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1720 ई॰ में दिल्ली के मुगल सम्राट मोहम्मदशाह रंगीले और सैयद अब्दुल्ला की सेनाओं में इस स्थान के निकट हुआ था। इस युद्ध में [[भरतपुर]] का संस्थापक चूड़ामन जाट भी अब्दुल्ला की ओर से लड़ा था। अब्दुल्ला की सेना पूरी तरह से नष्ट हो गई थी। अब्दुल्ला तथा उसके भाई हुसैन का परवर्ती मुगलकालीन इतिहास के लेखकों ने नृपकर्ता कहा है क्योंकि इन्होंने दिल्ली के तख़्त पर एक के बाद एक कई बादशाहों को मनमाने तरीके से बिठाकर राज्यशक्ति स्वयं अपने हाथ में रखी थी। भरतपुर के राजा [[सूरजमल]] ने होडलनिवासी चौधरी काशी की पुत्री से विवाह किया था जो आगे चलकर रानी किशोरी या हसिया रानी कहलाई। रानी किशोरी का भरतपुर-राज्य के इतिहास में प्रमुख स्थान है। उसने भरतपुर को कई बार आकस्मिक राजनीतिक दुर्घटनाओं से बचाया था।  
1720 ई॰ में दिल्ली के मुग़ल सम्राट मोहम्मदशाह रंगीले और सैयद अब्दुल्ला की सेनाओं में इस स्थान के निकट हुआ था। इस युद्ध में [[भरतपुर]] का संस्थापक चूड़ामन जाट भी अब्दुल्ला की ओर से लड़ा था। अब्दुल्ला की सेना पूरी तरह से नष्ट हो गई थी। अब्दुल्ला तथा उसके भाई हुसैन का परवर्ती मुग़लकालीन इतिहास के लेखकों ने नृपकर्ता कहा है क्योंकि इन्होंने दिल्ली के तख़्त पर एक के बाद एक कई बादशाहों को मनमाने तरीके से बिठाकर राज्यशक्ति स्वयं अपने हाथ में रखी थी। भरतपुर के राजा [[सूरजमल]] ने होडलनिवासी चौधरी काशी की पुत्री से विवाह किया था जो आगे चलकर रानी किशोरी या हसिया रानी कहलाई। रानी किशोरी का भरतपुर-राज्य के इतिहास में प्रमुख स्थान है। उसने भरतपुर को कई बार आकस्मिक राजनीतिक दुर्घटनाओं से बचाया था।  


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12:48, 14 मई 2013 के समय का अवतरण

होडल दिल्ली-मथुरा रेल मार्ग पर दिल्ली से 53 मील दूर है।

इतिहास

1720 ई॰ में दिल्ली के मुग़ल सम्राट मोहम्मदशाह रंगीले और सैयद अब्दुल्ला की सेनाओं में इस स्थान के निकट हुआ था। इस युद्ध में भरतपुर का संस्थापक चूड़ामन जाट भी अब्दुल्ला की ओर से लड़ा था। अब्दुल्ला की सेना पूरी तरह से नष्ट हो गई थी। अब्दुल्ला तथा उसके भाई हुसैन का परवर्ती मुग़लकालीन इतिहास के लेखकों ने नृपकर्ता कहा है क्योंकि इन्होंने दिल्ली के तख़्त पर एक के बाद एक कई बादशाहों को मनमाने तरीके से बिठाकर राज्यशक्ति स्वयं अपने हाथ में रखी थी। भरतपुर के राजा सूरजमल ने होडलनिवासी चौधरी काशी की पुत्री से विवाह किया था जो आगे चलकर रानी किशोरी या हसिया रानी कहलाई। रानी किशोरी का भरतपुर-राज्य के इतिहास में प्रमुख स्थान है। उसने भरतपुर को कई बार आकस्मिक राजनीतिक दुर्घटनाओं से बचाया था।


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