"सूर्यवंश": अवतरणों में अंतर
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*इससे पहले [[कश्यप]] थे। कश्यप के पुत्र [[सूर्य देवता|सूर्य]] और सूर्य के पुत्र के पुत्र [[वैवस्वत मनु|वैवश्वत मनु]] हुए। इन्हीं वैवश्वत मनु के पुत्र इक्ष्वाकु थे। इसी वंश में बाद में [[दशरथ]], [[राम]], [[लव कुश|लव-कुश]] आदि का जन्म हुआ। | *इससे पहले [[कश्यप]] थे। कश्यप के पुत्र [[सूर्य देवता|सूर्य]] और सूर्य के पुत्र के पुत्र [[वैवस्वत मनु|वैवश्वत मनु]] हुए। इन्हीं वैवश्वत मनु के पुत्र इक्ष्वाकु थे। इसी वंश में बाद में [[दशरथ]], [[राम]], [[लव कुश|लव-कुश]] आदि का जन्म हुआ। | ||
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05:45, 18 जुलाई 2010 का अवतरण
- क्षत्रियों के दो प्रधान वंशों में से एक जिसका आरम्भ इक्ष्वाकु से माना जाता है, जिन्होंने त्रेता युग में अयोध्या में राज किया।
- पुराने जमाने में हमारे यहाँ राजपूतों के दो ख़ानदान बहुत प्रसिद्ध थे। एक चन्द्रवंश, दूसरा सूर्यवंश, राम सूर्य वंशी थे।
- सूर्य वंशी राजाओं का इतिहास पुराणों में मिलता है।
- अयोध्या उनकी राजधानी थी और राज्य का नाम कोशल था।
- यह अयोध्या सरयू नदी के तट तीर्थ के रूप में विद्यमान है। इसको राजा युवनाश्व ने बसाया।
- ये मांधाता के पुत्र थे। भगवान राम सूर्यवंश में उत्पन्न हुए।
- यह वंश राजा इक्ष्वाकु से शु्रू हुआ।
- भागवत के अनुसार सूर्यवंश के आदिपुरुष इक्ष्वाकु थे जिन्होंने त्रेतायुग में अयोध्या में राज किया।
- इससे पहले कश्यप थे। कश्यप के पुत्र सूर्य और सूर्य के पुत्र के पुत्र वैवश्वत मनु हुए। इन्हीं वैवश्वत मनु के पुत्र इक्ष्वाकु थे। इसी वंश में बाद में दशरथ, राम, लव-कुश आदि का जन्म हुआ।
- सूर्यवंश के कुल की अधिक जानकारी के लिए देखें-सूर्यवंश वृक्ष