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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {किस [[मुग़ल]] बादशाह की मृत्यु के बाद [[झारखण्ड]] स्वतंत्र हो गया था?
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| +[[औरंगज़ेब]]
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| -[[फ़र्रुख़सियर]]
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| -[[बहादुरशाह जफ़र|बहादुरशाह जफ़र प्रथम]]
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| -[[जहाँगीर]]
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| ||[[चित्र:Aurangzebs-Tomb.jpg|right|100px|औरंगज़ेब का मक़बरा]][[औरंगज़ेब]] ने [[राजपूत|राजपूतों]] के प्रति [[धर्म]] के क्षेत्र में अनुदारता की नीति अपनायी। [[क़ुरान]] का कट्टर समर्थक होने के नाते वह अन्य धर्मों मुख्यतः [[हिन्दू धर्म]] के प्रति बहुत असहिष्णु था। उसने [[12 अप्रैल]], 1679 ई. को हिन्दुओं पर दोबारा '[[जज़िया कर]]' लगाया। सर्वप्रथम जज़िया कर [[मारवाड़]] पर लागू किया गया। धार्मिक क्रिया-कलापों, त्यौहारों एवं उत्सवों को प्रतिबन्धित करते हुए औरंगज़ेब ने हिन्दुओं से 'तीर्थयात्रा कर' पुनः वसूलना शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में [[हिन्दू]] मंदिरों को तोड़ने का आदेश देकर नवीन एवं पुराने मंदिरों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया गया। औरंगज़ेब की इन नीतियों का राजपूतों के ऊपर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ना स्वाभाविक था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[औरंगज़ेब]]
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| {[[झारखण्ड]] राज्य में 'छोटा नागपुर केसरी' कौन कहलाते हैं?
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| -शेख़ भिखारी
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| -भोलानाथ सिंह
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| +राम नारायण सिंह
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| -इनमें से कोई नहीं
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| {[[झारखण्ड]] का प्रथम जनजातीय विद्रोह कौन-सा था?
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| -[[सन्थाल विद्रोह]]
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| -[[मुण्डा विद्रोह]]
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| +पहाड़िया विद्रोह
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| -इनमें से कोई नहीं
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| {निम्नलिखित में से कौन-सा मन्दिर [[रजरप्पा]] में स्थित है? | | {निम्नलिखित में से कौन-सा मन्दिर [[रजरप्पा]] में स्थित है? |
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| +[[22 अक्टूबर]], [[1857]] ई. | | +[[22 अक्टूबर]], [[1857]] ई. |
| -[[12 अक्टूबर]], [[1857]] ई. | | -[[12 अक्टूबर]], [[1857]] ई. |
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| {[[झारखण्ड]] में सर्वप्रथम [[कांग्रेस]] कमेटी का गठन किस वर्ष हुआ था?
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| |type="()"}
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| +[[1920]] ई.
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| -[[1922]] ई.
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| -[[1924]] ई.
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| -[[1926]] ई.
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| {निम्नलिखित में से किस स्थान को 'झारखण्ड का प्रवेश द्वार' कहा जाता है?
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| -[[देवघर]]
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| +[[चतरा]]
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| -[[गिरिडीह]]
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| -[[दुमका]]
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| ||'चतरा' [[झारखण्ड]] का बहुत ही ख़ूबसूरत स्थान है। इसे 'झारखंड का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यहाँ पर जंगलों, प्राचीन मन्दिरों, नदियों, झरनों और वन्य जीव अभयारण्यों की सैर की जा सकती है। यहाँ के जंगलों में वन्य जीवों को आसानी से देखा जा सकता है। वन्य जीवों के अलावा इन जंगलों में विविध प्रकार के औषधीय वृक्ष और जड़ी-बुटियाँ भी पाई जाती हैं। [[चतरा]] के 'द्वारी झरने' में भी औषधीय गुण पाए जाते हैं। कहा जाता है कि इस झरने में [[स्नान]] करने से कई प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चतरा]]
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| {[[असहयोग आन्दोलन]] के दौरान किस स्थान पर राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना की गई थी? | | {[[असहयोग आन्दोलन]] के दौरान किस स्थान पर राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना की गई थी? |