रिज | * विश्वास हृदय की वह पेसिल है जो स्वर्गीय वस्तुओ को चित्रित करती है। ~ टी बरब्रिज | ||
* लोगों को यह याद रखना चाहिए कि शांति ईश्वर प्रदत्त नहीं होती। यह वह भेंट है, जिसे मनुष्य एक-दूसरे को देते हैं। ~ एली वाइजेला | * लोगों को यह याद रखना चाहिए कि शांति ईश्वर प्रदत्त नहीं होती। यह वह भेंट है, जिसे मनुष्य एक-दूसरे को देते हैं। ~ एली वाइजेला | ||
* शंका का अंत शांति का प्रारंभ है। ~ पेट्रार्क | * शंका का अंत शांति का प्रारंभ है। ~ पेट्रार्क | ||
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* जो समय चिंता में गया, समझो कूड़ेदान में गया। जो समय चिंतन में गया, समझो तिजोरी में जमा हो गया। ~ चिंग चाओ | * जो समय चिंता में गया, समझो कूड़ेदान में गया। जो समय चिंतन में गया, समझो तिजोरी में जमा हो गया। ~ चिंग चाओ | ||
* विश्व एक विशाल ग्रंथ है और जो कभी घर के बाहर नहीं जाते, वे उसका केवल एक पृष्ठ ही पढ़ पाते हैं। ~ ऑगस्टीन | * विश्व एक विशाल ग्रंथ है और जो कभी घर के बाहर नहीं जाते, वे उसका केवल एक पृष्ठ ही पढ़ पाते हैं। ~ ऑगस्टीन | ||
* संकट का समय ही मनुष्य की आत्मा को परखता है। ~ टॉमस पेन | * संकट का समय ही मनुष्य की आत्मा को परखता है। ~ टॉमस पेन | ||
* मनुष्य में शक्ति की कमी नहीं होती, संकल्प की कमी होती है। ~ मेरी विक्टर ह्युगो | * मनुष्य में शक्ति की कमी नहीं होती, संकल्प की कमी होती है। ~ मेरी विक्टर ह्युगो | ||
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* शिक्षित मूर्ख, अशिक्षित की अपेक्षा अधिक बेवकूफ होता है। ~ मौलियर | * शिक्षित मूर्ख, अशिक्षित की अपेक्षा अधिक बेवकूफ होता है। ~ मौलियर | ||
* जो अपने को बुद्धिमान समझता है वह सबसे बड़ा बेवकूफ है। ~ वाल्टेयर | * जो अपने को बुद्धिमान समझता है वह सबसे बड़ा बेवकूफ है। ~ वाल्टेयर | ||
* प्राचीनता और भी अधिक प्राचीनता की प्रशंसा से परिपूर्ण मिलती है। ~ वाल्टेयर | |||
* जो जिसके हृदय में स्थित है, वह दूर होते हुए भी उसके समीप है, हृदय से निकला हुआ व्यक्ति समीप होने पर भी दूर ही है। ~ शौनकीयनीतिसार | * जो जिसके हृदय में स्थित है, वह दूर होते हुए भी उसके समीप है, हृदय से निकला हुआ व्यक्ति समीप होने पर भी दूर ही है। ~ शौनकीयनीतिसार | ||
* जंग लग कर नष्ट होने की अपेक्षा जीर्ण होकर नष्ट होना अधिक अच्छा है। ~ बिशप रिचर्ड कंबरलैंड | * जंग लग कर नष्ट होने की अपेक्षा जीर्ण होकर नष्ट होना अधिक अच्छा है। ~ बिशप रिचर्ड कंबरलैंड | ||
* शब्दों का अर्थ हमेशा स्पष्ट होता है जब तक कि हम जानबूझ कर उनको झूठा अर्थ न प्रदान करें। ~ तोलस्तोय | * शब्दों का अर्थ हमेशा स्पष्ट होता है जब तक कि हम जानबूझ कर उनको झूठा अर्थ न प्रदान करें। ~ तोलस्तोय | ||
* मैं विश्वास का आदर करता हूं परंतु शंका ही है जो तुम्हें शिक्षा प्राप्त कराती है। ~ विलसन मिजनर | * मैं विश्वास का आदर करता हूं परंतु शंका ही है जो तुम्हें शिक्षा प्राप्त कराती है। ~ विलसन मिजनर | ||
* मूर्खों की सफलताओं की अपेक्षा बुद्धिमानों की गलतियां अधिक मार्गदर्शक होती हैं। ~ विलियम ब्लेक | * मूर्खों की सफलताओं की अपेक्षा बुद्धिमानों की गलतियां अधिक मार्गदर्शक होती हैं। ~ विलियम ब्लेक | ||
* जो दिन हमें प्रसन्नता प्रदान करते हैं, वे हमें बुद्धिमान बनाते हैं। ~ जॉन मेसफील्ड | * जो दिन हमें प्रसन्नता प्रदान करते हैं, वे हमें बुद्धिमान बनाते हैं। ~ जॉन मेसफील्ड | ||
* नकद दौलत अल्लादीन का चिराग है। ~ बायरन | |||
* अनुभव 20 वर्ष में जो सिखाता है, विद्वता एक वर्ष में उससे अधिक सिखा देती है। ~ रोगर ऐस्कम | * अनुभव 20 वर्ष में जो सिखाता है, विद्वता एक वर्ष में उससे अधिक सिखा देती है। ~ रोगर ऐस्कम | ||
* जो मनुष्य विनम्र है, उसे सदैव ईश्वर अपने मार्गदर्शक के रूप में प्राप्त रहेगा। ~ जॉन बनयन | * जो मनुष्य विनम्र है, उसे सदैव ईश्वर अपने मार्गदर्शक के रूप में प्राप्त रहेगा। ~ जॉन बनयन | ||
* सीखे गए को भूल जाने पर जो कुछ बच रहता है, वही शिक्षा है। ~ स्किनर | * सीखे गए को भूल जाने पर जो कुछ बच रहता है, वही शिक्षा है। ~ स्किनर | ||
* हमारा जीवन हमारे विचारों का ही प्रतिफल है। ~ मारकस आरेलियस | * हमारा जीवन हमारे विचारों का ही प्रतिफल है। ~ मारकस आरेलियस | ||
* दूसरों की भूलों से बुद्धिमान लोग अपनी भूलें सुधारते हैं। ~ साइरस | * दूसरों की भूलों से बुद्धिमान लोग अपनी भूलें सुधारते हैं। ~ साइरस | ||
* यदि मनुष्य सीखना चाहे तो उसकी प्रत्येक भूल कुछ न कुछ शिक्षा दे सकती है। ~ डिकेंस | * यदि मनुष्य सीखना चाहे तो उसकी प्रत्येक भूल कुछ न कुछ शिक्षा दे सकती है। ~ डिकेंस | ||
* हर प्रशंसा की तुलना में बुरा समाचार दूर तक जाता है। ~ बाल्टासार ग्राशियन | * हर प्रशंसा की तुलना में बुरा समाचार दूर तक जाता है। ~ बाल्टासार ग्राशियन | ||
* उस मनुष्य पर विश्वास करो, जो बोलने में संकोच करता है, पर कार्य में परिश्रमी और तत्पर है, लेकिन लंबे तर्कों वालों से सावधान रहो। ~ जार्ज सांतायना | * उस मनुष्य पर विश्वास करो, जो बोलने में संकोच करता है, पर कार्य में परिश्रमी और तत्पर है, लेकिन लंबे तर्कों वालों से सावधान रहो। ~ जार्ज सांतायना | ||
* बुद्बिमान बनने के लिए पहले मूल सुविधाएं जरूरी हैं। ख़ाली पेट कोई भी आदमी बुद्बिमान नहीं हो सकता। ~ जॉर्ज इलियट | * बुद्बिमान बनने के लिए पहले मूल सुविधाएं जरूरी हैं। ख़ाली पेट कोई भी आदमी बुद्बिमान नहीं हो सकता। ~ जॉर्ज इलियट | ||
* स्वाधीनता का अर्थ उत्तरदायित्व है। यही तो कारण है कि अधिकांश मनुष्य उससे डरते हैं। ~ जॉर्ज बर्नार्ड शा | * स्वाधीनता का अर्थ उत्तरदायित्व है। यही तो कारण है कि अधिकांश मनुष्य उससे डरते हैं। ~ जॉर्ज बर्नार्ड शा | ||
* सत्य की बात तो सभी कहते हैं, पर उसका पालन कुछ ही लोग करते हैं। ~ जार्ज बर्कली | * सत्य की बात तो सभी कहते हैं, पर उसका पालन कुछ ही लोग करते हैं। ~ जार्ज बर्कली | ||
09:57, 25 अगस्त 2012 का अवतरण
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अनमोल वचन |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ