"जयपाल सिंह": अवतरणों में अंतर
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'''जयपाल सिंह''' भारतीय [[हॉकी]] के प्रसिद्ध खिलाड़ियों में से एक थे। वर्ष [[1928]] से [[1956]] तक का समय भारतीय हॉकी के लिए स्वर्णिम युग था। डॉ. जयपाल सिंह को वर्ष [[1928]] में एमस्टर्डम में आयोजित [[ओलम्पिक खेल|ओलम्पिक खेलों]] में भारतीय हॉकी टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था। इस ओलम्पिक में [[भारत]] ने जयपाल सिंह के नेतृत्व में देश के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। | '''जयपाल सिंह''' भारतीय [[हॉकी]] के प्रसिद्ध खिलाड़ियों में से एक थे। वर्ष [[1928]] से [[1956]] तक का समय भारतीय हॉकी के लिए स्वर्णिम युग था। डॉ. जयपाल सिंह को वर्ष [[1928]] में एमस्टर्डम में आयोजित [[ओलम्पिक खेल|ओलम्पिक खेलों]] में भारतीय हॉकी टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था। इस ओलम्पिक में [[भारत]] ने जयपाल सिंह के नेतृत्व में देश के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। | ||
*भारतीय हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी जयपाल सिंह का जन्म [[रांची]] में था। | *भारतीय हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी जयपाल सिंह का जन्म [[रांची]] में हुआ था। | ||
* | *भारत के लिए हॉकी का स्वर्णिम युग [[1928]]-[[1956]] तक था, जब भारतीय हॉकी दल ने लगातार 6 ओलम्पिक स्वर्ण पदक प्राप्ति किए थे। | ||
*[[1928]] तक हॉकी [[भारत]] के लिए एक जुनून बन चुकी थी और बाद में यह देश का राष्ट्रीय खेल बन गई। | *[[1928]] तक हॉकी [[भारत]] के लिए एक जुनून बन चुकी थी और बाद में यह देश का राष्ट्रीय खेल बन गई। | ||
*वर्ष 1928 में ही एमस्टर्डम ओलम्पिक में भारतीय टीम पहली बार प्रतियोगिता में शामिल हुई। टीम ने पाँच मुक़ाबलों में एक भी गोल दिए बगैर स्वर्ण पदक जीता। | *वर्ष 1928 में ही एमस्टर्डम ओलम्पिक में भारतीय टीम पहली बार प्रतियोगिता में शामिल हुई। टीम ने पाँच मुक़ाबलों में एक भी गोल दिए बगैर स्वर्ण पदक जीता। |
10:04, 6 जून 2013 का अवतरण
जयपाल सिंह भारतीय हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ियों में से एक थे। वर्ष 1928 से 1956 तक का समय भारतीय हॉकी के लिए स्वर्णिम युग था। डॉ. जयपाल सिंह को वर्ष 1928 में एमस्टर्डम में आयोजित ओलम्पिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था। इस ओलम्पिक में भारत ने जयपाल सिंह के नेतृत्व में देश के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त किया था।
- भारतीय हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी जयपाल सिंह का जन्म रांची में हुआ था।
- भारत के लिए हॉकी का स्वर्णिम युग 1928-1956 तक था, जब भारतीय हॉकी दल ने लगातार 6 ओलम्पिक स्वर्ण पदक प्राप्ति किए थे।
- 1928 तक हॉकी भारत के लिए एक जुनून बन चुकी थी और बाद में यह देश का राष्ट्रीय खेल बन गई।
- वर्ष 1928 में ही एमस्टर्डम ओलम्पिक में भारतीय टीम पहली बार प्रतियोगिता में शामिल हुई। टीम ने पाँच मुक़ाबलों में एक भी गोल दिए बगैर स्वर्ण पदक जीता।
- जयपाल सिंह की कप्तानी में टीम ने, जिसमें 'हॉकी के जादूगर' कहे जाने वाले महान खिलाड़ी ध्यानचंद भी शामिल थे, अंतिम मुक़ाबले में हॉलैंड को आसानी से हराकर स्वर्ण पदक जीता था।
- युवा ध्यानचंद ने अपने खेल से एम्सटर्डम के खेल प्रेमियों को मंत्र मुग्ध कर दिया था। पूरे टूर्नामेंट में जहाँ ध्यानचंद की जादूगरी शबाब पर थी, वहीं कोई भी विरोधी टीम एक बार भी भारतीय गोलपोस्ट को भेदने के लिए तरस गई।
- वर्ष 1936 में जयपाल सिंह राजनीति में आ गये थे और बाद में 'झारखण्ड पार्टी' का गठन किया।
- आदिवासी नेता जयपाल सिंह 1952 में वे प्रथम लोकसभा के सदस्य बने और आजीवन अपने क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य रहे।
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