"नटराज": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
पंक्ति 23: पंक्ति 23:
{{भारतीय संस्कृति के प्रतीक}}
{{भारतीय संस्कृति के प्रतीक}}
{{शिव}}{{शिव2}}
{{शिव}}{{शिव2}}
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]]  
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]  
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:शिव]] [[Category:भारतीय संस्कृति के प्रतीक]]
[[Category:शिव]] [[Category:भारतीय संस्कृति के प्रतीक]]

12:15, 21 मार्च 2014 का अवतरण

नटराज
Natraj

'नटराज' शिव के 'तांडव नृत्य' का प्रतीक है।

  • चिदंबरम के गोपुर में तांडव के 108 रूप अंकित किए गये हैं। इस मूर्ति के एक एक अवयव, एक एक रेखा को वाचा प्राप्त है।
नटराज
  • डमरू से हमारी वर्णमाला प्रकट होती है।
  • चारों वाणी (परा, पश्यंती, मध्यमा, वैखरी) तथा 84 लाख योनियों के सर्जक शिव हैं।
  • शिव के दूसरे हाथ में स्थित अग्नि मलिनता दूर करती है।
  • तीसरा हाथ 'अभय मुद्रा' दर्शाती है। ऊपर उठा हाथ कहता है - ' मुक्ति की कामना हो तो माया मोह से दूर होकर ऊंचा उठो।
  • 'प्रभामंडल' प्रकृति का प्रतीक है।
  • नटराज का यह नृत्य विश्व की पांच महान क्रियाओं का निर्देशक है - सृष्टि, स्थिति, प्रलय, तिरोभाव (अदृश्य, अंतर्हित) और अनुग्रह।
  • नटराज की मूर्ति में धर्म, शास्त्र और कला का अनूठा संगम है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

सम्बंधित लेख