"कार्ले चैत्यगृह": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[चित्र:Ajanta-Caves-Aurangabad-Maharashtra-2.jpg|thumb|250px|कार्ले चैत्यगृह, [[अजंता की गुफ़ाएं]], [[औरंगाबाद महाराष्ट्र|औरंगाबाद]]]] | [[चित्र:Ajanta-Caves-Aurangabad-Maharashtra-2.jpg|thumb|250px|कार्ले चैत्यगृह, [[अजंता की गुफ़ाएं]], [[औरंगाबाद महाराष्ट्र|औरंगाबाद]]]] | ||
'''कार्ले चैत्यगृह''' अथवा कार्ले गुफ़ाएँ अथवा कार्ला गुफ़ाएँ | '''कार्ले चैत्यगृह''' अथवा 'कार्ले गुफ़ाएँ' अथवा 'कार्ला गुफ़ाएँ' ([[अंग्रेज़ी]]:''Karla Caves'') 2 शताब्दी ईसा पूर्व से 2 शताब्दी ईस्वी और 5 वीं शताब्दी से 10 वीं सदी के बीच दो बार में विकसित प्राचीन ग़ुफ़ाएँ हैं जो महाराष्ट्र राज्य के [[पुणे]] और [[मुम्बई]] के मध्य एक नगर 'कार्ला' में स्थित हैं। | ||
*चैत्यगृह की लम्बाई 38.25 मीटर, चौड़ाई 15.10 मीटर तथा ऊँचाई 14.50 मीटर है। | |||
*यह [[चैत्यगृह]] दोनों तरफ़ सीधी रेखा में बने स्तम्भों के लिए प्रसिद्ध है। | *यह [[चैत्यगृह]] दोनों तरफ़ सीधी रेखा में बने स्तम्भों के लिए प्रसिद्ध है। | ||
*इस विशाल चैत्यगृह में तीन विहार भी हैं। | *इस विशाल चैत्यगृह में तीन विहार भी हैं। |
14:25, 11 दिसम्बर 2012 का अवतरण
कार्ले चैत्यगृह अथवा 'कार्ले गुफ़ाएँ' अथवा 'कार्ला गुफ़ाएँ' (अंग्रेज़ी:Karla Caves) 2 शताब्दी ईसा पूर्व से 2 शताब्दी ईस्वी और 5 वीं शताब्दी से 10 वीं सदी के बीच दो बार में विकसित प्राचीन ग़ुफ़ाएँ हैं जो महाराष्ट्र राज्य के पुणे और मुम्बई के मध्य एक नगर 'कार्ला' में स्थित हैं।
- चैत्यगृह की लम्बाई 38.25 मीटर, चौड़ाई 15.10 मीटर तथा ऊँचाई 14.50 मीटर है।
- यह चैत्यगृह दोनों तरफ़ सीधी रेखा में बने स्तम्भों के लिए प्रसिद्ध है।
- इस विशाल चैत्यगृह में तीन विहार भी हैं।
- इसमें आगे का भाग दो मंजिला है, और नीचे के हिस्से में तीन दरवाज़े हैं।
- ऊपर एक बरामदा है, जिसमें एक विशाल चैत्य गवाक्ष है।
- चैत्यगृह के अन्दर एवं बाहर कई अभिलेख अंकित है।
- इसी आधार पर इसके निर्माण का समय प्रथम शताब्दी ई. का प्रारम्भिक चरण माना जाता है।
|
|
|
|
|