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====विवाह====
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वर्ष [[1926]] में राजा बजरंग बहादुर सिंह का विवाह [[अजयगढ़]] के महाराजा पुण्य प्रताप सिंह और महारानी रुक्मणी देवी की पुत्री रानी गिरिजा देवी से हुआ। [[राजा उदय प्रताप सिंह|उदय प्रताप सिंह]] राजा बजरंग बहादुर के  पुत्र है।
वर्ष [[1926]] में राजा बजरंग बहादुर सिंह का विवाह [[अजयगढ़]] के महाराजा पुण्य प्रताप सिंह और महारानी रुक्मणी देवी की पुत्री रानी गिरिजा देवी से हुआ।  
==== स्वतंत्रता संग्राम में योगदान====
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बतौर [[स्वतंत्रता सेनानी सूची|स्वतंत्रता संग्राम सेनानी]] राजा बजरंग बहादुर सिंह कई आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई। स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में इनकी रियासत भदरी का कई स्थानों पर ज़िक्र है। [[महात्मा गाँधी]] के [[असहयोग आंदोलन]] का राजा भदरी ने समर्थन किया और असहयोग आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका दर्ज कराते हुए बजरंग बहादुर सिंह ने विदेशी वस्त्रो का बहिष्कार कर कपड़ों की [[होली]] जलायी।
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14:32, 27 अगस्त 2014 का अवतरण

राजा बजरंग बहादुर सिंह
राजा बजरंग बहादुर सिंह के साथ जवाहर लाल नेहरू
राजा बजरंग बहादुर सिंह के साथ जवाहर लाल नेहरू
पूरा नाम राजा बजरंग बहादुर सिंह
जन्म 1905
जन्म भूमि प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1970
पति/पत्नी रानी गिरिजा देवी
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि स्वतंत्रता सेनानी एवं राज्यपाल
पार्टी कांग्रेस
पद हिमाचल प्रदेश के दूसरे राज्यपाल
भाषा अंग्रेज़ी, हिन्दी, अवधी
पुरस्कार-उपाधि राय
विशेष योगदान असहयोग आन्दोलन
रचनाएँ हाउ टू ट्रेन योर डॉग
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राजा राय बजरंग बहादुर सिंह (1905-1970) स्वतंत्रता सेनानीहिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। वे अवध प्रतापगढ़ की रियासत भदरी के राजा थे।

संक्षिप्त परिचय

राजा बजरंग बहादुर सिंह

राजा बजरंग बहादुर सिंह का जन्म सन 1905 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ मे भदरी नरेश राजा किशन प्रसाद सिंह के घर हुआ। आपके दो भाई भद्रेश्वर प्रताप सिंह और त्रिलोचन प्रताप सिंह थे लेकिन भदरी नरेश के ज्येष्ठ पुत्र होने के कारण पिता की रियासत के राजा आप बने। आप राजा साहब भदरी और राजा राय साहब जैसे उपनामो भी जाने जाते थे।

विवाह

वर्ष 1926 में राजा बजरंग बहादुर सिंह का विवाह अजयगढ़ के महाराजा पुण्य प्रताप सिंह और महारानी रुक्मणी देवी की पुत्री रानी गिरिजा देवी से हुआ।

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

बतौर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा बजरंग बहादुर सिंह कई आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई। स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में इनकी रियासत भदरी का कई स्थानों पर ज़िक्र है। महात्मा गाँधी के असहयोग आंदोलन का राजा भदरी ने समर्थन किया और असहयोग आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका दर्ज कराते हुए बजरंग बहादुर सिंह ने विदेशी वस्त्रो का बहिष्कार कर कपड़ों की होली जलायी।

राज्यपाल पद

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वर्ष 1955 में राजा बजरंग बहादुर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बने। 1 जनवरी 1955 को राज्यपाल पद पर नियुक्ति हुई और 13 अगस्त 1963 तक इस पद पर कार्यरत रहे।

सामाजिक जीवन

देश के पहले कृषि विश्वविद्यालय अर्थात गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रिकल्चर एंड टेक्नॉलोजी के संस्थापक सदस्य व उपकुलपति थे। आपने "हाउ टू ट्रेन योर डॉग" नामक पुस्तक भी लिखी। राय साहब बजरंग ने हिंद फ्लाइंग क्लब की स्थापना की थी।

निधन

वर्ष 1970 में एक बीमार रहने के कारण देश के एक कुशल प्रशासक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजसेवी राजा बजरंग बहादुर सिंह का निधन हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

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