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|हिन्दी=दबाब, असर, अधिकार, इख़्तियार, प्रताप, तेज, (अन्न/ दवा आदि का) गुण या गुणकारिता, सामर्थ्य, शक्ति, बल, महत्व, गौरव, अलौकिक शक्ति, चमत्कारी असर, महिमा, महात्म्य, (रोग आदि का) परिणाम, फल, (आयुर्वेद॰) द्रव्यों की अपनी शक्ति विशेष। (काव्यशास्त्र/साहित्यशास्त्र) साहित्य को पढ़ने, देखने, सुनने से उत्पन्न या उससे प्रेरित पाठक, श्रोता, दर्शक की प्रतिक्रिया, (राजनीतिशास्त्र/राजनीतिविज्ञान) राज्य, राजा, शासक की शक्ति जो दंड, कोष आदि के रूप में प्रकट होती है। (धर्म॰) ॠषि, मुनि आदि के तप की अथवा दिए गए वरदान, शाप आदि की शक्ति।
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|व्याकरण=[संस्कृतभाषा प्र धातु भू + घञ्] पुल्लिंग  
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|उदाहरण=संगीत का मानव जीवन पर प्रारम्भिक दौर से ही महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है।
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|विशेष=प्रभाव शब्द कोश का वर्णन अनेक शास्त्रों में मिलता है जैसे- काव्यशास्त्र/साहित्यशास्त्र में साहित्य को पढ़ने, देखने, सुनने से उत्पन्न या उससे प्रेरित पाठक, श्रोता, दर्शक की प्रतिक्रिया को प्रभाव कहते हैं।
|पर्यायवाची=असर, गुण, छाप, ज़ोर, तासीर, थाप, दाप, रंग, रंगत, ललाम, विभव, संस्कार, साया, स्पर्श।
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|संस्कृत=प्रभाव: [ प्र + भू + घञ् ] कान्ति, दीप्ति, उजाला, गरिमा, यश, महिमा, तेज, भव्य कान्ति- प्रभाव- <ref>वानिव लक्ष्यते शकुन्तला नाटक</ref> 1, सामर्थ्य, शौर्य, शक्ति, अव्यर्थता- <ref>पंचतन्त्र 1/7</ref>, राजोचित शक्ति (तीन शक्तियों में से एक), अतिमानव शक्ति, अलौकिक- शक्ति – <ref>रघुवंश 2/41, 62, 3/40</ref>, <ref>विक्रमांकदेवचरित 1, 2, 5</ref>, महानुभावता । समस्त पद-ज (विक्रमोर्वशीयम्) राजशक्ति से उत्पन्न प्रभाव से युक्त ।
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07:53, 9 जुलाई 2010 का अवतरण

हिन्दी दबाब, असर, अधिकार, इख़्तियार, प्रताप, तेज, (अन्न/ दवा आदि का) गुण या गुणकारिता, सामर्थ्य, शक्ति, बल, महत्व, गौरव, अलौकिक शक्ति, चमत्कारी असर, महिमा, महात्म्य, (रोग आदि का) परिणाम, फल, (आयुर्वेद॰) द्रव्यों की अपनी शक्ति विशेष। (राजनीतिशास्त्र/राजनीतिविज्ञान) राज्य, राजा, शासक की शक्ति जो दंड, कोष आदि के रूप में प्रकट होती है। (धर्मशास्त्र) ॠषि, मुनि आदि के तप की अथवा दिए गए वरदान, शाप आदि की शक्ति।
-व्याकरण    [संस्कृतभाषा प्र धातु भू + घञ्] पुल्लिंग
-उदाहरण  
(शब्द प्रयोग)  
संगीत का मानव जीवन पर प्रारम्भिक दौर से ही महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है।
-विशेष    प्रभाव शब्द कोश का वर्णन अनेक शास्त्रों में मिलता है जैसे- काव्यशास्त्र/साहित्यशास्त्र में साहित्य को पढ़ने, देखने, सुनने से उत्पन्न या उससे प्रेरित पाठक, श्रोता, दर्शक की प्रतिक्रिया को प्रभाव कहते हैं।
-विलोम  
-पर्यायवाची    असर, गुण, छाप, ज़ोर, तासीर, थाप, दाप, रंग, रंगत, ललाम, विभव, संस्कार, साया, स्पर्श।
संस्कृत प्रभाव: [ प्र + भू + घञ् ] कान्ति, दीप्ति, उजाला, गरिमा, यश, महिमा, तेज, भव्य कान्ति- प्रभाव- [1] 1, सामर्थ्य, शौर्य, शक्ति, अव्यर्थता- [2], राजोचित शक्ति (तीन शक्तियों में से एक), अतिमानव शक्ति, अलौकिक- शक्ति – [3], [4], महानुभावता । समस्त पद-ज (विक्रमोर्वशीयम्) राजशक्ति से उत्पन्न प्रभाव से युक्त ।
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द
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अन्य भाषाओं मे
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शब्द प्रभाव प्रभाव असर, तासीर प्रभाव असर प्रभाव, शक्ति, प्रताप
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शब्द सेल्-वाक्कु प्रभाव प्रभाव
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शब्द प्रभाव प्रभावं, स्वाधीनं प्रभा, असरु Power, Might, Majesty, Influence, Effect, Impression

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वानिव लक्ष्यते शकुन्तला नाटक
  2. पंचतन्त्र 1/7
  3. रघुवंश 2/41, 62, 3/40
  4. विक्रमांकदेवचरित 1, 2, 5