"योसांग होली": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[चित्र:Yosang-holi.jpg|thumb|योसांग होली, [[मणिपुर]]]] | |||
'''योसांग होली''' [[मणिपुर]] में मनाई जाती है। मणिपुर में [[होली]] पूरे 6 दिनों तक चलती है, जिसे योसांग कहते हैं। यहाँ होली की शुरुआत में [[होलिका]] न बनाकर एक घासफूस की एक झोपड़ी बनाई जाती है और इसमें [[आग]] लगाते हैं। अगले दिन लड़कों की टोलियाँ लड़कियों के साथ होली खेलती है, इसके बदले में उन्हें लड़की को उपहार देना होता है। होली के दौरान लोग कृष्ण मंदिर में [[पीला रंग|पीले]] और [[सफेद रंग]] के पारंपरिक परिधान पहनकर जाते हैं और [[संगीत]] और [[नृत्य]] करते हैं। इस दौरान थाबल चोंगा वाद्य बजाया जाता है और लड़के-लड़कियाँ नाचते हैं। वे एक-दूसरे को [[गुलाल]] लगाते हैं। इस त्योहार का उद्देश्य लड़के-लड़कियों को एक-दूसरे से मिलने के लिए मौका देना भी होता है। | '''योसांग होली''' [[मणिपुर]] में मनाई जाती है। मणिपुर में [[होली]] पूरे 6 दिनों तक चलती है, जिसे योसांग कहते हैं। यहाँ होली की शुरुआत में [[होलिका]] न बनाकर एक घासफूस की एक झोपड़ी बनाई जाती है और इसमें [[आग]] लगाते हैं। अगले दिन लड़कों की टोलियाँ लड़कियों के साथ होली खेलती है, इसके बदले में उन्हें लड़की को उपहार देना होता है। होली के दौरान लोग कृष्ण मंदिर में [[पीला रंग|पीले]] और [[सफेद रंग]] के पारंपरिक परिधान पहनकर जाते हैं और [[संगीत]] और [[नृत्य]] करते हैं। इस दौरान थाबल चोंगा वाद्य बजाया जाता है और लड़के-लड़कियाँ नाचते हैं। वे एक-दूसरे को [[गुलाल]] लगाते हैं। इस त्योहार का उद्देश्य लड़के-लड़कियों को एक-दूसरे से मिलने के लिए मौका देना भी होता है। | ||
14:05, 17 मार्च 2013 का अवतरण
योसांग होली मणिपुर में मनाई जाती है। मणिपुर में होली पूरे 6 दिनों तक चलती है, जिसे योसांग कहते हैं। यहाँ होली की शुरुआत में होलिका न बनाकर एक घासफूस की एक झोपड़ी बनाई जाती है और इसमें आग लगाते हैं। अगले दिन लड़कों की टोलियाँ लड़कियों के साथ होली खेलती है, इसके बदले में उन्हें लड़की को उपहार देना होता है। होली के दौरान लोग कृष्ण मंदिर में पीले और सफेद रंग के पारंपरिक परिधान पहनकर जाते हैं और संगीत और नृत्य करते हैं। इस दौरान थाबल चोंगा वाद्य बजाया जाता है और लड़के-लड़कियाँ नाचते हैं। वे एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं। इस त्योहार का उद्देश्य लड़के-लड़कियों को एक-दूसरे से मिलने के लिए मौका देना भी होता है।
इन्हें भी देखें: मथुरा होली चित्र वीथिका, बरसाना होली चित्र वीथिका एवं बलदेव होली चित्र वीथिका
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख