"तबला": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
==प्रसिद्ध तबला वादक==
==प्रसिद्ध तबला वादक==
* [[अल्ला रक्खा ख़ाँ|उस्ताद अल्ला रक्खा ख़ाँ]]
* [[अल्ला रक्खा ख़ाँ|उस्ताद अल्ला रक्खा ख़ाँ]]
* [[अहमद जान थिरकवा]]
* [[उस्ताद ज़ाकिर हुसैन]]
* [[उस्ताद ज़ाकिर हुसैन]]
* [[किशन महाराज]]
* [[किशन महाराज]]
पंक्ति 19: पंक्ति 20:
<gallery>
<gallery>
चित्र:Alla-Rakha.jpg|[[अल्ला रक्खा ख़ाँ|उस्ताद अल्ला रक्खा ख़ाँ]]
चित्र:Alla-Rakha.jpg|[[अल्ला रक्खा ख़ाँ|उस्ताद अल्ला रक्खा ख़ाँ]]
चित्र:Ahmadjan-thirakhwa.jpg|[[अहमद जान थिरकवा]]
चित्र:Zakir-Hussain.jpg|[[उस्ताद ज़ाकिर हुसैन]]
चित्र:Zakir-Hussain.jpg|[[उस्ताद ज़ाकिर हुसैन]]
चित्र:Pt-Kishan-Maharaj.jpg|[[किशन महाराज|पंडित किशन महाराज]]  
चित्र:Pt-Kishan-Maharaj.jpg|[[किशन महाराज|पंडित किशन महाराज]]  

12:44, 22 अगस्त 2013 का अवतरण

तबला

तबला एक वाद्य यंत्र है। आधुनिक काल में गायन, वादन तथा नृत्य की संगति में तबले का प्रयोग होता है। तबले के पूर्व यही स्थान पखावज अथवा मृदंग को प्राप्त था। कुछ दिनों से तबले का स्वतन्त्र-वादन भी अधिक लोक-प्रिय होता जा रहा है। स्थूल रूप से तबले को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है, दाहिना तबला जिसे कुछ लोग दाहिना भी कहते हैं, और बायां अथवा डग्गा ।

  • कहा जाता है कि तबला हज़ारों साल पुराना वाद्ययंत्र है किन्तु नवीनतम ऐतिहासिक वर्णन में बताया जाता है कि 13वीं शताब्दी में भारतीय कवि तथा संगीतज्ञ अमीर ख़ुसरो ने पखावज के दो टुकड़े करके तबले का आविष्कार किया।[1]
  • तबले दो भागों को क्रमशः तबला तथा डग्गा या डुग्गी कहा जाता है। तबला शीशम की लकड़ी से बनाया जाता है। तबले को बजाने के लिये हथेलियों तथा हाथ की उंगलियों का प्रयोग किया जाता है। तबले के द्वारा अनेकों प्रकार के बोल निकाले जाते हैं।[1]

प्रसिद्ध तबला वादक

तबलावादन के कुछ प्रसिद्ध घराने


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 तबला (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) हिन्दी वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 1 जून, 2011।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख