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'''डेनजोंग''' [[सिक्किम]] का ही एक अन्य नाम है। पूर्वोत्तर [[हिमालय]] के [[कंचनजंघा]] से झाँकता सिक्किम अपने अपूर्व प्राकृतिक सौंदर्य व समृद्ध वन्य संपदाओं के लिए सम्पूर्ण विश्व में प्रसद्धि है। 'डेनजोंग' का अर्थ है- "[[चावल]] का कटोरा"। यह नामकरण [[तिब्बत]] के लोगों का दिया हुआ है।
'''डेनजोंग''' [[सिक्किम]] का ही एक अन्य नाम है। पूर्वोत्तर [[हिमालय]] के [[कंचनजंघा]] से झाँकता सिक्किम अपने अपूर्व प्राकृतिक सौंदर्य व समृद्ध वन्य संपदाओं के लिए सम्पूर्ण विश्व में प्रसद्धि है। 'डेनजोंग' का शाब्दिक अर्थ है- "[[चावल]] का कटोरा"। यह नामकरण [[तिब्बत]] के लोगों का दिया हुआ है।


*सिक्किम 'लिम्बु भाषा' के शब्द 'सुखिम’ का अपभ्रंश है। 'सु’ का अर्थ है- 'नया' और 'खिम’ का अर्थ है- 'राज-प्रासाद'।
*सिक्किम 'लिम्बु भाषा' के शब्द 'सुखिम’ का अपभ्रंश है। 'सु’ का अर्थ है- 'नया' और 'खिम’ का अर्थ है- 'राज-प्रासाद'।

12:41, 15 फ़रवरी 2013 का अवतरण

डेनजोंग सिक्किम का ही एक अन्य नाम है। पूर्वोत्तर हिमालय के कंचनजंघा से झाँकता सिक्किम अपने अपूर्व प्राकृतिक सौंदर्य व समृद्ध वन्य संपदाओं के लिए सम्पूर्ण विश्व में प्रसद्धि है। 'डेनजोंग' का शाब्दिक अर्थ है- "चावल का कटोरा"। यह नामकरण तिब्बत के लोगों का दिया हुआ है।

  • सिक्किम 'लिम्बु भाषा' के शब्द 'सुखिम’ का अपभ्रंश है। 'सु’ का अर्थ है- 'नया' और 'खिम’ का अर्थ है- 'राज-प्रासाद'।
  • यहाँ के प्रथम शासक पंचे नामग्याल ने यह नामकरण किया था। इन्होंने सुखिम राज्य की स्थापना की थी और इसकी पहली राजधानी राबदेन्शो को बनाया।
  • एक किवदंती यह भी है कि किसी समय में यहाँ के आदि लेप्चा राजा ने एक लिम्बु राजकुमारी से विवाह किया। जब राजकुमारी अपने नए राजमहल में पधारी तो उसने अपनी प्रसन्नता को 'सुहिम-सुहिम’ शब्दों के साथ व्यक्त किया, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- अति सुन्दर। सिक्किम राज्य आज भी शांति व सौंदर्य का प्रतीक बना हुआ है।

इन्हें भी देखें: सिक्किम


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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