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'''शुक्लतीर्थ''' भंडौच से 10 मील पूर्व [[नर्मदा]] के उत्तरी तट पर एक प्राचीन तीर्थ हैं।
'''शुक्लतीर्थ''' भड़ौच ([[गुजरात]]) से 10 मील की दूरी पर पूर्व [[नर्मदा]] के उत्तरी तट पर एक प्राचीन [[तीर्थ]] स्थान है।
*यहाँ के अधिष्ठातृ देव शुक्लनारायण हैं।
*किंवदंती है कि [[चंद्रगुप्त मौर्य |चंद्रगुप्त मौर्य]] और चाणक्य शुक्लतीर्थ की यात्रा पर आये थे।
*यहाँ कवि ओंकारेश्वर और शुक्ल नामक पवित्र कुंड हैं।
*एक मील दूर मंगलेश्वर के सामने नर्मदा नदी के टापू में कबीर-वृक्ष नामक वट वृक्ष है जिसका संबंध संत [[कबीर]] से बताया जाता है।


*इस तीर्थ स्थान के अधिष्ठातृ देव शुक्लनारायण हैं।
*ऐसी किंवदंती है कि [[चंद्रगुप्त मौर्य]] और [[चाणक्य]] शुक्लतीर्थ की यात्रा पर आये थे।
*यहाँ कवि ओंकारेश्वर और शुक्ल नामक पवित्र कुंड हैं।
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07:37, 25 अगस्त 2014 का अवतरण

शुक्लतीर्थ भड़ौच (गुजरात) से 10 मील की दूरी पर पूर्व नर्मदा के उत्तरी तट पर एक प्राचीन तीर्थ स्थान है।

  • इस तीर्थ स्थान के अधिष्ठातृ देव शुक्लनारायण हैं।
  • ऐसी किंवदंती है कि चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य शुक्लतीर्थ की यात्रा पर आये थे।
  • यहाँ कवि ओंकारेश्वर और शुक्ल नामक पवित्र कुंड हैं।
  • एक मील दूर मंगलेश्वर के सामने नर्मदा नदी के टापू में 'कबीर वृक्ष' नामक वट वृक्ष है, जिसका संबंध संत कबीर से बताया जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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