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'''गिरिडीह''' नगर, [[झारखण्ड]] राज्य, पूर्वोत्तर [[भारत]] में स्थित है। यह [[हज़ारीबाग़]] शहर से 115 किलोमीटर पूर्वोत्तर में उसरी नदी के दोनों ओर स्थित है। [[1871]] में इस नगर तक पूर्वी रेलवे की एक ब्रांच लाइन का निर्माण किया गया, जिससे समीप के कहारबाड़ी, सेरामपुर और बनाईडीह की खदानों से निकले कोयले की ढुलाई का यह महत्त्वपूर्ण केन्द्र बन गया। यहाँ पर देश की प्रमुख अभ्रक उत्पादन कम्पनियों के मुख्यालय और विनोबा भावे विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कई महाविद्यालय हैं। | '''गिरिडीह''' नगर, [[झारखण्ड]] राज्य, पूर्वोत्तर [[भारत]] में स्थित है। यह [[हज़ारीबाग़]] शहर से 115 किलोमीटर पूर्वोत्तर में उसरी नदी के दोनों ओर स्थित है। [[1871]] में इस नगर तक पूर्वी रेलवे की एक ब्रांच लाइन का निर्माण किया गया, जिससे समीप के कहारबाड़ी, सेरामपुर और बनाईडीह की खदानों से निकले कोयले की ढुलाई का यह महत्त्वपूर्ण केन्द्र बन गया। यहाँ पर देश की प्रमुख अभ्रक उत्पादन कम्पनियों के मुख्यालय और विनोबा भावे विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कई महाविद्यालय हैं। | ||
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11:54, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
गिरिडीह
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विवरण | जिस क्षेत्र में गिरिडीह स्थित है, वह छोटा नागपुर इलाक़े का हिस्सा है और इसमें पठारों की श्रृंखला साल, सहजन और कहीं-कहीं बांस व बबूल के जंगलों से ढकी हुई हैं। |
राज्य | झारखण्ड |
ज़िला | गिरिडीह |
स्थापना | 1972 |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 24°11, पूर्व- 86°18 |
मार्ग स्थिति | गिरिडीह, हज़ारीबाग़ नगर से 115 किमी पूर्वोत्तर में उसरी नदी के दोनों ओर स्थित है। |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि |
रांची हवाई अड्डा | |
मधुपुर रेलवे स्टेशन | |
टैक्सी, टोंगा | |
क्या देखें | उसरी झरना, खण्डोली |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
एस.टी.डी. कोड | 6532 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
गूगल मानचित्र | |
संबंधित लेख | गिरिडीह पर्यटन
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अन्य जानकारी | गिरिडीह अपनी ख़ूबसूरती के कारण श्रद्धालुओं के साथ पर्यटकों में भी बहुत लोकप्रिय है। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 14:48, 25 नवम्बर 2011 (IST)
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गिरिडीह नगर, झारखण्ड राज्य, पूर्वोत्तर भारत में स्थित है। यह हज़ारीबाग़ शहर से 115 किलोमीटर पूर्वोत्तर में उसरी नदी के दोनों ओर स्थित है। 1871 में इस नगर तक पूर्वी रेलवे की एक ब्रांच लाइन का निर्माण किया गया, जिससे समीप के कहारबाड़ी, सेरामपुर और बनाईडीह की खदानों से निकले कोयले की ढुलाई का यह महत्त्वपूर्ण केन्द्र बन गया। यहाँ पर देश की प्रमुख अभ्रक उत्पादन कम्पनियों के मुख्यालय और विनोबा भावे विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कई महाविद्यालय हैं।
भौगोलिक स्थिति
जिस क्षेत्र में गिरिडीह अवस्थित है, वह छोटा नागपुर इलाक़े का हिस्सा है और इसमें पठारों की श्रृंखला साल तथा सहजन और कहीं-कहीं बांस व बबूल के जंगलों से ढकी हुई हैं। इस क्षेत्र की लाल मिट्टी बराकर और दामोदर नदी की सहायक धाराओं द्वारा अपवाहित हैं। स्थानीय अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है और कृषि भूमि पठारों के समतल शीर्ष और घाटी के मैदानों तक ही सीमित हैं।
कृषि और खनिज
यहाँ की फ़सलों में चावल, मक्का, रागी (बाजरे की एक क़िस्म), सफ़ेद चना और सब्ज़ियाँ शामिल हैं।
उद्योग और व्यापार
इस क्षेत्र के उद्योगों में धातु के सामान, रसायन, खाद्य पदार्थ, फ़र्नीचर, घरेलू सामान और बिजली के केबल तथा तार का उत्पादन होता है। तांबा, एपाटाइट, कायनाइट, कोयला, अभ्रक और अन्य खनिजों का उत्खनन होता है। इस क्षेत्र के नगरों की स्थापना और विकास का श्रेय खनन तथा औद्योगिक इकाइयों को जाता है; इस क्षेत्र में रेलवे का निर्माण मुख्य रूप से खनिज संसाधनों के दोहन के लिए ही हुआ था।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार गिरिडीह नगर की कुल जनसंख्या 98,569 है; और गिरिडीह ज़िले की कुल जनसंख्या 19,01,564 है।
पर्यटन
गिरिडीह अपनी ख़ूबसूरती के कारण श्रद्धालुओं के साथ पर्यटकों में भी बहुत लोकप्रिय है। इस पहाड़ी के अलावा भी गिरिडीह में घूमने के लिए कई बेहतरीन पर्यटक स्थल है जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इन पर्यटक स्थलों में उसरी झरना, मधुबन, खण्डोली, हरिहर धाम और झारखंडी धाम प्रमुख हैं।
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संबंधित लेख