"सीतापुर पर्यटन": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
सीतापुर पर्यटन की दृष्टि से [[उत्तर प्रदेश]] में ख़ास स्थान रखता है। [[कुषाण काल]] में प्राय: संपूर्ण ज़िला [[भारशिव वंश|भारशिव]] काल की इमारतों, [[गुप्त]] तथा गुप्त प्रभावित मूर्तियों तथा इमारतों से भरा हुआ था। मनवाँ, [[हरगाँव]], बड़ा गाँव, नसीराबाद आदि यहाँ के पुरातात्विक महत्व के स्थान हैं। 'नैमिष' और 'मिसरिख' पवित्र [[तीर्थ स्थल]] हैं। सीतापुर के निकट स्थित खैराबाद मूलत: प्राचीन [[हिन्दू]] तीर्थ मानसछत्र था। | {{लेख सूची|लेख का नाम=सीतापुर |पर्यटन=सीतापुर पर्यटन|ज़िला=सीतापुर ज़िला}} | ||
[[सीतापुर]] पर्यटन की दृष्टि से [[उत्तर प्रदेश]] में ख़ास स्थान रखता है। [[कुषाण काल]] में प्राय: संपूर्ण ज़िला [[भारशिव वंश|भारशिव]] काल की इमारतों, [[गुप्त]] तथा गुप्त प्रभावित मूर्तियों तथा इमारतों से भरा हुआ था। मनवाँ, [[हरगाँव]], बड़ा गाँव, नसीराबाद आदि यहाँ के पुरातात्विक महत्व के स्थान हैं। 'नैमिष' और 'मिसरिख' पवित्र [[तीर्थ स्थल]] हैं। सीतापुर के निकट स्थित खैराबाद मूलत: प्राचीन [[हिन्दू]] तीर्थ मानसछत्र था। | |||
==इतिहास== | |||
मुस्लिम काल में खैराबाद, [[बाड़ी]], बिसवाँ इत्यादि इस ज़िले के प्रमुख नगर थे। ब्रिटिश काल (1856) में खैराबाद को छोड़कर ज़िले का केंद्र [[सीतापुर]] नगर में बनाया गया। सीतापुर का तरीनपुर नामक मोहल्ला एक प्राचीन स्थान है। बाड़ी [[नरोत्तमदास]] की जन्म स्थली के रूप में प्रसिद्ध है। सीतापुर का प्रथम उल्लेख [[राजा टोडरमल]] के बंदोबस्त में छितियापुर के नाम से आता है। बहुत दिन तक इसे छीतापुर कहा जाता रहा, जो गाँवों में अब भी प्रचलित हैं। बाड़ी के निकट सर हीपग्रांट तथा [[फैजाबाद]] के मौलवी के बीच निर्णंयात्मक युद्ध हुआ था। | मुस्लिम काल में खैराबाद, [[बाड़ी]], बिसवाँ इत्यादि इस ज़िले के प्रमुख नगर थे। ब्रिटिश काल (1856) में खैराबाद को छोड़कर ज़िले का केंद्र [[सीतापुर]] नगर में बनाया गया। सीतापुर का तरीनपुर नामक मोहल्ला एक प्राचीन स्थान है। बाड़ी [[नरोत्तमदास]] की जन्म स्थली के रूप में प्रसिद्ध है। सीतापुर का प्रथम उल्लेख [[राजा टोडरमल]] के बंदोबस्त में छितियापुर के नाम से आता है। बहुत दिन तक इसे छीतापुर कहा जाता रहा, जो गाँवों में अब भी प्रचलित हैं। बाड़ी के निकट सर हीपग्रांट तथा [[फैजाबाद]] के मौलवी के बीच निर्णंयात्मक युद्ध हुआ था। | ||
==दर्शनीय स्थल== | |||
*[[नैमिषारण्य]] | *[[नैमिषारण्य]] | ||
*[[हरगांव]] | *[[हरगांव]] |
07:43, 1 नवम्बर 2012 का अवतरण
सीतापुर | सीतापुर पर्यटन | सीतापुर ज़िला |
सीतापुर पर्यटन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में ख़ास स्थान रखता है। कुषाण काल में प्राय: संपूर्ण ज़िला भारशिव काल की इमारतों, गुप्त तथा गुप्त प्रभावित मूर्तियों तथा इमारतों से भरा हुआ था। मनवाँ, हरगाँव, बड़ा गाँव, नसीराबाद आदि यहाँ के पुरातात्विक महत्व के स्थान हैं। 'नैमिष' और 'मिसरिख' पवित्र तीर्थ स्थल हैं। सीतापुर के निकट स्थित खैराबाद मूलत: प्राचीन हिन्दू तीर्थ मानसछत्र था।
इतिहास
मुस्लिम काल में खैराबाद, बाड़ी, बिसवाँ इत्यादि इस ज़िले के प्रमुख नगर थे। ब्रिटिश काल (1856) में खैराबाद को छोड़कर ज़िले का केंद्र सीतापुर नगर में बनाया गया। सीतापुर का तरीनपुर नामक मोहल्ला एक प्राचीन स्थान है। बाड़ी नरोत्तमदास की जन्म स्थली के रूप में प्रसिद्ध है। सीतापुर का प्रथम उल्लेख राजा टोडरमल के बंदोबस्त में छितियापुर के नाम से आता है। बहुत दिन तक इसे छीतापुर कहा जाता रहा, जो गाँवों में अब भी प्रचलित हैं। बाड़ी के निकट सर हीपग्रांट तथा फैजाबाद के मौलवी के बीच निर्णंयात्मक युद्ध हुआ था।
दर्शनीय स्थल
|
|
|
|
|