"हिन्दी सामान्य ज्ञान 12": अवतरणों में अंतर
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{[[भक्तिकाल]] का एक [[कवि]] '[[अवतारवाद]]' और मूर्तिपूजा का विरोधी | {निम्न में से [[भक्तिकाल]] का एक [[कवि]] '[[अवतारवाद]]' और मूर्तिपूजा का विरोधी था। इसके बावज़ूद वह [[हिन्दू धर्म|हिन्दुओं]] के जन्म-मृत्यु सम्बन्धी सिद्धांत को मानता रहा। वह रचनाकार कौन था? | ||
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-[[कुतबन]] | -[[कुतबन]] | ||
{भक्तिकालीन कवियों में एक ऐसा ख्यातिलब्ध रचनाकार | {[[भक्ति काल|भक्तिकालीन]] कवियों में एक ऐसा ख्यातिलब्ध रचनाकार भी थी, जो अपने काव्य में लोकव्यापी प्रभाव वाले कर्म और लोकव्यापिनी दशाओं के वर्णन में माहिर था। ऐसे रचनाकार का नाम था- | ||
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-[[जायसी]] | -[[जायसी]] | ||
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+[[तुलसीदास]] | +[[तुलसीदास]] | ||
-[[रविदास]] | -[[रविदास]] | ||
|| [[चित्र:Tulsidas.jpg|150px|गोस्वामी तुलसीदास|right]] गोस्वामी तुलसीदास [1497(1532) - 1623] एक महान कवि थे। उनका जन्म राजापुर, (वर्तमान बाँदा ज़िला) [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। तुलसी का बचपन बड़े कष्टों में बीता। माता-पिता दोनों चल बसे और इन्हें भीख मांगकर अपना पेट पालना पड़ा था। इसी बीच इनका परिचय राम-भक्त साधुओं से हुआ और इन्हें ज्ञानार्जन का अनुपम अवसर मिल गया। पत्नी के व्यंग्यबाणों से विरक्त होने की लोकप्रचलित कथा को कोई प्रमाण नहीं मिलता। अपने जीवनकाल में तुलसीदास जी ने 12 ग्रन्थ लिखे और उन्हें [[संस्कृत]] विद्वान होने के साथ ही हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ट कवियों में एक माना जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तुलसीदास]] | ||[[चित्र:Tulsidas.jpg|150px|गोस्वामी तुलसीदास|right]] गोस्वामी तुलसीदास [1497(1532) - 1623] एक महान कवि थे। उनका जन्म राजापुर, (वर्तमान बाँदा ज़िला) [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। तुलसी का बचपन बड़े कष्टों में बीता। माता-पिता दोनों चल बसे और इन्हें भीख मांगकर अपना पेट पालना पड़ा था। इसी बीच इनका परिचय राम-भक्त साधुओं से हुआ और इन्हें ज्ञानार्जन का अनुपम अवसर मिल गया। पत्नी के व्यंग्यबाणों से विरक्त होने की लोकप्रचलित कथा को कोई प्रमाण नहीं मिलता। अपने जीवनकाल में तुलसीदास जी ने 12 ग्रन्थ लिखे और उन्हें [[संस्कृत]] विद्वान होने के साथ ही हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ट कवियों में एक माना जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तुलसीदास]] | ||
{'जायसी -ग्रंथावली' के सम्पादक का नाम है? | {'जायसी -ग्रंथावली' के सम्पादक का नाम है? | ||
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+[[रामचन्द्र शुक्ल]] | +[[रामचन्द्र शुक्ल]] | ||
{दोहा छन्द में शृंगारी रचना प्रस्तुत करने वालों में [[हिन्दी]] के सर्वाधिक ख्यातिलब्ध कवि हैं? | {[[दोहा|दोहा छन्द]] में शृंगारी रचना प्रस्तुत करने वालों में [[हिन्दी]] के सर्वाधिक ख्यातिलब्ध कवि हैं? | ||
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-[[रहीम]] | -[[रहीम]] | ||
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+[[बिहारी लाल|बिहारी]] | +[[बिहारी लाल|बिहारी]] | ||
-[[भूषण]] | -[[भूषण]] | ||
|| हिन्दी साहित्य के रीति काल के कवियों में बिहारीलाल का नाम महत्त्वपूर्ण है। महाकवि बिहारीलाल का जन्म 1595 के लगभग [[ग्वालियर]] में हुआ। वे जाति के माथुर चौबे थे। उनके पिता का नाम केशवराय था। उनका बचपन [[बुंदेलखंड]] में कटा और युवावस्था ससुराल [[मथुरा]] में व्यतीत हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[बिहारी लाल]] | ||[[हिन्दी साहित्य]] के [[रीति काल]] के कवियों में बिहारीलाल का नाम महत्त्वपूर्ण है। महाकवि बिहारीलाल का जन्म 1595 के लगभग [[ग्वालियर]] में हुआ। वे जाति के माथुर चौबे थे। उनके [[पिता]] का नाम केशवराय था। उनका बचपन [[बुंदेलखंड]] में कटा और युवावस्था ससुराल [[मथुरा]] में व्यतीत हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[बिहारी लाल]] | ||
{जलप्लावन भारतीय इतिहास की ऐसी प्राचीन घटना है जिसको आधार बनाकर छायावादी युग में एक महाकाव्य लिखा | {जलप्लावन भारतीय इतिहास की ऐसी प्राचीन घटना है, जिसको आधार बनाकर [[छायावादी युग]] में एक [[महाकाव्य]] लिखा गया। उसका नाम है- | ||
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-[[लोकायतन -पंत|लोकायतन]] | -[[लोकायतन -पंत|लोकायतन]] | ||
-कुरुक्षेत्र | -[[कुरुक्षेत्र -रामधारी सिंह दिनकर|कुरुक्षेत्र]] | ||
+[[कामायनी -प्रसाद|कामायनी]] | +[[कामायनी -प्रसाद|कामायनी]] | ||
-चिदम्बरा | -[[चिदम्बरा -सुमित्रानन्दन पंत|चिदम्बरा]] | ||
{शब्दार्थों सहित काव्यम् यह उक्ति किसकी है? | {शब्दार्थों सहित काव्यम् यह उक्ति किसकी है? | ||
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-[[मम्मट]] | -[[मम्मट]] | ||
-कुंतक | -[[कुंतक]] | ||
+भामह | +भामह | ||
-चिंतामणि | -चिंतामणि | ||
{ढ़ाई आखर प्रेम के, पढ़ै सो पंडित होय॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं | {'ढ़ाई आखर प्रेम के, पढ़ै सो पंडित होय॥' प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं- | ||
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-[[मीराबाई]] | -[[मीराबाई]] | ||
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+[[कबीर दास]] | +[[कबीर दास]] | ||
{चौपाई के प्रत्येक चरण में मात्राएँ होती हैं- | {[[चौपाई]] के प्रत्येक चरण में मात्राएँ होती हैं- | ||
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13:56, 18 जून 2014 का अवतरण
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- भाषा प्रांगण, हिन्दी भाषा
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